अरुणाचल: अपहृत किशोर के पिता का आरोप- चीनी सेना ने बेटे को पीटा, बिजली के झटके दिए

अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग ज़िले से 18 जनवरी को एक किशोर मिराम तरोन लापता हो गया था, जिसके बाद 19 जनवरी को सांसद तापिर गाओ ने चीनी सैनिकों द्वारा किशोर का अपहरण किए जाने का दावा किया था. 27 जनवरी को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया था कि किशोर को भारत को सौंप दिया गया है.

/
चीनी सेना ने सियांग जिले से 17 वर्षीय एक किशोर का अपहरण कर लिया. (फोटो साभार: ट्विटर/@TapirGao)

अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग ज़िले से 18 जनवरी को एक किशोर मिराम तरोन लापता हो गया था, जिसके बाद 19 जनवरी को सांसद तापिर गाओ ने चीनी सैनिकों द्वारा किशोर का अपहरण किए जाने का दावा किया था. 27 जनवरी को केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया था कि किशोर को भारत को सौंप दिया गया है.

चीनी सेना ने सियांग जिले से 17 वर्षीय एक किशोर का अपहरण कर लिया. (फोटो साभार: ट्विटर/@TapirGao)

ईटानगरः अरुणाचल प्रदेश से कथित तौर पर चीन की सेना द्वारा अगवा किए गए भारतीय किशोर को उसके परिवार से फिर से मिला दिया गया है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

जिला उपायुक्त शाश्वत सौरभ ने बताया कि भारतीय सेना ने सोमवार शाम को अपर सियांग जिले में तूतिंग में एक कार्यक्रम में मीराम तारोन को उसके माता-पिता से मिलाया गया.

घर वापसी पर स्थानीय प्रशासन और पंचायत नेताओं ने उसका जोरदार स्वागत किया.

बता दें कि 18 जनवरी को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लुंगता जोर इलाके से कथित तौर पर चीनी सेना ने मीराम (17) का उस समय अपहरण कर लिया था, जब वह अपने दोस्त जॉनी यायिंग के साथ शिकार पर गया था.

इस दौरान यायिंग किसी तरह घटनास्थल से भाग निकला और उसने अधिकारियों को इसकी जानकारी दी.

चीनी सेना ने 27 जनवरी को अन्जॉ जिले के किबितू में वाचा-दमाई केंद्र में मीराम को भारतीय सेना को सौंप दिया था, जहां वह पृथकवास में रहा.

मीराम के पिता ओपांग तारोन ने कहा कि इस पूरी घटना ने उनके बेटे को डरा दिया है और वह मानसिक रूप से परेशान है.

उन्होंने आरोप लगाया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कब्जे में एक सप्ताह से अधिक समय तक रहने के दौरान उनके बेटे को बांधा गया और उसकी आंखों पर भी पट्टियां बांधी गयी.

ओपांग तारोन ने कार्यक्रम में पत्रकारों से कहा, ‘वह अब भी सकते में है. उसे पीठ पर मारा गया और शुरुआत में बिजली के हल्के झटके दिए गए. अधिकतर समय उसकी आंखों पर पट्टी ही बांधी गई और उसके हाथ बांधकर रखे गए. वे उसे तभी खोलते थे जब उसे भोजन करना होता था या शौच के लिए जाना होता था लेकिन उन्होंने उसे पर्याप्त भोजन दिया.’

अरुणाचल पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा सांसद तापिर गाओ ने 19 जनवरी ट्वीट कर किशोर के अपहरण की सूचना साझा की थी. उन्होंने सोमवार को कहा, ‘जिडो के गांववासियों, अधिकारियों और पंचायत नेताओं ने मीराम का गर्मजोशी से स्वागत किया.’

मालूम हो कि अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग ज़िले से 18 जनवरी को एक किशोर लापता हो गया था, जिसके बाद 19 जनवरी को सांसद तापिर गाओ ने चीनी सैनिकों द्वारा किशोर का अपहरण किए जाने का दावा किया था. घटना के सामने आने के बाद भारतीय सेना ने किशोर का पता लगाने के लिए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से मदद मांगी थी.

इसके बाद 27 जनवरी को केंद्रीय कानून मंत्री और राज्य से भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर बताया कि किशोर को भारतीय सेना को सौंप दिया गया है.

इससे पहले पीएलए ने भारतीय सेना को बताया था कि उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के अपने क्षेत्र में एक किशोर मिला है, लेकिन वह तब वह यह पुष्टि नहीं कर सकते कि क्या यह वही किशोर है, जो 18 जनवरी को अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले से लापता हो गया था.

मालूम हो कि इससे पहले सितंबर 2020 में पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच युवकों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें रिहा कर दिया था.

इससे पहले मार्च 2020 में 21 वर्षीय युवक तोगली सिनकम को पीएलए ने मैकमहोन रेखा के नजदीक असापिला सेक्टर में पकड़ लिया था, जबकि उनके दो दोस्त बचकर भागने में कामयाब हुए थे. पीएलएल ने करीब 19 दिन तक बंधक बनाए रखने के बाद युवक को रिहा किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)