विधानसभा चुनाव राउंड-अप: बलिया में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रैली में हंगामा हुआ और ‘अखिलेश जिंदाबाद’ के नारे लगाने वाले व्यक्ति को हिरासत में लिया गया. रालोद के जयंत चौधरी ने योगी सरकार को किसान विरोधी बताते हुए सवाल किया कि सरकार ने आशीष मिश्रा की ज़मानत को चुनौती क्यों नहीं दी. वहीं, पंजाब में पिछले तीन विधानसभा चुनावों के मुकाबले इस बार सबसे कम मतदान हुआ.
बलिया/इलाहाबाद/बहराइच/नोएडा/चंडीगढ़/पणजी: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चुनावी सभा में मंगलवार को कुछ युवकों ने सेना में भर्तियां न होने का मुद्दा उठाकर उनके भाषण में व्यवधान उत्पन्न किया.
साथ ही रैली के दौरान एक व्यक्ति ने विपक्षी नेता अखिलेश यादव के पक्ष में नारेबाजी की जिसके लिए उसे हिरासत में ले लिया गया.
सिंह ने मंगलवार को जिले के सिकंदरपुर विधानसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार संजय यादव के समर्थन में बंशीबाजार गांव में एक चुनावी सभा को संबोधित किया.
सिंह इस दौरान मोदी सरकार द्वारा किए गए कार्यो का उल्लेख कर रहे थे कि तभी उनके भाषण में व्यवधान उत्पन्न करते हुए मीडिया गैलरी के समीप मौजूद कुछ युवकों ने सेना में भर्ती न होने का मसला जोर-शोर से उठाया.
इस पर सिंह ने कहा कि भर्ती निकाली जा रही है. सिंह के इस आश्वासन के बाद भी जब युवकों ने तीन साल से भर्ती लटकने की बात कही तो रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘नेतागिरी’ से बात बिगड़ जाती है.
सिंह ने इसके साथ ही कहा, ‘इस मसले पर मेरी पूरी वेदना है, कठिनाई को समझ रहा हूं. कोरोना महामारी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है. सौ साल में ऐसी महामारी से पहली बार हम जूझ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यो के कारण आज दुनिया में भारत की कोरोना से निपटने को लेकर प्रशंसा हो रही है.’
इससे पहले गोंडा ज़िले में एक चुनावी रैली में राजनाथ सिंह के भाषण के दौरान भारतीय सेना में नौकरी की तलाश में खड़े युवाओं द्वारा नारे लगाए गए थे. तब नाराज़ युवाओं को शांत कराते हुए सिंह भर्ती का आश्वासन दिया था और भारत माता की जय के नारे लगाने का आग्रह किया था.
वहीं, मंगलवार को सिंह का भाषण जब अंतिम चरण में था तभी एक युवक ने ‘गरीबों का मसीहा, अखिलेश यादव जिंदाबाद’ के नारे लगाए. इस नारेबाजी को देखकर सभा में मौजूद लोग युवक की तरफ बढ़े तो सिंह ने कहा कि ‘इस युवक को छोड़ दिया जाये. कोई कुछ भी न करे.’
इस बीच पुलिस उपाधीक्षक राजेश तिवारी ने बताया कि रक्षा मंत्री सिंह के भाषण के दौरान ‘अखिलेश यादव जिंदाबाद’ का नारा लगाने वाले युवक की शिनाख्त अंगद यादव के रूप में की गई है. उन्होंने बताया कि पुलिस अंगद यादव को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव लोकतंत्र बचाने का चुनाव है: अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को कहा कि राज्य में हो रहा विधानसभा चुनाव लोकतंत्र बचाने का चुनाव है.
इलाहाबाद शहर से 30 किलोमीटर दूर यमुनापार के करछना विधानसभा क्षेत्र में भीरपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए यादव ने कहा, ‘यह कोई साधारण चुनाव नहीं है. यह चुनाव उत्तर प्रदेश के भाग्य को बदलने के साथ-साथ लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है.’
उन्होंने कहा, ‘सपा ने जो घोषणा-पत्र पेश किया है, उसे हम लागू करने का काम करेंगे. जब से भाजपा की सरकार आई है, इसने बेरोजगारी बढ़ाई, महंगाई बढ़ाई है.’
सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘ भाजपा के छोटे नेता छोटा झूठ बोलते हैं, जो बड़े नेता हैं, वे बड़ा झूठ बोलते हैं और जो सबसे बड़े नेता हैं, वे सबसे बड़ा झूठ बोल रहे हैं.’
यादव ने कहा कि सपा शिक्षा मित्रों की मदद करना और शिक्षा विभाग में रिक्त पड़ी लाखों नौकरियों को भरने का वादा करती है. उन्होंने कहा कि सपा की सरकार बनने पर रिक्त पड़े पदों को भरकर नौजवानों को नौकरियां दी जाएंगी.
उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा, ‘भाजपा सरकार में ‘बाबा’ (योजनाओं का) नाम बदलकर विकास दिखाते हैं. इस बार एक अंग्रेजी अखबार ने उनका भी नाम बदल दिया और उनका नया नाम ‘बाबा बुलडोजर’ रख दिया.’
यादव ने कहा, ‘वह (योगी आदित्यनाथ) गर्मी निकालने की बात करते हैं. इस बार जब वोट पड़ेगा तो लोग ‘बाबा’ की भाप निकल देंगे.’
सपा प्रमुख की जनसभा में भीड़ अनियंत्रित हो गई और लोग बैरिकेड तोड़कर मंच के करीब पहुंच गए. अखिलेश यादव की रवानगी के समय लोग उनके हेलीकॉप्टर के पास पहुंच गए और पुलिस को बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ना पड़ा.
योगी सरकार आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ न्यायालय क्यों नहीं गई: जयंत चौधरी
राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि भाजपा किसान विरोधी है.
उन्होंने यह भी सवाल किया कि उत्तर प्रदेश सरकार केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे और लखीमीपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत देने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय क्यों नहीं गई?
चौधरी की यह टिप्पणी लखीमपुर हिंसा के पीड़ितों द्वारा विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय का रुख करने के बाद आई है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘योगी जी को बताना चाहिए कि वो आशीष मिश्रा टेनी को जमानत मिलने से इतने प्रसन्न क्यों हुए? उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका क्यों प्रस्तुत नहीं की ? बात साफ़ है: भाजपा सरकार किसान विरोधी है!’
गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने गत 10 फरवरी को आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी जो पिछले चार महीने से हिरासत में थे.
मालूम हो कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को नौ अक्टूबर 2021 को मुख्य अभियुक्त के तौर पर गिरफ्तार किया गया था.
तीन अक्टूबर 2021 को यानी घटना के दिन लखीमपुर खीरी के सांसद अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के विरोध में वहां के आंदोलित किसानों ने उनके (टेनी) पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था.
आरोप है कि इस दौरान जिले के तिकुनिया में अजय कुमार मिश्रा से संबंधित महिंद्रा थार सहित तीन एसयूवी के एक काफिले ने तिकुनिया क्रॉसिंग पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को रौंद दिया था, जिसमें चार किसानों और एक पत्रकार की मौत हो गई थी और लगभग आधा दर्जन लोग घायल हुए थे.
मामले में अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा और उसके दर्जन भर साथियों के खिलाफ चार किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे कई गंभीर आरोप हैं.
उत्तर प्रदेश में पहले ‘माफिया कॉरिडोर’ था, अब ‘डिफेंस कॉरिडोर’ बन रहा: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारों पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार से पहले सपा-बसपा ने उत्तर प्रदेश को आतंक का गढ़, दंगे का केंद्र और ‘माफिया कॉरिडोर’ बना रखा था.
इलाहाबाद शहर के पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के प्रीतम नगर में दुर्गा पूजा पार्क में एक जनसभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि 2017 में प्रदेश की जनता ने 300 से अधिक सीटें देकर भाजपा की सरकार बनाई और जहां ‘माफिया कॉरिडोर’ था, अब वहां ‘डिफेंस कॉरिडोर’ बन रहा है.
शहर पश्चिम सीट से भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान में प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के समर्थन में प्रचार करने आए केंद्रीय गृह मंत्री ने दावा किया कि प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पांच साल में माफियाओं को चुन चुनकर खत्म करने का काम किया.
शाह ने कहा, ‘ एक समय था जब उत्तर प्रदेश में कट्टे और गोलियां बनती थीं, लेकिन आज उत्तर प्रदेश में मिसाइल और गोले बन रहे हैं जो दुश्मन का दिल दहलाने का काम कर रहे हैं. यह परिवर्तन भाजपा की सरकार ने पांच साल में लाया है.’
गृह मंत्री शाह ने कहा कि सपा और बसपा के शासन में उत्तर प्रदेश के गांवों और शहरों में कभी 24 घंटे बिजली नहीं आती थी. लेकिन योगी की सरकार ने लोगों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का काम किया.
उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने पांच नए एक्सप्रेसवे बनाए और साथ ही नौ नए हवाई अड्डे बनाने का काम भाजपा की सरकार ने किया.
सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए शाह ने कहा, ‘प्रदेश सरकार ने 40 नए मेडिकल कॉलेज बनाए, 57 से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज बनाए और कई पॉलिटेक्निक बनाने का काम भाजपा की सरकार ने किया. भाजपा ने प्रदेश में विकास की राजनीति की शुरुआत की और जातिवाद की राजनीति समाप्त की.’
शाह ने कहा कि भाजपा सरकार मेरठ से प्रयागराज तक 595 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कर रही है. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए पूरे पूर्वांचल का सेंटर प्रयागराज में बनाने का काम प्रदेश सरकार ने किया है.
अमित शाह ने इस सभा के बाद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रोड शो भी किया.
गोवा विधानसभा चुनाव
बैलेट पेपर से मतदान में गड़बड़ी के मामले में गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने रिपोर्ट तलब की
गोवा के मुख्य चुनाव अधिकारी ने विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को मतपत्र से हुए मतदान के दौरान कथित उल्लंघनों के संबंध में दो जिलों के निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से रिपोर्ट तलब की है. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
मुख्य चुनाव अधिकारी कुणाल ने बताया कि उत्तर और दक्षिण गोवा जिले के निर्वाचन अधिकारियों और डीजीपी को ‘सर्विस वोटर्स’ (सेवारत मतदाताओं) के लिए मतपत्र के जरिये मतदान के दौरान कथित उल्लंघनों के बारे में तीन दिनों के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने के लिए सोमवार को कहा गया था.
गोवा की सभी 40 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान हुआ था और मतगणना 10 मार्च को होगी.
कांग्रेस ने एक औपचारिक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि भाजपा नेता ‘सर्विस वोटर्स’ को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे थे, जो मतपत्र के जरिये अपना वोट डालने वाले थे.
पार्टी ने एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर का भी नाम लिया था, जो मतदाताओं से अपनी उपस्थिति में सत्ताधारी पार्टी के लिए कथित तौर पर वोट डालने को कह रहा था.
अधिकारी ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा की गई शिकायतों के अलावा, मतदान अधिकारी ने भी बैलेट पेपर के जरिये मतदान में कुछ गड़बड़ियां पाई थीं.
तटीय राज्य गोवा में विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को 78.94 प्रतिशत मतदान हुआ था.
पंजाब विधानसभा चुनाव
पंजाब में करीब 72 प्रतिशत हुआ मतदान, पिछले तीन विधानसभा चुनावों के मुकाबले सबसे कम
पंजाब में 117 विधानसभा सीट के लिए रविवार को हुए मतदान में करीब 72 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा सोमवार की शाम साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अंतिम मत प्रतिशत 71.95 फीसदी रहा.
राज्य में पिछले तीन विधानसभा चुनावों से इसकी तुलना की जाए तो इस बार सबसे कम मतदान हुआ है.
वर्ष 2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में 77.40 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2007 में 75.45 और 2012 यह 78.20 प्रतिशत रहा था. हालांकि, 2002 के चुनाव में मतदान काफी कम हुआ था और यह महज 65.14 प्रतिशत था.
रविवार शाम छह बजे मतदान समाप्त होने के बाद पंजाब के निर्वाचन कार्यालय को अंतिम मत प्रतिशत जारी करने में 24 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा है.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. करुणा राजू ने बताया कि राज्य में पंजीकृत कुल 2,14,99,804 मतदाताओं में से 1,54,69,618 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.
राज्य में 81,33,930 पुरुष, 73,35,406 महिला मतदाता और तीसरे लिंग के 282 मतदाता पंजीकृत हैं.
राजू ने बताया कि मतदान के बाद ईवीएम को राज्य में 66 स्थानों पर 117 स्ट्रांग रूम में रखा गया है तथा भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है और चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मी कड़ी निगरानी कर रहे हैं.
राज्य की कुल 117 विधानसभा सीट में से मुक्तसर जिले की गिद्देरबाहा सीट पर सबसे ज्यादा 84.93 फीसदी मतदान हुआ और सबसे कम 55.40 प्रतिशत मतदान अमृतसर पश्चिम सीट पर हुआ.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)