पश्चिमी त्रिपुरा जिले के मंडई में इंडीजिनस पीपुल्स फोरम ऑफ त्रिपुरा के एक प्रदर्शन के दौरान टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक की हत्या कर दी गई.
अगरतला: बीते कुछ समय से पत्रकारों की सुरक्षा के सवाल पर लगातार बात हो रही है, लेकिन उनकी सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता योजना या इंतज़ाम नहीं हो पा रहे हैं. इस बीच त्रिपुरा से एक और पत्रकार के हिंसा का शिकार बनने की ख़बर आई है.
त्रिपुरा के स्थानीय मीडिया के मुताबिक बुधवार 20 सितंबर को इंडीजिनस पीपुल्स फोरम ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के कार्यकर्ताओं द्वारा मंडई में प्रदर्शन किया जा रहा, जिसे कवर करने के लिए स्थानीय टीवी पत्रकार शांतनु भौमिक अपने सहयोगी के साथ यहां पहुंचे थे.
बिज़नेस स्टैंडर्ड की ख़बर के मुताबिक राज्य में बीते मंगलवार को सीपीआई (एम) की आदिवासी विंग त्रिपुरा राजेर उपजाति गणमुक्ति परिषद (टीआरयूजीपी) के कार्यकर्ताओं पर राज्य की अलग-अलग जगहों पर हमले हुए हैं. इसके पीछे कथित तौर पर आईपीएफटी का हाथ बताया जा रहा है.
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार पुलिस अधीक्षक अभिजीत सप्तर्षि ने बताया कि दिन रात न्यूज़ चैनल के पत्रकार शांतनु भौमिक मंडई में आईपीएफटी के सड़क जाम तथा आंदोलन को कवर रहे थे. उसी दौरान उन पर पीछे से हमला किया गया और उनका अपहरण कर लिया गया.
उन्होंने कहा कि बाद में जब भौमिक का पता लगा और उनके शरीर पर चाकू से हमले के कई निशान थे. उन्हें तत्काल अगरतला मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बादल चौधरी ने उनकी हत्या की निंदा की है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मंडई में स्थिति तनावपूर्ण है और क्षेत्र में पहले से ही धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है, साथ ही अतिरिक्त पुलिस बल भेजे जा रहे हैं.
ज्ञात हो कि मंगलवार से ही मंडई समेत पश्चिमी त्रिपुरा की 10 जगहों पर धारा 144 लगी हुई थी.
एक पुलिस वाले ने बताया, ‘144 के आदेश के बावजूद इकट्ठी हुई भीड़ को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इसी हंगामे के बीच शांतनु पर आईपीएफटी कार्यकर्ताओं ने हमला किया.’ द क्विंट के अनुसार सीपीआई (एम) का भी कहना है कि शांतनु पर आईपीएफटी के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था.
बाद में डीआईजी अरिंदम नाथ ने बताया कि पुलिस ने 4 आईपीएफटी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)