आरोप है कि गुवाहाटी हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के दौरान कूल्हे का प्रतिरोपण कराकर व्हीलचेयर पर जा रही 80 वर्षीय महिला यात्री के कपड़े उतरवाकर तलाशी ली गई. सीआईएसएफ ने कहा है कि उसने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच शुरू कर दी है और अपनी महिला कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया है.
नई दिल्ली/गुवाहाटी: गुवाहाटी हवाई अड्डे पर सुरक्षा जांच के दौरान कूल्हे का प्रतिरोपण कराकर व्हीलचेयर पर जा रही 80 वर्षीय महिला यात्री के कपड़े उतरवाकर तलाशी करने के आरोप में सीआईएसएफ ने अपनी महिला कॉन्स्टेबल को गुरुवार को निलंबित कर दिया.
महिला अपनी पोती के साथ गुवाहाटी स्थित लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे आई थीं और उन्हें दिल्ली की उड़ान में सवार होना था.
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) गुवाहाटी हवाई अड्डा सहित देश के 64 अन्य असैन्य हवाई अड्डे की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है.
बल ने अपने आधिकारिक ट्वीट में कहा, ‘जरूरतमंद यात्रियों की सुरक्षा और गरिमा साथ-साथ है. सीआईएसएफ ने पहले ही गुवाहाटी हवाई अड्डे पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच शुरू कर दी है.’
Security and dignity of needy pax go hand in hand. CISF has already started enquiry in connection with the unfortunate incident at Guwahati airport. The concerned personnel has been suspended. DIG CISF has spoken with the passenger.@HMOIndia @MoCA_GoI @DollyKikon
— CISF (@CISFHQrs) March 24, 2022
बल ने बताया, ‘संबंधित कर्मी को निलंबित कर दिया गया है. सीआईएसएफ के उप महानिरीक्षक ने यात्री से बात की है.’
नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी शिकायत पर ट्वीट कर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ‘वह भी इस मामले को देख रहे हैं.’
सीआईएसएफ ने महिला की बेटी डॉली किकोन को पोस्ट में टैग किया जिन्होंने ट्विटर के जरिये शिकायत की थी और बल तथा असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा व अन्य को टैग किया था.
किकोन ने ट्वीट किया था, ‘सीआईएसएफ मुख्यालय मेरी 80 वर्षीय मां की गुवाहाटी हवाई अड्डे पर सीआईएसएफ सुरक्षा जांच के दौरान कपड़े उतारने को कहा गया. सुरक्षाकर्मी उनके टाइटेनियम कूल्हा प्रतिरोपण का ‘सबूत’ चाहते थे और उन्होंने उन्हें कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया. क्या हम इस तरह से वरिष्ठ नागरिकों के साथ व्यवहार करते हैं.’
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘यह घृणित है. मेरी 80 साल की विशेष तौर पर सक्षम मां को अपने अंतःवस्त्र उतारने और निर्वस्त्र होने को मजबूर किया गया. क्यों? क्यों?’
सीआईएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि संबंधित सुरक्षाकर्मी ने महिला को शरीर के निचले हिस्से के कपड़े को उतारने को कहा क्योंकि मेटल डिटेक्टर ने बीप की आवाज कर धातु होने का संकेत दिया.
उन्होंने बताया, ‘शुरुआती जानकारी के मुताबिक ड्यूटी पर तैनात सीआईएसएफ कर्मी ने ऐसी परिस्थिति के निर्धारित मानक परिचालन प्रक्रिया का अनुपालन किया.’
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘धातु होने का संकेत मिलने के बाद उन्होंने महिला यात्री की तलाशी देने और कूल्हे के प्रतिरोपण का हिस्सा दिखाने को कहा ताकि वह महिला के दावे की पुष्टि कर सके कि उनकी सर्जरी हुई है.’
उन्होंने कहा कि इस बात की जांच की जा रही है कि कर्मी ने यात्री के साथ क्या सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया या कोई और खामी रही.
अधिकारियों ने बताया कि सीआईएसएफ के नियंत्रण कक्ष में हवाई अड्डे के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की गई और पाया गया कि महिला दो मिनट के भीतर जांच करा बाहर निकल आई थीं.
गुवाहाटी हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने बताया कि चलने-फिरने में परेशानी का सामना करने वाले यात्रियों से अनिवार्य सुरक्षा जांच से गुजरने का अनुरोध किया जाता है लेकिन महिला यात्री के कूल्हे की हड्डी के पास धातु लगा था और सीआईएसएफ टीम ने आगे की जांच के लिए कहा.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सीआईएसएफ के सूत्रों ने कहा कि मेटल डिटेक्टर से संकेत मिलने के बाद कृत्रिम अंग और प्रत्यारोपण की जांच करना एक सामान्य प्रोटोकॉल था.
उन्होंने कहा, ‘हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या संबंधित सीआईएसएफ कर्मियों ने अपना काम सम्मानपूर्वक और संवेदनशीलता के साथ किया, जिसकी वह हकदार थीं.’
सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम जांच कर रहे हैं कि कहीं कोई उत्पीड़न तो नहीं हुआ.’
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल भी इसी तरह की स्थिति सामने आई थी जब अभिनेत्री और नर्तकी सुधा चंद्रन ने सोशल मीडिया पर शिकायत की थी कि कैसे सीआईएसएफ ने उन्हें अपना कृत्रिम अंग उतारने के लिए मजबूर किया था. तब बल ने माफी जारी की थी.
बल ने एक बयान में कहा था, ‘सुधा चंद्रन को हुई असुविधा के लिए हमें बेहद खेद है. प्रोटोकॉल के अनुसार विशेष परिस्थितियों में ही सुरक्षा जांच के लिए कृत्रिम अंग को हटाया जाता है. हम जांच करेंगे कि संबंधित महिलाकर्मियों ने सुधा चंद्रन से ऐसा अनुरोध क्यों किया. हम आश्वस्त करते हैं कि हमारे सभी कर्मियों को प्रोटोकॉल पर फिर से संवेदनशील बनाया जाएगा ताकि यात्रा करने वाले यात्रियों को कोई असुविधा न हो.’
पिछले साल अक्टूबर में साझा किए गए एक इंस्टाग्राम वीडियो में सुधा चंद्रन ने कहा था कि हर बार जब वह अपने पेशेवर काम के लिए यात्रा करती हैं, तो सुरक्षा एजेंसियों द्वारा उनसे पूछताछ की जाती है. उनके कृत्रिम अंग को ईटीडी (विस्फोटक ट्रेस डिटेक्टर) से जांचने के लिए कहने के बावजूद हवाई अड्डे के कर्मचारी उन्हें इसे हटाने के लिए कहते हैं.
ज्ञात हो कि सुधा चंद्रन ने एक दुर्घटना में अपना पैर खो दिया था और एक कृत्रिम अंग की मदद से अभिनय और नृत्य में लौट आई थीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)