पूर्वोत्तर राज्यों में राजनीतिक संघर्षों में त्रिपुरा शीर्ष परः एनसीआरबी रिपोर्ट

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 'क्राइम इन इंडिया 2020' रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में बलात्कार के मामलों में पूर्वोत्तर के राज्यों में असम शीर्ष पर है. असम में बलात्कार के 1,657 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद त्रिपुरा में 79, मेघालय में 67  और अरुणाचल प्रदेश में 60 मामले दर्ज किए गए.

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(फोटोः पीटीआई)

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की ‘क्राइम इन इंडिया 2020’ रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में बलात्कार के मामलों में पूर्वोत्तर के राज्यों में असम शीर्ष पर है. असम में बलात्कार के 1,657 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद त्रिपुरा में 79, मेघालय में 67  और अरुणाचल प्रदेश में 60 मामले दर्ज किए गए.

(फोटोः पीटीआई)

अगरतलाः राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वोत्तर राज्यों में राजनीतिक संघर्ष के मामले में त्रिपुरा शीर्ष पर है. यहां प्रति एक लाख लोगों पर अपराध की दर 0.5 फीसदी है.

अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक संघर्ष के मामले में अरुणाचल प्रदेश दूसरे स्थान पर हैं, जहां प्रति एक लाख लोगों पर अपराध की दर 0.1 फीसदी है. वहीं, तीसरे स्थान पर मणिपुर है.

एनसीआरबी की रिपोर्ट ‘क्राइम इन इंडिया 2020′ के मुताबिक, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर को छोड़कर पूर्वोत्तर के किसी अन्य राज्य में पिछले साल कोई राजनीतिक संघर्ष नहीं हुआ.

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 में त्रिपुरा में राजनीतिक संघर्ष के लगभग 22 मामले दर्ज हुए. इस बीच, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में एक-एक मामला दर्ज हुआ.

रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि बीते साल असम में सार्वजनिक शांति भंग करने को लेकर दंगों के कुल 829 मामले दर्ज हुए. त्रिपुरा में इस तरह के 83 मामले, मणिपुर में 60, अरुणाचल प्रदेश में 10, मेघालय में दो-दो मामले और सिक्किम और मिजोरम में एक-एक मामला दर्ज हुआ.

हालांकि, बीते साल नगालैंड में इस तरह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ.

सांप्रदायिक और धार्मिक हिंसा मामले में असम में 17 मामले दर्ज हुए. इसके बाद अरुणाचल प्रदेश में छह मामले दर्ज हुए.

सांप्रदायिक संघर्ष में मणिपुर में 2020 में पांच मामलों को छोड़कर अन्य पूर्वोत्तर राज्य में इस तरह का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ.

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 के दौरान आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत सार्वजनिक शांति भंग करने को लेकर कुल 71,107 मामले दर्ज किए गए, जिसमें से इस तरह के कुल मामलों 72.61 फीसदी में से दंगों के 51,606 मामले दर्ज किए गए.

सार्वजनिक शांति भंग करने के मामले 2019 (63,262) की तुलना में 2020 में 12.4 फीसदी बढ़ गए.

असम में पिछले साल हत्या के 1,131 मामले दर्ज हुए थे. इसके बाद त्रिपुरा में 11 मामले, मेघालय में 79 मामले, मणिपुर में 46 मामले, अरुणाचल प्रदेश में 45 मामले, मिजोरम में 28 मामले, नगालैंड में 25 मामले और सिक्किम में 11 मामले दर्ज किए गए.

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, असम में मेडिकल लापरवाही के नौ मामले दर्ज किए गए. इसके बाद त्रिपुरा में दो मामले दर्ज किए गए. पूर्वोत्तर में किसी अन्य राज्य में इस तरह के मामले दर्ज नहीं हुए हैं.

असम में पिछले साल दहेज हत्या के 148 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद त्रिपुरा में 23 मामले और मणिपुर, नगालैंड और मेघालय में एक-एक मामले दर्ज किए गए.

अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और सिक्किम में दहेज हत्या का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ.

असम में हत्या के प्रयास के 1,316 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद त्रिपुरा में 117 मामले, मणिपुर में 109 मामले, मेघालय में 58 मामले, अरुणाचल प्रदेश में 37 मामले, नगालैंड में 24 मामले, मिजोरम में दस और सिक्किम में सात मामले दर्ज किए गए.

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, बलात्कार के मामलों में पूर्वोत्तर के राज्यों में असम शीर्ष पर है. असम में बलात्कार के 1,657 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद त्रिपुरा में 79 मामले, मेघालय में 67 मामले, अरुणाचल प्रदेश में 60 मामले, मिजोरम में 33 मामले, मणिपुर में 32 मामले, सिक्किम में 12 मामले और नगालैंड में चार मामले दर्ज किए गए.

रिपोर्ट के मुताबिक, अपहरण के मामले में पिछले साल असम में सबसे अधिक 6,934 मामले दर्ज किए गए. इसके बाद त्रिपुरा में 127 मामले दर्ज हुए. मेघालय में 91 मामले, मणिपुर में 81 मामले, अरुणाचल प्रदेश में 78 मामले, सिक्किम में 32 मामले, नगालैंड में 24 मामले और मिजोरम में तीन मामले दर्ज किए गए.

एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीसी और विशेष और स्थानीय कानूनों (एसएलएल) के तहत अपराधों में कमी आई है.

असम में 2018 में अपराध के 1,20,573 मामले दर्ज किए गए. 2019 में यह संख्या 1,32,783 थी जबकि पिछले साल (2020) यह संख्या 1,21,609 थी.

अरुणाचल प्रदेश में 2018 में अपराध की 2,817 घटनाएं दर्ज हुईं. 2019 में 2,877 और 2020 में 2,503 घटनाएं दर्ज हुईं. मणिपुर में हालांकि इसमें कमी देखने को मिली. राज्य में 2018 में कुल अपराध की संख्या 3,781 थी जो 2019 में घटकर 3,661 और 2020 में 2,986 हो गईं.

ठीक इसी तरह मेघालय में 2018 में अपराध के 3,482 मामले दर्ज किए गए जबकि 2019 में यह 3,897 और 2020 में 3,744 थे.

मिजोरम में 2018 में यह संख्या 2,351 थी जो 2019 में बढ़कर 2,880 और 2020 में 2,289 हो गई. नगालैंड में 2018 में अपराध की दर 1,775 थी जो 2019 में 1,661 और 2020 में 1,511 हो गई.

सिक्किम में 2018 में अपराध के कुल 869 मामले दर्ज हुए, जो 2019 में 821 और 2020 में 675 हो गए. त्रिपुरा में 2018 में अपराध के कुल 6,078 मामले दर्ज किए गए जो 2019 में 5,988 और 2020 में 4,653 हो गए.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)