यह घटना बैराबी के ज़ोफई क्षेत्र की है, जो मिज़ोरम-असम के बीच सीमा विवाद के प्रमुख बिंदुओं में से एक है. मिज़ोरम का कहना है कि यहां एक सरकारी परियोजना के तहत पुल का निर्माण किया जा रहा था, जहां से असम पुलिस ने उनकी निर्माण सामग्री चोरी की. असम ने इसका खंडन करते हुए कहा कि यह निर्माण बिना आवश्यक अनुमतियों के किया जा रहा था.
आइजोल: बीते हफ्ते असम और मिजोरम में सीमाई इलाके में शनिवार को एक बार फिर तनावपूर्ण स्थिति तब खड़ी हुई, जब असम में मिजोरम पर इसके क्षेत्र में पुल बनाने का आरोप लगाया और मिजोरम ने असम पुलिस के खिलाफ निर्माण सामग्री की चोरी का मामला दर्ज कर लिया।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, रविवार को यह केस वापस ले लिया गया और असम पुलिस के कर्मचारियों द्वारा यह सामग्री लौटा दी गई.
मिजोरम सरकार ने रविवार को कहा कि उसने असम पुलिस के कर्मियों के खिलाफ दोनों पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा के पास एक परियोजना स्थल से निर्माण सामग्री कथित रूप से चोरी करने का मामला दर्ज किया है.
मिजोरम पुलिस द्वारा असम के अधिकारियों पर पुल निर्माण सामग्री चुराने का आरोप लगाने के बाद दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच तनाव फिर एक बार नए सिरे से शुरू हो गया था.
असम पुलिस ने चोरी के आरोप को खारिज कर दिया था और दावा किया था कि मिजोरम के अधिकारियों ने असम सीमा में प्रवेश किया और एक पुल का निर्माण शुरू कर दिया.
कोलासिब (मिजोरम) के उपायुक्त एच. लालथलंगलियाना ने बताया था कि असम पुलिस के कर्मियों ने जिले में बैराबी कस्बे के पास ज़ोफई में मिजोरम क्षेत्र में प्रवेश किया और पुल के निर्माण स्थल से सरिये सहित कुछ निर्माण सामग्री कथित रूप से चुरा ली.
उन्होंने कहा था कि घटना शुक्रवार की है जब धान के एक खेत को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए पुल बनाने का काम चल रहा था. इस क्षेत्र की सीमा असम के हैलाकांडी जिले से लगती है.
उपायुक्त ने बताया कि पुल निर्माण एक सरकारी परियोजना है. उन्होंने कहा, ‘उनके (असम पुलिस) के खिलाफ बैराबी थाने में निर्माण सामग्री की चोरी का मामला दर्ज किया गया.’ लालथलंगलियाना ने इस घटना को लेकर हैलाकांडी के उपायुक्त को शनिवार को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया था.
पत्र में लालथलंगलियाना ने कहा कि घटना या पुल निर्माण को सीमा के मुद्दे से नहीं जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि इस पुल को सरकार द्वारा मिजोरम के क्षेत्र के भीतर एक सड़क को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पत्र में आरोप लगाया था कि असम के अधिकारियों की एक टीम मिजोरम के क्षेत्र में शुक्रवार को जोफाई में प्रवेश किया, जहां राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सी. चुंगा के स्वामित्व वाले धान के खेत को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए एक पुल का निर्माण किया जा रहा था.
उपायुक्त ने लिखा कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा ऐसा कार्य करना, जिसकी व्याख्या सरकारी संपत्ति की चोरी के रूप में की जा सकती है, बहुत निराशाजनक और बहुत गंभीर है.
हालांकि, असम पुलिस ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि निर्माण असम के क्षेत्र में आवश्यक अनुमतियों के बिना किया जा रहा था.
हैलाकांडी के एसपी गौरव उपाध्याय ने कहा, ‘मिजोरम के अधिकारी कचुरथल में एक नाले पर पुल का निर्माण कर रहे थे, जो एक तरफ मिजोरम और दूसरी तरफ असम की सीमा में है. चूंकि निर्माण असम के क्षेत्र में किया जा रहा था, इसलिए हमारी ओर से आवश्यक अनुमतियां ली जानी चाहिए थीं, लेकिन मिजोरम पक्ष ने ऐसा नहीं किया.’
उपाध्याय ने आरोप लगाया कि मिजोरम से लगभग 40-50 सुरक्षाकर्मी शनिवार को पुल स्थल पर पहुंचे और उनमें से कुछ ने सीमावर्ती क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए दोनों राज्यों द्वारा 5 अगस्त को जारी संयुक्त बयान का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए असम की ओर प्रवेश किया.
उन्होंने कहा, ‘असम पुलिस जैसे अनुशासित बल द्वारा किसी भी चोरी का आरोप पूरी तरह से मनगढ़ंत, निराधार, दुर्भावनापूर्ण और किसी भी तथ्य से रहित है और मिजोरम प्रशासन द्वारा असम की जमीन पर उनके द्वारा अवैध निर्माण से ध्यान हटाने का प्रयास है.’
घटना के बाद दोनों राज्यों ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सीमा पर पुलिस की तैनाती बढ़ा दी.
रिपोर्ट के मुताबिक, मिजोरम के अधिकारियों ने कहा कि मिजोरम पुलिस द्वारा असम के अधिकारियों के खिलाफ दायर चोरी का मामला रविवार शाम को वापस ले लिया गया, जब असम पुलिस ने निर्माण सामग्री वापस कर दी. हालांकि, असम पुलिस ने सामग्री लेने से इनकार किया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, मिजोरम पुलिस ने कहा कि वह निर्माण सामग्री की कथित चोरी के मामले में असम के अपने समकक्षों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू नहीं करेगी.
कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक वनलालफाका राल्ते ने कहा कि रविवार शाम करीब छह बजे बैराबी में पुल निर्माण सामग्री मिजोरम पुलिस को सौंप दी गई. चोरी का मामला वापस लिए जाने के बाद रविवार शाम को अतिरिक्त बलों को भी कम कर दिया गया.
लालथलंगलियाना ने कहा, ‘चूंकि हमें अपनी सारी सामग्री मिल गई है, इसलिए शनिवार को दर्ज किया गया पुलिस मामला वापस ले लिया गया है. दोनों राज्यों द्वारा तैनात बलों को भी वापस बुला लिया गया है.’
गौरतलब है कि बैराबी का ज़ोफई क्षेत्र मिजोरम और असम के बीच सीमा विवाद के प्रमुख बिंदुओं में से एक है.
मार्च 2018 में मिजोरम के मिज़ो ज़िरलाई पावल (एमजेडपी) के पदाधिकारियों ने इलाके में लकड़ी के विश्राम गृह का निर्माण करने का प्रयास किया था तो हिंसा भड़क उठी थी. असम पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कथित तौर पर लाठीचार्ज किया था और गोलियां चलाईं थी जिसमें मिजोरम के सात पत्रकारों सहित 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
बता दें कि दो पूर्वोत्तर राज्यों के पुलिस बलों के बीच बीते 26 जुलाई को एक हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें असम के छह पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक अन्य घायल हो गए थे. केंद्र के हस्तक्षेप के साथ इस मामले को सुलझाने की प्रक्रिया जारी है.
इसी बीच बीते 17 अगस्त को हैलाकांडी जिले की सीमा से लगे विवादित ऐतलांग इलाके में गोलीबारी हुई थी, जिसमें मिजोरम का एक व्यक्ति घायल हो गया था.