यह दूसरी बार है जब पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड में सर्वदलीय सरकार बनेगी. ऐसी पहली सरकार साल 2015 में बनी थी जब आठ विपक्षी कांग्रेस विधायक सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट में शामिल हो गए थे.
कोहिमा: नगा राजनीतिक मुद्दे (एनपीआई) का एक त्वरित और एक स्वीकार्य समाधान ढूंढने के लिए नगालैंड के राजनीतिक दल सोमवार को एक साथ आने और राज्य में एक सर्वदलीय सरकार गठित करने पर सहमत हुए.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह दूसरी बार है जब पूर्वोत्तर राज्य में सर्वदलीय सरकार बनेगी. ऐसी पहली सरकार साल 2015 में बनी थी जब आठ विपक्षी कांग्रेस विधायक सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) में शामिल हो गए थे.
नगालैंड यूनाटेड सरकार (एनयूजी) के गठन का फैसला सत्ताधारी पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) के सहयोगियों- नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेस पार्टी (एनडीपीपी) और भाजपा और पीडीए सरकार का समर्थन करने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने लिया.
राज्य संसदीय कार्य मंत्री नीबा क्रोनु ने कहा, ‘प्रस्तावित एनयूजी सरकार में प्रमुख विपक्षी दल एनपीएफ को शामिल करने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा हुई और इसे सर्वसम्मति से अपनाया गया.’
सरकार के सूत्रों के अनुसार, कुछ महीने पहले नगा शांति मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो और विपक्षी नेता टीआर जेलियांग के बीच बैठक के बाद यह प्रगति हुई है. इस बैठक में शाह ने पार्टियों से शांति प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए मिलकर काम करने को कहा था.
एनयूजी के गठन के प्रस्ताव पर एनडीपीपी के पार्टी अध्यक्ष चिंगवांग कोन्याक, प्रदेश भाजपा प्रमुख तेमजेन इम्ना अलोंग और एनपीएफ अध्यक्ष शुरहोजेली लिजित्सू के अलावा मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, उपमुख्यमंत्री यानथुंगो पैटन और विपक्ष के नेता टीआर जेलियांग सहित नौ विधायकों ने हस्ताक्षर किए।
प्रस्ताव में कहा गया, ‘एनपीआई एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो दशकों से लंबित है और पार्टियों ने शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण राजनीतिक समाधान प्राप्त करने के लिए एकजुट होने का संकल्प लिया है.’