त्रिपुरा पुलिस ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर त्रिपुरा के उत्तरी ज़िलों में हालिया सांप्रदायिक हिंसा के ख़िलाफ़, यहां तक कि इसका केवल उल्लेख करने के लिए कई पत्रकारों समेत 102 लोगों पर कड़े ग़ैरक़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था.
नई दिल्लीः वेबसाइट न्यूज़क्लिक के पत्रकार श्याम मीरा सिंह समेत कई अन्य पत्रकारों और कार्यकर्ताओं पर त्रिपुरा पुलिस ने हाल ही में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है, जिसके खिलाफ इन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है.
उल्लेखनीय है कि द वायर ने हाल ही में बताया था कि वकीलों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं सहित 102 लोगों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है. इन लोगों पर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट के जरिये त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा का उल्लेख करने का आरोप है.
यह मामले सबसे पहले पश्चिम अगरतला पुलिस थाने मे दर्ज किए गए थे लेकिन बाद में इन्हें त्रिपुरा की क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया.
इनमें से पहला मामला दो वकीलों, अंसार इंदौरी और मुकेश के खिलाफ दर्ज किया गया. ये वकील त्रिपुरा में सांप्रदायिक हिंसा की जांच कर रहे फैक्ट फाइंडिंग टीम का हिस्सा थे.
दरअसल फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट ‘ह्यूमैनिटी अंडर अटैक इन त्रिपुराः मुस्लिम्स लाइव्ज मैटर’ जारी होने के बाद इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
इस रिपोर्ट में बताया गया था कि हिंसा के दौरान 12 मस्जिदें, मुस्लिमों की नौ दुकानें और तीन घरों को नष्ट किया गया.
त्रिपुरा पुलिस ने चार नवंबर को सिलसिलेवार कई ट्वीट कर कहा, ‘ये केस विभिन्न अपराधों के लिए कुछ लोगों के खिलाफ दर्ज किए गए और दोनों धार्मिक समूहों के बीच नफरत फैलाना के दुर्भावनापूर्ण प्रोपेगैंडा फैलाने में हिस्सेदारी के लिए चार लोगों को गिरफ्तार किया गया.’
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Appropriate action is being taken against anyone found involved in these incidents.
Tripura police has so far arrested 6 persons involved in various communal incident cases. Further investigation in these cases is going on.
— Tripura Police (@Tripura_Police) November 4, 2021
न्यूज नाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, इन 102 लोगों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज करने के अलावा इन पर आईपीसी की धारा 153(ए) (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी और वैमनस्य को बढ़ावा देने), 153 (बी), 469 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज का इस्तेमाल कर धोखाधड़ी करना), 503 (धमकाना) और 504 (किसी को सार्वजनिक शांतिभंग करने के लिए उकसाना) के तहत भी मामला दर्ज किया गया.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने रविवार को त्रिपुरा पुलिस की इस कार्यवाही की निंदा करते हुए कहा था कि वह पुलिस की कार्यवाही से अचंभित है क्योंकि त्रिपुरा सरकार का यह प्रयास हिंसा को नियंत्रित करने में उनकी खुद की नाकामी से ध्यान हटाने का प्रयास है.
गिल्ड ने यह भी कहा कि श्याम मीरा सिंह का आरोप है कि उस पर सिर्फ यह ट्वीट करने की ‘त्रिपुरा जल रहा है’, यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है.