साल 2014 से मोदी सरकार का प्रतिदिन दो कॉलेज स्थापित करने का भाजपा का दावा झूठा है

भाजपा ने एक ट्वीट में कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2014 से हर दिन दो कॉलेज स्थापित किए हैं. इस हिसाब से 30 सितंबर 2019 तक 3,906 कॉलेज स्थापित किए जाने चाहिए थे, हालांकि शिक्षा मंत्रालय के सर्वे के मुताबिक़, 30 सितंबर 2013 से 30 सितंबर 2019 तक कुल 1,335 नए सरकारी कॉलेज ही बने हैं.

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दिल्ली यूनिवर्सिटी का गार्गी कॉलेज. (फोटो: पीटीआई)

भाजपा ने एक ट्वीट में कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2014 से हर दिन दो कॉलेज स्थापित किए हैं. इस हिसाब से 30 सितंबर 2019 तक 3,906 कॉलेज स्थापित किए जाने चाहिए थे, हालांकि शिक्षा मंत्रालय के सर्वे के मुताबिक़, 30 सितंबर 2013 से 30 सितंबर 2019 तक कुल 1,335 नए सरकारी कॉलेज ही बने हैं.

दिल्ली यूनिवर्सिटी का गार्गी कॉलेज. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बीते सात सितंबर (मंगलवार) को ट्वीट कर दावा किया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने साल 2014 से हर दिन दो कॉलेज स्थापित किए हैं.

हालांकि खुद सरकारी आंकड़े मोदी सरकार के इन दावों को खारिज करते हैं.

टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र के शिक्षा मंत्रालय द्वारा कराए गए एक सर्वे के अनुसार केंद्र सरकार ने 30 सितंबर 2013 से 30 सितंबर 2019 के बीच केंद्र ने 72 उच्च शिक्षण संस्थान स्थापित किए हैं, जिसमें पांच केंद्रीय विश्वविद्यालय और 67 राष्ट्रीय महत्ता वाले संस्थान हैं.

नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. इस तरह 30 सितंबर 2019 तक उनके कार्यकाल के कुल 1,953 दिन बनते हैं और प्रति दिन दो कॉलेज की दर से मोदी सरकार द्वारा 3,906 कॉलेज स्थापित किया जाना चाहिए था.

अखिल भारतीय उच्च शिक्षा सर्वेक्षण (एआईएसएचई) 2019-20 के मुताबिक, भारत में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 2015-16 में 276 से बढ़कर 2019-20 में 407 हो गईं. दूसरे शब्दों में कहें तो देश में निजी विश्वविद्यालयों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा साल 2010 में गठित एआईएसएचई एक राष्ट्रीय सर्वेक्षण है, जो देश के उच्च संस्थागत शिक्षा डेटा को जारी करता है. यह सर्वे हर साल कराया जाता है, जो किसी विशेष वर्ष के लिए 30 सितंबर तक के आंकड़े पेश करता है.

दि प्रिंट में छह सितंबर को प्रकाशित एक रिपोर्ट में छात्र परामर्श मंच, कॉलेजदेखो के एक विश्लेषण का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि भारत में उच्च शिक्षा बाजार में 70 फीसदी मुख्य रूप से स्व-वित्त पोषित और गैर-सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों और कॉलेजों का प्रभुत्व है.

भाजपा ने सरकारी और निजी दोनों कॉलेजों की संख्या में तेजी से वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है.

एआईएसएचई की रिपोर्ट से पता चला है कि 2003 से हर साल भारत में 1,000 से अधिक कॉलेज स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 80% से अधिक कॉलेज निजी संस्थान हैं जबकि बाकी सरकार के दायरे में आते हैं.

इसमें से सबसे ज्यादा 2007 और 2009 के बीच स्थापित किए गए थे, जब देश में 7,206 नए कॉलेज बने थे.

नए आंकड़ों के अनुसार, 59 फीसदी कॉलेज ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं. लगभग 12 फीसदी कॉलेजों को अपने स्वयं के पाठ्यक्रम और शिक्षण विधियों के साथ स्वायत्त के रूप में वर्गीकृत किया गया था.

हालांकि एआईएसएचई द्वारा सर्वेक्षण किए गए सभी कॉलेज मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों से संबद्ध नहीं हैं. कुछ का प्रबंधन स्थानीय निकायों (पंचायत, नगर निगम, छावनी इत्यादि) द्वारा भी किया जाता है.

भाजपा के मुताबिक, 30 सितंबर 2013 तक देश में 36,636 कॉलेज थे, जो 30 सितंबर 2019 तक बढ़कर 42,343 हो गए. इस गणना के आधार पर छह सालों में 5,709 नए कॉलेज बनाए गए.

हालांकि सरकारी आंकड़े दर्शाते हैं कि इन छह सालों में 1,335 नए सरकारी कॉलेज बनाए गए हैं. यदि 72 उच्च शिक्षण संस्थान का आंकड़ा इसमें जोड़ देते हैं तो कुल संख्या बढ़कर 1,407 हो जाती है, जो भाजपा के दावे के मुकाबले काफी ज्यादा कम है.