कर्नाटक: ठेकेदार की मौत के मामले में मंत्री ईश्वरप्पा पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस

ठेकेदार संतोष पाटिल ने चार करोड़ रुपये की एक परियोजना में निवेश किया था. कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर आरोप है कि वे परियोजना से संबंधित भुगतान को मंजूरी देने के एवज में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे.

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केएस ईश्वरप्पा. (फोटो साभार: फेसबुक)

ठेकेदार संतोष पाटिल ने चार करोड़ रुपये की एक परियोजना में निवेश किया था. कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा पर आरोप है कि वे परियोजना से संबंधित भुगतान को मंज़ूरी देने के एवज में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे.

केएस ईश्वरप्पा. (फोटो साभार: फेसबुक)

बेंगलुरु: कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज (आरडीपीआर) मंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ एक ठेकेदार की मौत को लेकर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने बुधवार को जानकारी दी.

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि ईश्वरप्पा को इस मामले में प्रथम आरोपी बनाया गया है. ठेकेदार संतोष पाटिल उडुपी के एक लॉज में संदिग्ध अवस्था में मृत पाए गए थे.

पुलिस ने प्राथमिकी मृतक के भाई प्रशांत पाटिल की शिकायत के आधार पर दर्ज की है. संतोष पाटिल ने मंत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे. प्रशांत की ओर से दर्ज प्राथमिकी में, मंत्री ईश्वरप्पा और उनके स्टाफ के दो सदस्यों रमेश और बसवराज को आरोपी बनाया गया है.

पुलिस को दी शिकायत में प्रशांत पाटिल ने कहा है कि उनके भाई संतोष पाटिल ने हिंडालगा गांव में चार करोड़ रुपये के काम की एक परियोजना ली और उसमें निवेश किया था. काम का बिल अब तक लंबित था. उन्होंने आरोप लगाया कि संतोष कई बार मंत्री ईश्वरप्पा से मिले थे और उनसे बिल को मंजूरी देकर धनराशि जारी करने का अनुरोध किया था, लेकिन ईश्वरप्पा के करीबी कर्मी बसवराज और रमेश उनसे 40 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे.

इस बीच, फोरेंसिक टीम ने उस स्थान पर सबूतों की जांच की जहां पाटिल मृत पाए गए थे.

गौरतलब है कि, पाटिल की मौत को लेकर मंगलवार को एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर निशाना साधते हुए ईश्वरप्पा को मंत्री पद से हटाने की मांग की थी.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई की इस मामले में संलिप्तता है.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘कर्नाटक की 40 फीसदी कमीशन वाली भाजपा सरकार ने अपने ही एक कार्यकर्ता की जान ले ली. पीड़ित ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री इस मामले में संलिप्त हैं.’

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ सप्ताह पहले पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर बताया था कि उन्होंने अपने गांव में सड़क बनाने में 4 करोड़ रुपयों का निवेश किया था, जिसके मौखिक निर्देश ईश्वरप्पा ने दिए थे.

पाटिल ने लिखा कि मंत्री ने उनसे झूठ बोला था. उन्होंने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई कि वे ईश्वरप्पा को मेरा भुगतान करने के निर्देश दें.

ठेकेदार की मौत के बाद तेज होते राजनीतिक घमासान के बीच कांग्रेस ने ठेकेदार की कथित आत्महत्या मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि ईश्वरप्पा को बर्खास्त कर उनकी गिरफ्तारी की जाए.

मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित कर ‘40 प्रतिशत कमीशन’ मामले में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और सभी मंत्रियों की भूमिका की समयबद्ध जांच की जाए.

कर्नाटक में प्रतिपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने मंत्री की गिरफ्तारी, उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज करने और उन्हें मंत्रालय से बर्खास्त करने की मांग की है.

सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा, ‘संतोष के. पाटिल खुद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कार्यकर्ता था. उसने साफ कहा था कि ईश्वरप्पा उसकी मौत के जिम्मेदार होंगे. यह भारतीय दंड संहिता की धारा 300 और 302 के तहत अपराध है.’

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘ईश्वरप्पा को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए और उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को उन्हें मंत्री पद पर नहीं रहने देना चाहिए क्योंकि वह हत्या के मामले में आरोपी हैं. यह एक गंभीर आरोप है, जिसके लिए आजीवन कारावास या मौत की सजा का प्रावधान है.’

बता दें कि पाटिल ने कुछ मीडिया संस्थानों को कथित तौर पर कुछ संदेश भेजे हैं जिसमें कहा गया है कि वह आत्महत्या कर रहे हैं और आरोप लगाया कि उनकी मौत के लिए ईश्वरप्पा जिम्मेदार हैं. सोशल मीडिया पर भी एक कथित संदेश में पाटिल ने अपनी मौत का जिम्मेदार मंत्री को ठहराया है.

खुद को भाजपा कार्यकर्ता बताने वाले पाटिल ने 30 मार्च को आरोप लगाया था कि उन्होंने आरडीपीआर विभाग में एक काम किया था और चाहते थे कि इसका भुगतान हो, लेकिन ईश्वरप्पा ने चार करोड़ रुपये के काम में 40 प्रतिशत कमीशन की मांग की थी. मंत्री ने न केवल आरोप खारिज किया, बल्कि ठेकेदार के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया था.

बहरहाल, कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है, ‘मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को भाजपा के मंत्री के खिलाफ हत्या एवं भ्रष्टाचार का मामला दर्ज कराना चाहिए. मंत्री को गिरफ्तार करिए. मंत्री पद से बर्खास्त किया जाए. स्वतंत्र जांच कराइए. अन्यथा यह स्पष्ट हो जाएगा कि मुख्यमंत्री बोम्मई भ्रष्टाचार में शामिल हैं.’

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में बेतहाशा भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काया जा रहा है और हालिया मामले से यह साफ है.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी तथा उन्हें मंत्रिमंडल से हटाए जाने की मांग को लेकर शहर में प्रदर्शन भी किया.

इस बीच, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मामले की निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच का भरोसा दिलाया है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को कहा कि पुलिस ठेकेदार की मौत की संपूर्ण और पारदर्शी तरीके से जांच करेगी.

उन्होंने बेंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं एक बात स्पष्ट करना चाहता हूं कि इस मामले की संपूर्ण जांच की जाएगी. हमारी तरफ से कोई हस्तक्षेप या निर्देश नहीं होगा. पुलिस स्वतंत्र रूप से मामले की जांच करेगी और सच्चाई सामने आएगी.’

बोम्मई ने कहा, ‘हमने पुलिस को मामले की व्यवस्थित तरीके से जांच करने का निर्देश दिया है, जैसे कि फॉरेंसिक साइंस, स्पॉट इंस्पेक्शन, पूछताछ और सब कुछ कानून के अनुसार होना चाहिए. यह एक ईमानदार और पारदर्शी जांच होगी.’

ठेकेदार की मौत पर विपक्षी कांग्रेस पार्टी द्वारा इस्तीफे की मांग के बारे में पूछे जाने पर बोम्मई ने कहा, ‘सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री रहते एक पुलिस अधिकारी ने आत्महत्या कर ली थी. मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या सिद्धारमैया ने इस्तीफा दिया.’

मुख्यमंत्री ने ठेकेदार की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रत्येक जीवन मूल्यवान है. हालांकि, जांच से पता चलेगा कि पाटिल ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया.

वहीं, आरोपी मंत्री ईश्वरप्पा ने इस मामले में विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा की जा रही उनके इस्तीफे की मांग को ठुकरा दिया.

ईश्वरप्पा ने कहा, ‘इस्तीफा देने का सवाल ही पैदा नहीं होता. मैंने संतोष पाटिल के खिलाफ जो मामला दायर कराया है, हमें अदालत में उसका फैसला आने का इंतजार करना होगा. मैं यह बिल्कुल स्पष्ट करता हूं कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है.’

उन्होंने कहा, ‘यह बहुत साफ है कि मैंने गलत नहीं किया है. मेरे मानहानि का मामला दायर करने के बाद उसे एक नोटिस भेजा गया था. मुझे अब आपके जरिए पता चला है कि उसने आत्महत्या कर ली. इसके अलावा मुझे कोई जानकारी नहीं है.’

मंत्री ने कहा कि वह संतोष को जानते ही नहीं हैं.

यह पूछे जाने पर कि पाटिल ने उन्हें अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है, मंत्री ने कहा, ‘मुझे इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. मुझे नहीं पता कि उन्होंने मौत से पहले लिखे नोट में मेरा नाम क्यों लिखा और उन्होंने मुझ पर आरोप क्यों लगाया है. इसका जवाब तो सिर्फ वह ही दे सकते हैं लेकिन अब वह जीवित नहीं हैं.’

ठेकेदार के विरुद्ध ईश्वरप्पा द्वारा दायर मानहानि के दावे के बारे में पूछे जाने पर सिद्धारमैया ने कहा, ‘ईश्वरप्पा क्या कहते हैं, यह महत्वपूर्ण नहीं है. उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर देना चाहिए, एक मामला दर्ज करना चाहिए और संतोष पाटिल ने जो कहा उसके आधार पर उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए.’

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्य के गृहमंत्री ए. ज्ञानेंद्र ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक ने मौके का दौरा किया है.

उधर, पाटिल की पत्नी जयश्री ने बेलगावी में संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे पति ऐसे नहीं थे जो आत्महत्या कर लें. यह एक हत्या है. लोगों को कभी भी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठाने की सलाह देने वाला एक व्यक्ति ऐसा घातक कदम नहीं उठा सकता. इसका क्या मतलब निकलता है कि पिछली शाम को मुझसे खुशी-खुशी बात करने वाला व्यक्ति अब जीवित नहीं है.

डेक्कन हेराल्ड के मुताबिक, पाटिल के परिवार ने कहा है कि वे तब तक उनका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब तक कि मंत्री की गिरफ्तारी नहीं हो जाती.

बता दें कि इस महीने ईश्वरप्पा के खिलाफ यह दूसरी एफआईआर है. इससे पहले अप्रैल में, कर्नाटक पुलिस ने राज्य के शिवमोग्गा जिले में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की हत्या के सिलसिले में उनके भड़काऊ बयानों के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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