सिलचर से सांसद रहीं सुष्मिता देव ने 15 अगस्त को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को अपना इस्तीफ़ा भेजा था. अपने त्यागपत्र में उन्होंने पार्टी छोड़ने के कारण का कोई उल्लेख नहीं किया था. सोमवार को कोलकाता में वे तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गईं.
नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व सांसद सुष्मिता देव ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहीं सुष्मिता ने 15 अगस्त को पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा.
सुष्मिता ने अपने त्यागपत्र में पार्टी छोड़ने के कारण का कोई उल्लेख नहीं किया, हालांकि उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने के साथ ही खुद को मिले मार्गदर्शन एवं सहयोग के लिए सोनिया गांधी और पार्टी नेतृत्व का धन्यवाद किया.
उन्होंने कहा, ‘मैं आशा करती हूं जब मैं जनसेवा के अपने जीवन में नया अध्याय शुरू करने जा रही हूं तो आपकी शुभकामनाएं मेरे साथ होंगी.’
Kolkata, West Bengal: Sushmita Dev, who resigned from Congress today, joins TMC in the presence of party leaders Abhishek Banerjee and Derek O'Brien. pic.twitter.com/4KFNVKm3V8
— ANI (@ANI) August 16, 2021
कांग्रेस छोड़ने के बाद सुष्मिता सोमवार दोपहर कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की उपस्थिति में पार्टी में शामिल हो गईं.
तृणमूल कांग्रेस ने पार्टी में शामिल होने के लिए पूर्व सांसद का स्वागत किया.
तृणमूल कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘‘हम अपने तृणमूल परिवार में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सुष्मिता देव का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं! ममता शासन से प्रेरित होकर, वह आज हमारे राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक और राज्यसभा में संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन की उपस्थिति में हमारे साथ जुड़ी हैं.’’
तृणमूल में शामिल होने के बाद सुष्मिता ने ‘खेला होबे’ हैशटैग से ट्वीट किया, ‘ममता बनर्जी, आपका धन्यवाद.’
वे असम के सिलचर से लोकसभा सदस्य रही हैं. उनके करीबी कुछ सूत्रों ने पहले ही बताया था कि वे टीएमसी में शामिल हो सकती हैं.
कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद सुष्मिता ने अपने ट्विटर एकाउंट पर अपने प्रोफाइल से संबंधित कुछ जानकारियां बदल दीं. उन्होंने अपने प्रोफाइल में ‘कांग्रेस की पूर्व सदस्य’ और ‘अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष’ लिख दिया है.
सुष्मिता देव के पिता संतोष मोहन देव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और केंद्र में मंत्री भी रहे. वे सात बार सांसद रहे हैं. उन्होंने पांच बार असम से सिलचर और दो बार त्रिपुरा का प्रतिनिधित्व किया था.
एनडीटीवी के मुताबिक, देव उन कांग्रेसी नेताओं में शामिल थीं, जिनका ट्विटर हैंडल दिल्ली में कथित रूप से बलात्कार और हत्या की नौ साल की बच्ची के माता-पिता की तस्वीरें दिखाने वाली एक पोस्ट के लिए बंद कर दिया था.
सुष्मिता देव के पार्टी छोड़ने के फैसले पर कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा ने उनसे पुनर्विचार करने और इस्तीफा वापस ने का अनुरोध किया.
Sushmita Dev was a dedicated Congress leader, never thought she would take such a decision. We were like family. If she had anything against the party, she should have discussed it. I request her to reconsider her decision & withdraw resignation: Congress MP Ripun Bora pic.twitter.com/ljJ1GUI8iY
— ANI (@ANI) August 16, 2021
उन्होंने कहा, ‘सुष्मिता देव एक समर्पित कांग्रेस नेता थीं, मैंने कभी नहीं सोचा था कि वह ऐसा निर्णय लेंगी. हम परिवार की तरह थे. अगर उनके पास पार्टी के खिलाफ कुछ भी था, तो उन्हें इस पर चर्चा करनी चाहिए थी. मैं उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध करता हूं.’
सुष्मिता के इस्तीफे पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और उम्मीद जताई कि पूर्व सांसद जो भी कदम उठाएंगी वह सोच-समझ कर उठाएंगी.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने सुष्मिता देव से बात करने का प्रयास किया लेकिन उनका फोन बंद था. सुष्मिता देव एक कर्मठ और प्रतिभाशाली कार्यकर्ता थीं. ऐसे में आशा करता हूं कि वह जो भी निर्णय करेंगी सोच-समझ कर करेंगी. मैं पार्टी की ओर से उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सुष्मिता देव के पार्टी छोड़ने के बाद कांग्रेस की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े करते हुए सोमवार को कहा कि पार्टी सब कुछ जानकर भी अनजान बनती है.
Sushmita Dev
Resigns from primary membership of our Party
While young leaders leave we ‘oldies’ are blamed for our efforts to strengthen it
The Party moves on with :
Eyes Wide Shut
— Kapil Sibal (@KapilSibal) August 16, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, ‘सुष्मिता देव ने हमारी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. युवा नेता छोड़ते हैं जबकि हम ‘बुजर्ग’ (पुराने नेता) पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रयास करते हैं तो उसके लिए भी कसूरवार ठहराया जाता है.’
सिब्बल ने दावा किया कि पार्टी सब कुछ जान कर भी अनजान है.
असम में विपक्ष के कांग्रेस नेता देबब्रत सैकिया ने द इंडियन एक्सप्रेस से पुष्टि की है कि देव ने शुक्रवार रात सोनिया गांधी को एक पत्र भेजा था. शनिवार दोपहर को सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली में असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडलों के साथ बैठक की.
सैकिया ने कहा, ‘वह बैठक का हिस्सा थीं. हमें पता नहीं था कि वह छोड़ने जा रही है.’
हालांकि, देव के इस्तीफे की अफवाहें फरवरी में सामने आईं थी, जब कहा गया था कि गुवाहाटी में वे उम्मीदवारों के चयन और एआईयूडीएफ के साथ सीटों के बंटवारे से नाखुश होकर पार्टी की बैठक से बाहर चली गईं थी.
बाद में एक साक्षात्कार में उसने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि वह कभी इस्तीफा नहीं देना चाहती लेकिन आहत हुई थी.
उन्होंने कहा था कि ‘अगर आपको अपनी कर्मभूमि, जहां आप काम करते हैं, अपनी मिट्टी से समझौता करना पड़ता हो… अगर आपको समझौता करना है और दूसरों को देना है, तो यह आपको नुकसान पहुंचाएगा. इसने मुझे चोट पहुंचाई. लेकिन मैं हमेशा आलाकमान को नमन करती हूं और इस बार भी मैंने किया. अगर मैं अपने क्षेत्र के लिए नहीं लडूंगी तो कौन करेगा?’
रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि वह पार्टी से असंतुष्ट थीं क्योंकि उन्हें लगा कि उनका राजनीतिक दायरा लगातार सिकुड़ रहा है.
उनके एक करीबी सूत्र ने कहा, ‘उनकी लोकसभा सीट (सिलचर) में लगभग सात विधानसभा क्षेत्र हैं. उनमें से आधे विधानसभा चुनाव में एआईयूडीएफ को दे दिए गए थे. उन्होंने महसूस किया कि यह बराक घाटी में कांग्रेस को खत्म कर देगी और 2024 के चुनावों में भी उसकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाएगी.’
सूत्र ने बताया, ‘उन्हें लगा कि उन्हें गंभीरता से नहीं लिया गया और न ही उसे महत्वपूर्ण फैसलों के लिए सलाह दी गई थी. यहां तक कि जब नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) की बात आई, तो एक बंगाली हिंदू (असम में सीएए का समर्थन करने वाला समुदाय) के रूप में उसकी स्थिति के साथ संघर्ष हुआ था, जो पार्टी का अधिकारिक रुख है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)