इंदौर में एक निजी मेडिकल कॉलेज के 21 वर्षीय एमबीबीएस छात्र चेतन पाटीदार का शव छात्रावास के कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया गया. परिजनों ने आरोप लगाया है कि सीनियर छात्र काफी समय से चेतन की रैगिंग कर उसे परेशान कर रहे थे, जिसकी शिकायत उसने कॉलेज अधिकारियों से भी की थी.
इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर में निजी मेडिकल कॉलेज के 21 वर्षीय एमबीबीएस छात्र का शव छात्रावास (हॉस्टल) के कमरे में बुधवार सुबह पंखे से लटकता हुआ पाया गया. मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि कॉलेज में रैगिंग से परेशान होकर उसने आत्महत्या की है.
खुड़ैल पुलिस थाने के सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) सुरेश पवार ने बताया कि इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्र चेतन पाटीदार (21) का शव संस्थान के छात्रावास में उसके कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला.
उन्होंने कहा, ‘हमें पाटीदार के कमरे से अब तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. हालांकि, पहली नजर में यह आत्महत्या का मामला लग रहा है.’
रैगिंग के कारण एमबीबीएस छात्र की आत्महत्या को लेकर परिजनों के आरोप पर एएसआई ने कहा कि पुलिस तमाम पहलुओं पर मामले की जांच कर रही है और उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.
पीड़ित के करीबी रिश्तेदार विजय पाटीदार ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ छात्र काफी समय से चेतन की रैगिंग कर उसे परेशान कर रहे थे और उसने कॉलेज अधिकारियों से शिकायत भी की थी.
विजय ने दावा किया कि चेतन ने कॉलेज के बाहर किराए के कमरे में रहने की अनुमति मांगी थी, लेकिन उसे अनुमति नहीं दी गई.
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कॉलेज के अधिकारियों ने परिवार को बहुत देर से घटना के बारे में सूचित किया.
इस मामले में कॉलेज के डीन से संपर्क करने के प्रयास किए गए, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया.
अमर उजाला के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि मृतक छात्र उज्जैन जिला के ग्राम मौलाना का है. उसने इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में 28 फरवरी को दाखिला लिया था. वह आठ दिन पहले अपने घर गया था.
मृतक के जीजा विजय पाटीदार ने बताया कि चेतन को कॉलेज के सीनियर छात्रावास और कॉलेज में परेशान कर रहे थे. यह बात उसने अपने पिता को भी बताई थी. पिता ने अलग कमरा लेकर रहने की बात कही थी. इस मामले में उन्होंने डीन को एक पत्र भी लिखा था.
उन्होंने कहा, ‘डीन ने यह कहते हुए मना कर दिया कि अगर बाहर रहना है तो कॉलेज छोड़ना पड़ेगा. जिसके बाद से चेतन तनाव में चल रहा था. चेतन के पिता मौलाना में ही खेती करते हैं. बड़ा भाई दीपक भी पिता के साथ खेती का काम करता है. दो बड़ी बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. परिवार का सपना था कि चेतन डॉक्टर बने, इसलिए उसे पढ़ने के लिए इंदौर भेजा था.’
इस मामले में इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जीएस पटेल का कहना है कि सुबह 9 बजे उसके रूममेट ने साथ में कॉलेज जाने की बात कही थी. लेकिन वह तबीयत खराब होने की बात कहकर कॉलेज नहीं गया. रूम बदलने या हॉस्टल छोड़ने को लेकर उन्हे कोई पत्र नहीं मिला है. रैगिंग को लेकर भी उनके पास जानकारी नहीं आई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, कॉलेज के प्रवक्ता की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘चेतन पाटीदार मंगलवार (29 मार्च) शाम को छात्रावास में आया था. उसके रूममेट ने प्रबंधन को बताया कि वह रात को जल्दी सो गया था. अगली सुबह, वह कक्षाओं में नहीं गया और छात्रावास में अकेला रहा. वह दोपहर के भोजन के लिए भी नहीं आया और जब उसका रूममेट उसे देखने गया तो दरवाजा अंदर से बंद मिला. छात्रावास के कर्मचारियों ने दरवाजा तोड़ा और उसे पंखे से लटका पाया.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)