नगालैंड: राजनीतिक समूहों और सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित अवैध करों को लेकर 12 घंटे का बंद

कन्फेडेरेशन ऑफ नगालैंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने नगा राजनीतिक समूहों द्वारा कई कर लगाने की समस्या को तत्काल हल करने और जीएसटी के तहत आने वाले सामान पर नगर निकाय द्वारा लिए जाने वाले सभी तरह के करों को हटाने को लेकर नौ सितंबर को मुख्यमंत्री को प्रतिवेदन दिया था, जिस पर राज्य सरकार का संतोषजनक जवाब न आने के विरोध में बंद का आह्वान किया गया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

कन्फेडेरेशन ऑफ नगालैंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने नगा राजनीतिक समूहों द्वारा कई कर लगाने की समस्या को तत्काल हल करने और जीएसटी के तहत आने वाले सामान पर नगर निकाय द्वारा लिए जाने वाले सभी तरह के करों को हटाने को लेकर नौ सितंबर को मुख्यमंत्री को प्रतिवेदन दिया था, जिस पर राज्य सरकार का संतोषजनक जवाब न आने के विरोध में बंद का आह्वान किया गया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

कोहिमा: नगालैंड में राजनीतिक समूहों और सरकारी एजेंसियों द्वारा कथित अवैध कर लगाने को लेकर बृहस्पतिवार को व्यापार संघों ने 12 घंटे के बंद का आह्वान किया, जिससे दुकानें बंद रहीं और गाड़ियां सड़कों से नदारद रहीं.

कन्फेडेरेशन ऑफ नगालैंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (सीएनसीसीआई) ने बंद का आह्वान किया, जो सुबह छह बजे शुरू हुआ. दीमापुर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीसीसीआई) ने जिले में इसे लागू किया.

सीएनसीसीआई अध्यक्ष खेकुघा मुरु ने बताया कि कोहिमा, दीमापुर और मोकोकचुंग जैसे बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि तुली, जालुकी, फुटसेरो जैसे छोटे शहरों में भी बंद आहूत किया गया.

पुलिस ने बताया कि अभी तक कोई अप्रिय घटना सामने नहीं आई है.

डीसीसीआई अध्यक्ष अकाशे झिमोमी ने बताया कि बंद से सरकारी कार्यालय, बैंकों या शैक्षणिक संस्थानों के कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ा.

मुरु ने बताया कि संगठन ने नगा राजनीतिक समूहों द्वारा कई कर लगाने की समस्या को तत्काल हल करने और जीएसटी के तहत आने वाले सामान पर नगर निकाय द्वारा लिए जाने वाले सभी तरह के करों को हटाने को लेकर नौ सितंबर को मुख्यमंत्री को प्रतिवेदन दिया था, जिस पर राज्य सरकार का संतोषजनक जवाब न आने के विरोध में बंद का आह्वान किया गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीएनसीसीआई की मांगों के जवाब में राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों से विरोध प्रदर्शन को वापस लेने की अपील करते हुए कहा कि प्रशासन ने फैसला किया है कि जीएसटी के तहत आने वाली वस्तुओं पर नगरपालिका और नगर परिषदों द्वारा किसी भी प्रकार के कर या शुल्क नहीं लगाया जाएगा. इसे तुरंत रोक दिया जाएगा.

यह भी कहा कि सभी शहरी स्थानीय निकायों के प्रशासक अपने-अपने शहरों या कस्बों के व्यापारिक समुदाय के प्रतिनिधियों को अपनी सलाहकार समितियों में शामिल करने के लिए कदम उठाएंगे, ताकि विभिन्न व्यवसाय संबंधी गतिविधियों के संबंध में निर्णय लिया जा सके.

नगा राजनीतिक समूहों द्वारा जबरन वसूली को रोकने की सीएनसीसीआई की मांग पर सरकार ने दीमापुर के पुलिस आयुक्त को तुरंत एक सुरक्षा ग्रिड लगाने और विभिन्न स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों को तैनात करने सहित अन्य उपाय करने का निर्देश दिया, ताकि अवैध जबरन वसूली को रोका जा सके.

मुरु ने कहा कि सरकार की प्रतिक्रिया पर असंतोष व्यक्त करते हुए सीएनसीसीआई ने राज्य भर में 12 घंटे के बंद को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)