त्रिपुरा में 25 नवंबर को हुए नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने 334 में से 329 सीटों पर जीत दर्ज की है. पार्टी ने अगरतला नगर निगम के सभी 51 वॉर्ड में जीत दर्ज की है. टीएमसी के खाते में एक सीट जबकि सीपीआई (एम) ने तीन सीट पर जीत हासिल की. एक सीट निर्दलीय प्रत्याशी के पक्ष में रही.
अगरतलाः त्रिपुरा निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ भाजपा ने जबरदस्त जीत हासिल की है. भाजपा ने अगरतला नगर निगम के सभी 51 वॉर्ड और सभी अन्य शहरी स्थानीय निकायों में जीत दर्ज की है.
राज्य के सभी आठ जिलों में रविवार को सुबह आठ बजे ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच नगर निकाय चुनाव की मतगणना शुरू हुई थी.
20 नगर निकायों में से 14 में चुनाव हुए और भाजपा ने निर्विरोध छह में जीत दर्ज की. भाजपा ने बिना मुकाबले 112 सीटों पर जीत हासिल की.
बता दें कि 25 नवंबर को हुए नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने 334 सीटों में से 329 सीटों पर जीत दर्ज की है. मतदान के दिन विपक्षी पार्टियों कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) और ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर मतदान में धांधली का आरोप लगाया था.
भाजपा समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर विपक्षी उम्मीदवारों और मतदान एजेंटों पर हमला किया और इनमें से किसी को भी मतदान बूथ पर नहीं जाने दिया.
यहां तक कि भाजपा विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने आरोप लगाया कि कई बाहरी लोग अगरतला में घुसे और उन्हें मतदान केंद्रों के पास देखा गया.
द वायर से बातचीत में राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि मतगणना शांतिपूर्ण ढंग से पूरी हुई.
उन्होंने कहा, ‘लगभग सभी सीटों पर भाजपा ने क्लीन स्वीप किया. सीपीआई (एम) ने तीन वॉर्ड पर जीत दर्ज की, टीएमसी ने एक वॉर्ड जबकि निर्दलीय उम्मीदवार ने भी एक वॉर्ड पर जीत दर्ज की. हमें हिंसा की कोई शिकायत नहीं मिली. सब कुछ शांतिपूर्ण ढंग से रहा.’
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मतगणना के दिन हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर कोई बड़ी घटना नहीं हुई.
पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘राज्य के खोवाई जिले के तहत तेलियामूरा सब डिविजन में भाजपा के संदिग्ध समर्थकों ने कथित तौर पर टीएमसी कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों पर हमला किया. इस दौरान मामूली चोटें भी आईं. पुलिसबलों को तैनात किया गया. स्थिति अब नियंत्रण में है औऱ हम आगे की रिपोर्टों का इंतजार कर रहे हैं.’
भाजपा ने अगरतला नगर निगम की सभी 51 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि यहां पर दशकभर से काबिज रही सीपीआई (एम) अब नदारद है जबकि टीएमसी नगर निगम में सबसे बड़ा विपक्ष बनकर उभरा है.
सीपीआई(एम) ने दो वॉर्डों में जीत दर्ज की है, जिनमें धलाई जिले के तहत अंबासा नगरपालिका परिषद की 1 और उत्तरी जिले के पानीसागर नगर परिषद के दो वॉर्ड.
टीएमसी ने एक ही वॉर्ड (अंबासा नगर परिषद) में जीत हासिल की है जबकि निर्दलीय उम्मीदवार भी इसी परिषद में एक सीट जीतने में सफल रहा.
मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा- नतीजे ऐतिहासिक
मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने नतीजों के ऐलान के बाद अपने संबोधन में राज्य में हाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा का उल्लेख किया.
Thank you very much Hon PM Shri @narendramodi Ji for your affection for Tripura.
Today's referendum reflects people's trust in your good governance.I assure you,we will work hard to ensure that your affection & developmental policies reach to every single individual of the state. https://t.co/4DM22DUdUp— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) November 28, 2021
देब ने कहा, ‘जिस तरह से राज्य का नाम ब दनाम किया जा रहा था, लोगों ने ईवीएम मशीनों के जरिये सही जवाब दिया है. त्रिपुरा में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदायों के लोगों ने मिलकर नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में विकास के पक्ष में वोट किया है.’
देब ने कहा कि चुनावी जनादेश उन लोगों के लिए जवाब है, जिन्होंने एक छोटे राज्य के रूप में त्रिपुरा का अपमान करने की कोशिश की और अपनी साजिशों से इसे कमतर करना चाहा.
विपक्षी दलों का ध्यान हिंसा पर
चुनाव के दिन कथित हिंसा का उल्लेख करते हुए सीपीआई(एम) ने कहा कि बीते 44 महीनों में लोगों का मिजाज नतीजों में नहीं दिखा.
सीपीआई (एम) की राज्य समिति के सचिव जितेंद्र चौधरी ने द वायर को बताया, ‘चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत से ही सत्तारूढ़ पार्टी ने सरकारी मशीनरी के साथ मिलकर हर चीज में हेरफेर का प्रयास किया इसलिए नतीजे उसी के अनुरूप आए इसलिए ये सत्तारूढ़ पार्टी के लिए अच्छे नतीजे नहीं हैं. अगरतला नगर निगम सहित पांच स्थानीय निकायों में हमने चुनाव के दौरान बड़े स्तर पर हुई हिंसा की वजह से मतगणना में हिस्सा नहीं लिया. हमारे उम्मीदवारों, पोलिंग एजेंट सहित बड़ी संख्या में लोगों को मंजूरी नहीं दी गई. हमें इसका बहिष्कार करने के लिए विवश होना पड़ा. अन्य नगर निकायों में जहां शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव हुआ, हमने थोड़ी बहुत कोशिश की.’
टीएमसी नेता राजिब बनर्जी ने कहा कि देश के राजनीतिक इतिहास में किसी राजनीतिक दल के लिए तीन महीने के लिए लड़ना और लगभग 24 फीसदी वोटों के साथ दूसरे स्थान पर आना दुर्लभ है.
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