राज्य सभा के पूर्व सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार चंदन मित्रा का निधन

वरिष्ठ पत्रकार चंदन मित्रा अगस्त 2003 से 2009 तक राज्यसभा के मनोनीत सदस्य थे. जून 2010 में भाजपा ने उन्हें मध्य प्रदेश से उच्च सदन के लिए चुना. उनका कार्यकाल 2016 में समाप्त हो गया. जुलाई 2018 में द पायनियर के संपादक और प्रबंध निदेशक मित्रा ने भाजपा से इस्तीफ़ा दे दिया और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे. 

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चंदन मित्रा. (फोटो साभार: एएनआई)

वरिष्ठ पत्रकार चंदन मित्रा अगस्त 2003 से 2009 तक राज्यसभा के मनोनीत सदस्य थे. जून 2010 में भाजपा ने उन्हें मध्य प्रदेश से उच्च सदन के लिए चुना. उनका कार्यकाल 2016 में समाप्त हो गया. जुलाई 2018 में द पायनियर के संपादक और प्रबंध निदेशक मित्रा ने भाजपा से इस्तीफ़ा दे दिया और तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए थे.

चंदन मित्रा. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद एवं अनुभवी पत्रकार चंदन मित्रा का 66 की उम्र में निधन हो गया. उनके बेटे कुषाण मित्रा ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. वह ‘पायनियर’ समाचार-पत्र के संपादक थे.

मित्रा अगस्त 2003 से 2009 तक राज्यसभा के मनोनीत सदस्य थे. जून 2010 में भाजपा ने उन्हें मध्य प्रदेश से उच्च सदन के लिए चुना. उनका कार्यकाल 2016 में समाप्त हो गया. वह पार्टी के दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी के करीबी सहयोगी थे, लेकिन नरेंद्र मोदी और अमित शाह नेतृत्व ने उन्हें दरकिनार कर दिया था.

पिछले कुछ समय से वह बीमार थे और सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहते थे. उनके परिवार में उनकी पत्नी शबरी गांगुली और दो बेटे कुषाण और शाक्य हैं.

उनका निधन सैनिक फार्म स्थित उनके आवास पर हुआ। उन्होंने इस साल जून महीने में ‘पायनियर’ के प्रकाशक के पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन बतौर सम्पादक वह उससे आखिरी क्षण तक जुड़े रहे. अस्वस्थता के चलते वह सक्रिय राजनीति से दूर थे.

एक स्तंभकार के रूप में खूबसूरती से अपनी बातों को शब्दों के जरिए बयां करने में माहिर और राजनीतिक मुद्दों पर तीखी टिप्पणियां करने वाले मित्रा हिंदी फिल्म संगीत से भी असीम प्रेम करते थे.

जुलाई 2018 में द पायनियर के संपादक और प्रबंध निदेशक मित्रा ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए थे.

बेटे कुषाण मित्रा ने कहा कि उनके पिता पिछले कुछ वक्त से बीमार थे. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मेरे पिता जी का कल (बुधवार) देर रात निधन हो गया. वह पिछले कुछ समय से कष्ट में थे.’

समाचार वेबसाइट स्क्रोल डॉट इन के मुताबिक, मित्रा ने कोलकाता में द स्टेट्समैन के साथ पत्रकारिता में अपना करिअर शुरू किया था. फिर दिल्ली में टाइम्स ऑफ इंडिया से जुडे़ थे. बाद में उन्होंने द संडे ऑब्जर्वर में बतौर संपादक भी काम किया. उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ कार्यकारी संपादक के रूप में भी काम किया. इसके बाद वह द पायनियर अखबार से जुड़ गए थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्रकार को उनकी बुद्धिमता एवं पारखी नजरों के लिए याद किया और उनके निधन पर शोक प्रकट किया.

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘श्री चंदन मित्रा जी को उनकी बुद्धिमता एवं परख के लिए याद किया जाएगा. उन्होंने मीडिया जगत के साथ-साथ राजनीति में खुद की पहचान बनाई. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार एवं प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति.’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी मित्रा के निधन पर शोक जताया. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘पत्रकारिता और राजनीति के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.’

भाजपा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने मित्रा के साथ 1972 की एक तस्वीर पोस्ट की और कामना की कि उनका दोस्त जहां भी रहे, खुश रहे.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैंने अपने करीबी मित्र- पायनियर के संपादक एवं पूर्व सांसद चंदन मित्रा को आज सुबह खो दिया. हम ला मार्टिनियर के विद्यार्थियों के तौर पर एक साथ थे और सेंट स्टीफंस और ऑक्सफोर्ड गए थे. हमने एक ही वक्त पर पत्रकारिता शुरू की थी और अयोध्या एवं भगवा लहर के उत्साह को साथ में महसूस किया था.’

दासगुप्ता ने कहा, ‘मैं 1972 की एक स्कूल यात्रा के दौरान की अपनी और चंदन मित्रा की तस्वीर पोस्ट कर रहा हूं. मेरे प्रिय मित्र जहां भी रहो, खुश रहो. ओम शांति.’

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी मित्रा के निधन पर दुख जताया और एक बयान में कहा, ‘चंदन मित्रा एक उच्च कोटि के संपादक थे, जिन्होंने दि स्टेट्समैन में एक शानदार पारी खेली और हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक भी बने. उन्होंने युवा पत्रकारों को प्रोत्साहित किया और पायनियर को फिर से शुरू किया. उनका निधन बहुत बड़ी क्षति है. दुख की इस घड़ी में प्रेस क्लब ऑफ इंडिया उनके परिवार के साथ खड़ा है.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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