भूपेंद्र पटेल होंगे गुजरात के नए मुख्यमंत्री

भूपेंद्र पटेल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की घाटलोडिया सीट से पहली बार चुनाव जीते थे. सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले पटेल पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के करीबी माने जाते हैं. आनंदीबेन 2012 में इसी सीट से चुनाव जीती थीं. विपक्ष ने भाजपा पर गुजरात में ‘रिमोट कंट्रोल’ सरकार चलाने का आरोप लगाया है.

Gandhinagar: Senior BJP leader Bhupendra Patel (L), who will succeed Vijay Rupani (R) as the Chief Minister of Gujarat, after a meeting in Gandhinagar, Sunday, Sept. 12, 2021. (PTI Photo)(PTI09_12_2021_000124B)

भूपेंद्र पटेल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की घाटलोडिया सीट से पहली बार चुनाव जीते थे. सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले पटेल पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के करीबी माने जाते हैं. आनंदीबेन 2012 में इसी सीट से चुनाव जीती थीं. विपक्ष ने भाजपा पर गुजरात में ‘रिमोट कंट्रोल’ सरकार चलाने का आरोप लगाया है.

विजय रूपाणी (दाएं) के साथ गुजरात के होने वाले मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल. (फोटो: पीटीआई)

गांधीनगर/अहमदाबाद: भारतीय जनता पार्टी के विधायक भूपेंद्र पटेल गुजरात के नए मुख्यमंत्री होंगे. 59 वर्षीय पटेल को रविवार को राजधानी गांधीनगर में सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुन लिया गया.

मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने पटेल के नाम का प्रस्ताव रखा. रूपाणी ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा की थी.

भाजपा के सूत्रों ने बताया कि 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 112 विधायकों में से अधिकतर बैठक में उपस्थित थे.

पटेल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की घाटलोडिया सीट से पहली बार चुनाव जीते थे. उन्होंने कांग्रेस के शशिकांत पटेल को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था, जो उस चुनाव में जीत का सबसे बड़ा अंतर था.

सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले पटेल पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के करीबी माने जाते हैं. आनंदीबेन 2012 में इसी सीट से चुनाव जीती थीं.

पार्टी विधायक दल के नए नेता के तौर पर पटेल के नाम की घोषणा के साथ ही रूपाणी के उत्तराधिकारी को लेकर संशय समाप्त हो गया. सूत्रों ने बताया कि पटेल अब राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे.

गांधीनगर में भाजपा मुख्यालय में भाजपा विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, प्रल्हाद जोशी, पार्टी महासचिव तरुण चुग और पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर के साथ-साथ उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल भी शामिल थे.

तोमर ने रविवार सुबह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल से मुलाकात की थी.

इससे पहले केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप तथा दादरा एवं नागर हवेली और दमन और दीव के प्रशासक प्रफुल्ल के. पटेल तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल माना जा रहा था.

एक राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार, राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री के लिए जिन नामों की अटकलें चल रही थी, उनमें कहीं भी एक बार के विधायक भूपेंद्र पटेल का नाम नहीं था. वह प्रभावशाली पटेल समुदाय से आते हैं, वहीं मंडाविया भी पाटीदार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं.

रूपाणी (65) ने राज्य में विधानसभा चुनाव होने से लगभग सवा साल पहले शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले साल दिसंबर में होने हैं.

कोरोना वायरस महामारी के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में पद छोड़ने वाले रूपाणी चौथे मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने दिसंबर 2017 में दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.

रूपाणी पहली बार सात अगस्त, 2016 को मुख्यमंत्री बने थे. उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे के बाद यह पद संभाला था. उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद दूसरी बार राज्य की बागडोर संभाली थी.

भूपेंद्र पटेल के नाम की घोषणा के बाद विजय रूपाणी ने संवाददाताओं से कहा, भूपेंद्र पटेल सक्षम हैं. हमें विश्वास है कि भाजपा उनके नेतृत्व में राज्य में आगामी चुनाव जीतेगी. दूसरी ओर, विपक्ष ने भाजपा पर गुजरात में ‘रिमोट कंट्रोल’ सरकार चलाने का आरोप लगाया है.

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गुजरात विधानसभा में कांग्रेस से विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कहा, ‘मेरा मानना ​​है कि गुजरात में सरकार पहले की तरह रिमोट से नियंत्रित होगी और केवल सत्ता केंद्र स्थानांतरित हो गया है. अमित शाह के हाथ से लेने के बाद अब रिमोट आनंदीबेन पटेल के पास है.’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘भूपेंद्र पटेल जी को गुजरात भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं. मुझे विश्वास है कि नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और आपके नेतृत्व में प्रदेश की अनवरत विकास यात्रा को नई ऊर्जा व गति मिलेगी और गुजरात सुशासन व जनकल्याण में निरंतर अग्रणी बना रहेगा.’

यह कहते हुए कि भूपेंद्र पटेल को 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले पाटीदार समुदाय को लुभाने के लिए चुना गया है, कांग्रेस नेता परेश धनानी ने कहा, ‘भाजपा ने वर्षों के कुशासन के माध्यम से गुजरात को भीतर से खोखला बना दिया है. अब वे अपनी राजनीतिक सत्ता को बनाए रखने के लिए सांप्रदायिकता और जातिवाद पर निर्भर हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अगर एक फीसदी भी मौका होता कि गुजरात में बीजेपी सरकार बचाई जा सकती थी तो अमित शाह ने कभी मौका नहीं छोड़ा होता. वे जानते हैं कि वे हारने वाले हैं और इसलिए रिमोट आनंदीबेन को दिया गया है.’

नगर निकाय स्तर के नेता से मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल

गुजरात में रविवार को सर्वसम्मति से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता चुने गए पहली बार के विधायक भूपेंद्र पटेल को मृदुभाषी कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने नगर पालिका स्तर के नेता से लेकर प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पद तक का सफर तय किया है.

पटेल मुख्यमंत्री के रूप में विजय रूपाणी की जगह लेंगे. उन्होंने 2017 में पहली बार राज्य की घाटलोडिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था और 1.17 लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की, जो उस चुनाव में एक रिकॉर्ड था.

अपने समर्थकों के बीच ‘दादा’ के नाम से पुकारे जाने वाले पटेल को गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री तथा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है. वह जिस विधानसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं, वो गांधीनगर लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सांसद हैं.

पटेल 2015 से 2017 तक अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण (एयूडीए) के अध्यक्ष रह चुके हैं. इससे पहले वह 2010 से 2015 तक गुजरात के सबसे बड़ी शहरी निकाय अहमदाबाद नगर निगम की स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे थे.

पटेल को करीब से जानने वाले लोग उन्हें जमीन से जुड़ा नेता बताते हैं, जो लोगों से चेहरे पर मुस्कान के साथ मिलते हैं. सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा रखने वाले पटेल विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले स्थानीय राजनीति में सक्रिय थे और अहमदाबाद जिले की मेमनगर नगरपालिका के सदस्य रहे और दो बार इसके अध्यक्ष बने.

भूपेंद्र पटेल पाटीदार समुदाय की कड़वा उपजाति से ताल्लुक रखते हैं. वह पाटीदार समुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास को समर्पित संगठन सरदारधाम विश्व पाटीदार केंद्र के न्यासी भी हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)