त्रिपुरा: मवेशी चोरी के संदेह में युवक की पीट-पीटकर हत्या, दो गिरफ़्तार

सिपहीजाला ज़िले की घटना. पुलिस ने बताया कि सोनामुरा उपसंभाग में जात्रापुर थानाक्षेत्र में ग्रामीणों ने एक युवक को मवेशी चोर समझकर बुरी तरह पीटा. हालत गंभीर होने के चलते स्थानीय अस्पताल ने उसे अगरतला रेफर किया, जहां ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया. मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

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सिपहीजाला ज़िले की घटना. पुलिस ने बताया कि सोनामुरा उपसंभाग में जात्रापुर थानाक्षेत्र में ग्रामीणों ने एक युवक को मवेशी चोर समझकर बुरी तरह पीटा. हालत गंभीर होने के चलते स्थानीय अस्पताल ने उसे अगरतला रेफर किया, जहां ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया. मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

अगरतला: त्रिपुरा के सिपहीजाला जिले में मवेशी चोर होने के संदेह पर मंगलवार सुबह 26 वर्षीय शख्स की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई.

पुलिस ने बताया कि सोनामुरा उपसंभाग में जात्रापुर पुलिस थाने के अंतर्गत तारापुकुर निवासी लिटन मियां की हत्या के संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस ने बताया कि उन्हें मंगलवार सुबह सूचना मिली थी कि ग्रामीणों ने बारामुरा में एक युवक को पकड़ लिया है. उन्होंने बताया कि पुलिस का एक दल घटनास्थल पर पहुंचा और युवक को गंभीर रूप से घायल अवस्था में पाया. युवाओं के एक समूह ने उसे मवेशी चोर बताते हुए उसकी पिटाई की थी.

जात्रापुर पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी नंदन दास ने बताया, ‘उसे पहले एक स्थानीय अस्पताल ले जाया गया. वहां से उसे अगरतला में जीबीपी अस्पताल रेफर कर दिया गया, क्योंकि उसकी हालत गंभीर थी. अस्पताल जाने के रास्ते में उसकी मौत हो गई.’

घटना की खबर फैलते ही सैकड़ों स्थानीय लोगों ने धानपुर के समीप सड़क अवरुद्ध करते हुए हत्यारों को फौरन गिरफ्तार करने की मांग की. धानपुर विपक्ष के नेता माणिक सरकार का निर्वाचन क्षेत्र है.

केंद्रीय सामाजिक सशक्तिकरण एवं न्याय राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक भी धानपुर की निवासी हैं.

मृतक के पिता जमाल मियां ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी, जिसके बाद दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार लोगों में सेंतु देबनाथ और अमर चंद्र दास शामिल हैं. भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) समेत संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया है.

त्रिपुरा में मवेशी तस्करी की खबरें आम हैं. तस्करों से बरामद गायों के लिए विशेष रूप से आश्रय चलाने वाले एनजीओ ध्यान फाउंडेशन के एक प्रबंधक ने बताया कि उन्हें हर महीने लगभग 100 नए मवेशी मिलते हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)