यौन उत्पीड़न केस: कोर्ट ने 14 जनवरी तक अभिनेता दिलीप के ख़िलाफ़ कार्रवाई न करने को कहा

अभिनेता दिलीप समेत दस लोगों पर आरोप है कि उन्होंने 17 फरवरी 2017 की रात एक फिल्म अभिनेत्री को कथित तौर पर बंदी बनाकर उन्हीं की कार में दो घंटे तक कथित तौर पर यौन शोषण किया और इसका वीडियो बनाया. अब दिलीप पर इस केस की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकाने का मामला दर्ज किया गया है.

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अभिनेता दिलीप. (फोटो साभार: फेसबुक/Dileep)

अभिनेता दिलीप समेत दस लोगों पर आरोप है कि उन्होंने 17 फरवरी 2017 की रात एक फिल्म अभिनेत्री को कथित तौर पर बंदी बनाकर उन्हीं की कार में दो घंटे तक कथित तौर पर यौन शोषण किया और इसका वीडियो बनाया. अब दिलीप पर इस केस की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकाने का मामला दर्ज किया गया है.

अभिनेता दिलीप. (फोटो साभार: फेसबुक/Dileep)

कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय ने एक अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न की 2017 की घटना की जांच कर रहे अधिकारियों को कथित तौर पर धमकी देने को लेकर अभिनेता दिलीप और पांच अन्य के खिलाफ दर्ज एक नये मामले के सिलसिले में मंगलवार को पुलिस को 14 जनवरी तक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया.

अदालत, 14 जनवरी को उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करेगी.

जस्टिस गोपीनाथ पी. ने कहा, ‘सरकारी वकील निर्देश प्राप्त करें. (याचिका) 14 जनवरी के लिए सूचीबद्ध की जाए. तब तक कुछ नहीं किया जाए.’

अभियोजन की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ सरकारी वकील साजू और अभिनेता का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता थॉमस टी. वर्गीज ने अदालत के मौखिक आदेश की पुष्टि की.

उल्लेखनीय है कि अपराध शाखा ने दिलीप की एक कथित वीडियो क्लिप के आधार पर नौ जनवरी को अभिनेता दिलीप और पांच अन्य के खिलाफ एक अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले में जांच अधिकारियों को कथित रूप से धमकाने का मामला दर्ज किया.

अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले में अभिनेता दिलीप भी एक आरोपी हैं.

अपराध शाखा ने दिलीप के एक कथित ऑडियो क्लिप के आधार पर एक जांच अधिकारी द्वारा दायर एक शिकायत पर मामला दर्ज किया, जिसे हाल ही में एक टीवी चैनल द्वारा जारी किया गया था, जिसमें अभिनेता को अधिकारियों पर हमला करने की साजिश रचते सुना गया था.

सूत्रों ने यह भी कहा कि निर्देशक बालचंद्र कुमार ने भी अपराध शाखा को कुछ पुष्ट बयान दिए थे, जिन्होंने हाल ही में मीडिया के माध्यम से अभिनेत्री के साथ मारपीट मामले में दिलीप के खिलाफ कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए थे.

अभिनेता और पांच अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 116 (उकसाने), 118 (अपराध के तौर तरीके को छुपाने), 120बी (आपराधिक साजिश रचने), 506 (आपराधिक रूप से डराने धमकाने) और 34 (कई लोगों द्वारा आपराधिक कृत्य करने) सहित विभिन्न प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.

प्राथमिकी में दिलीप, उनके दो रिश्तेदारों और दो अन्य व्यक्तियों सहित पांच के नाम हैं, जबकि छठे आरोपी का उल्लेख ‘पहचान योग्य व्यक्ति’ के रूप में किया गया है.

पीड़िता तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्मों में काम करने वाली एक अभिनेत्री है. उसका कुछ आरोपियों ने अपहरण कर लिया था और कार के अंदर दो घंटे तक उससे कथित तौर पर छेड़खानी की थी.

आरोपी 17 फरवरी, 2017 की रात में वाहन में जबरदस्ती घुस गए थे और बाद में व्यस्त इलाके में भाग गए थे. कुछ आरोपियों ने अभिनेत्री को ब्लैकमेल करने के लिए पूरे कृत्य का वीडियो बना लिया था.

इस मामले में 10 आरोपी हैं और शुरुआत में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में दिलीप को गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन फिर जमानत पर रिहा कर दिया गया.

यह मामला ऐसे समय सामने आया है, जब अभिनेत्री के साथ मारपीट के मामले में कोच्चि की एक विशेष अदालत में सुनवाई चल रही है.

इसी बीच, यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को कथित तौर पर धमकी देने के नए मामले में अग्रिम जमानत के लिए अभिनेता दिलीप ने केरल उच्च न्यायालय पहुंचे थे.

दिलीप के अलावा उनके छोटे भाई पी. शिवकुमार और साले टीएन सूरज ने भी अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया है.

दिलीप, शिवकुमार और सूरज की ओर से दायर संयुक्त याचिका में दावा किया गया है कि उनके खिलाफ पुलिस उपाधीक्षक (अपराध शाखा) बैजू पॉलोस द्वारा की गई शिकायत ‘झूठी’ है.

अधिवक्ता फिलिप टी. वर्गीज के जरिए दायर याचिका में दिलीप और उनके रिश्तेदारों ने कहा है कि उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का इरादा उन्हें गिरफ्तार करना और आम जनता के समक्ष अपमानित करना है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि उनकी यह आशंका शिकायतकर्ता अधिकारी के उस व्यवहार से उत्पन्न हुई है, जिसमें वह एक अभिनेत्री के यौन उत्पीड़न मामले में शुरू से ही फर्जी तरीके से उन्हें फंसाने की कोशिश कर रहे हैं.

पहली बार सामने आईं पीड़िता, कहा- उन्हें चुप कराने की कोशिश की गई

अभिनेता दिलीप की कथित संलिप्तता वाले केरल यौन उत्पीड़न मामले की पीड़ित अभिनेत्री ने सोमवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखी.

अभिनेत्री ने कहा कि अपराध उन्होंने नहीं किया है, लेकिन उन्हें शर्मिंदा करने, चुप कराने और अलग-थलग करने की कोशिशें की गईं.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, पीड़िता ने अपने इंटाग्राम एकाउंट पर लिखा, ‘यह यात्रा आसान नहीं रही. पीड़ित से सर्वाइवर बनने तक का सफर. मुझ पर हुए हमले के बोझ तले मेरा नाम और पहचान पिछले पांच साल से दबाकर रखी गई.’

उन्होंने लिखा, ‘मुझ पर हुए हमले के कारण पांच साल से मेरा नाम और मेरी पहचान दबाई जा रही है. हालांकि, अपराध मैंने नहीं किया है, लेकिन मुझे शर्मिंदा करने, चुप कराने और अलग-थलग करने की कई कोशिशें की गईं.’

अभिनेत्री ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी यात्रा जारी रखेगी कि कोई और इस तरह की परीक्षा से दोबारा न गुजरे.

पीड़िता ने उसके साथ खड़े रहने वाले हर व्यक्ति का धन्यवाद किया और कहा कि कुछ लोग उसकी आवाज को जिंदा रखने के लिए आगे आए.

उन्होंने कहा, ‘अब मैं जब अपने समर्थन में उठती कई आवाजों को सुनती हूं, तो मुझे लगता है कि न्याय की इस लड़ाई में मैं अकेली नहीं हूं. मैं न्याय को जीतते देखने, अपराधियों को सजा दिलाने और यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी यात्रा जारी रखूंगी कि किसी और को इस पीड़ा से नहीं गुजरना पड़े. मेरे लिए खड़े रहने वाले लोगों के प्यार के लिए उन्हें धन्यवाद.’

उसके बाद कई फिल्म कलाकारों ने अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए संबंधित सोशल मीडिया हैंडल पर अपनी पोस्ट साझा की.

इस पोस्ट को मंजू वारियर, टोविनो थॉमस, निमिशा सजयन, पृथ्वीराज, कुंचाको बोबन, गीतू मोहनदास, पार्वती थिरुवोथ, रीमा कलिंगल, अन्ना बेन, लीना, बाबूराज आदि सहित कई लोगों ने शेयर किया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)