कर्नाटकः हलाल मीट को लेकर विवाद शुरू, हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं ने मुस्लिम विक्रेता को पीटा

कर्नाटक में हिजाब विवाद के बाद अब हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा हलाल मीट बेचने वाले मुस्लिम विक्रेताओं के बहिष्कार का मसला विवादों में है. इसी हफ्ते भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने हलाल मीट को 'आर्थिक जिहाद' बताया था, वहीं मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि सरकार हलाल मीट के ख़िलाफ़ लोगों की आपत्तियों पर विचार करेगी.

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कर्नाटक में हलाल मीट के विरोध में पर्चे बांटते वीएचपी, बजरंग दल के कार्यकर्ता (फोटोः वीडियोग्रैब)

कर्नाटक में हिजाब विवाद के बाद अब हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा हलाल मीट बेचने वाले मुस्लिम विक्रेताओं के बहिष्कार का मसला विवादों में है. इसी हफ्ते भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने हलाल मीट को ‘आर्थिक जिहाद’ बताया था, वहीं मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा था कि सरकार हलाल मीट के ख़िलाफ़ लोगों की आपत्तियों पर विचार करेगी.

कर्नाटक में हलाल मीट के विरोध में पर्चे बांटते विहिप, बजरंग दल के कार्यकर्ता. (फोटो साभार: वीडियोग्रैब)

नई दिल्लीः हिंदुत्व कार्यकर्ताओं की अगुवाई में मुस्लिम व्यापारियों के राज्यव्यापी बहिष्कार के बीच कर्नाटक के शिवमोगा जिले में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने एक मुस्लिम मांस विक्रेता से मारपीट की. मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध और हिंदू त्योहारों एवं मंदिर में लगने वाले सालाना मेलों से मुस्लिम विक्रेताओं के बहिष्कार के बाद कर्नाटक में अब सांप्रदायिक राजनीतिक हलाल मीट के मुद्दे पर केंद्रित हो गई है.

बता दें कि अरबी भाषा में हलाल का मतलब जायज़ होता है. इसे इस्लाम के नियमों के अनुरूप काटा जाता है और मुस्लिमों के खाने के लिए इसे बेचा जाता है. देशभर के गैर मुस्लिम हलाल दुकानों से ही मीट खरीदते हैं.

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हालांकि, साल के ऐसे समय में जब कन्नड़ नववर्ष उगादी (दो अप्रैल) मनाए जाने के एक दिन बाद हिंदुओं का एक वर्ग मांसाहारी भोजन तैयार करता है, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे समय में मांस की बिक्री दोगुनी हो जाती है. ठीक इसी समय हिंदुत्ववादी संगठनों ने हलाल मीट पर प्रतिबंध लगाने की मांग तेज कर दी है.

बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और अन्य हिंदुत्ववादी संगठन घर-घर जाकर अभियान चलाकर लोगों से हलाल मीट नहीं खरीदने को कह रहे हैं. वे इस संबंध में पर्चे भी बांट रहे हैं. राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा भी इसका समर्थन कर रही है.

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने 29 मार्च को हलाल मीट को आर्थिक जिहाद कहा था. इसके बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने 30 मार्च को कहा कि राज्य सरकार हलाल मीट को लेकर उठी गंभीर आपत्तियों पर गौर करेगी.

बोम्मई ने कहा, ‘हम इसका पूरा आकलन करना होगा क्योंकि इसका किसी भी नियम से कोई लेना-देना नहीं है. यह एक रिवाज है, जो चला आ रहा है. अब इस संबंध में गंभीर आपत्तियां उठाई गई हैं. हम इस पर गौर करेंगे.’

इसके बाद कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने 31 मार्च को कहा कि इस मामले पर सरकार की सीमित भूमिका है, इसे लोगों के विवेक पर छोड़ दिया गया है.

मालूम हो कि 31 मार्च को ही शिवमोगा के भद्रावती में एक मुस्लिम मीट विक्रेता पर हमला किया गया.

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवमोगा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) बीएम लक्ष्मी प्रसाद ने कहा कि बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने पहले बहस की और फिर मुस्लिम विक्रेता पर हमला कर दिया और उसके बाद एफआईआर दर्ज कर दी.

यह घटना ऐसे समय पर हुई, जब बजरंग दल के सदस्य हलाल मीट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

पुलिस शिकायत में कहा गया है कि कार्यकर्ताओं ने पीड़ित से गैर हलाल मीट बेचने को कहा. जब मीट विक्रेता ने कहा कि इस तरह का मीट अभी तैयार नहीं है और इसकी व्यवस्था करनी होगी तो हिंदुत्व कार्यकर्ताओं ने उसकी पिटाई की.

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इस संबंध में जिले में हुई एक अन्य घटना में पुलिस ने बजरंग दल के इन्हीं कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया क्योंकि इन कार्यकर्ताओं ने एक होटल कारोबारी को कथित तौर पर धमकी दी थी और उसके साथ गाली-गलौज की थी क्योंकि उसने उन्हें गैर हलाल मीट नहीं परोसा था.