बीबी का मकबरा में नमाज़ की इजाज़त चाहते हैं बहादुरशाह के परपोते

अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह ज़फ़र का परपोता होने का दावा करने वाले शहज़ादा याक़ूब हबीबुद्दीन तूसी ऐतिहासिक बीबी का मकबरा मस्जिद में नमाज़ की इजाजत मांगी है.

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अंतिम मुगल बादशाह बहादुरशाह ज़फ़र का परपोता होने का दावा करने वाले शहज़ादा याक़ूब हबीबुद्दीन तूसी ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित ऐतिहासिक बीबी का मकबरा मस्जिद में नियमित रूप से नमाज़ की इजाजत मांगी है.

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बीबी का मकबरा (प्रतीकात्मक फोटो विकीमीडिया)

तूसी ने कहा कि मकबरा परिसर में स्थित यह मस्जिद बंद है और यहां नमाज की इजाजत नहीं है. यह संविधान में दिए गए मौलिक अधिकार के खिलाफ है.

मकबरे के संरक्षक तूसी ने कहा, अगर ऐतिहासिक ताज़महल में पूरे साल नमाज़ की इजाजत है तो ताज़महल की नकल, इस मकबरे में क्यों नहीं. बीबी का मकबरा मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने 1660 में अपनी पहली बेग़म दिलरस बानू बेग़म की याद में बनवाया था.

तूसी ने बताया कि उन्होंने नमाज की मांग करते हुए इस सिलसिले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने कहा कि कम से कम तीन नमाज़ की इजाज़त दी जा सकती है.