पंजाब: राम के बारे में ‘अपमानजनक’ टिप्पणी पर सहायक प्रोफेसर बर्ख़ास्त

फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने एक सहायक प्रोफेसर गुरसंग प्रीत कौर को भगवान राम के बारे में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में बर्ख़ास्त कर दिया है. सोशल मीडिया पर उक्त शिक्षिका की रामायण का ज़िक्र करते हुए एक टिप्पणी का कथित वीडियो सामने आया था.

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लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी. (फोटो साभार: फेसबुक/LPUUinversity)

फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने एक सहायक प्रोफेसर गुरसंग प्रीत कौर को भगवान राम के बारे में अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में बर्ख़ास्त कर दिया है. सोशल मीडिया पर उक्त शिक्षिका की रामायण का ज़िक्र करते हुए एक टिप्पणी का कथित वीडियो सामने आया था.

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी. (फोटो साभार: फेसबुक/LPUUinversity)

फगवाड़ा: पंजाब के फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी ने एक सहायक प्रोफेसर को भगवान राम के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में बर्खास्त कर दिया है.

शनिवार को सोशल मीडिया पर सहायक प्रोफेसर गुरसंग प्रीत कौर की टिप्पणी का एक कथित वीडियो सामने आया था, जिसके बाद उन्हें बर्खास्त करने की मांग की गई थी.

सोशल मीडिया पर सामने आए एक ऑनलाइन व्याख्यान की रिकॉर्डिंग में सहायक प्रोफेसर गुरसंग प्रीत कौर को रामायण का जिक्र करते हुए यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, ‘राम बिल्कुल भी अच्छे इंसान नहीं हैं; रावण एक अच्छा इंसान है.’

कौर को यह कहते हुए सुना जा सकता है, ‘मुझे लगता है कि राम एक चालाक व्यक्ति थे, उन्होंने सीता को फंसाने की योजना बनाई और उन्हें संकट में डाल दिया और सारा दोष रावण पर डाल दिया.’

वे आगे कहती हैं कि, ‘हम कैसे कह सकते हैं कि कौन अच्छा है और कौन बुरा? और पूरी दुनिया राम की पूजा कर रही है और कह रही है कि रावण एक बुरा इंसान है? सारी योजना उनके (राम) द्वारा की जाती है, तो वह इतना अच्छा कैसे हो सकता है?’

इस रिकॉर्डिंग के वायरल होने के बाद पर लोगों ने ऑनलाइन कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसके बाद विश्वविद्यालय ने एक बयान जारी किया.

निजी विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा, ‘हम समझते हैं कि सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो से कुछ लोग आहत हुए हैं, जिसमें हमारे एक संकाय सदस्य को अपनी निजी राय साझा करते हुए सुना जा सकता है.’

आगे कहा गया, ‘हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनके द्वारा साझा किए गए विचार पूरी तरह से व्यक्तिगत हैं और विश्वविद्यालय उनमें से किसी का समर्थन नहीं करता है. हम हमेशा एक धर्मनिरपेक्ष विश्वविद्यालय रहे हैं, जहां सभी धर्मों और आस्था के लोगों के साथ प्यार और सम्मान के साथ समान व्यवहार किया जाता है. उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया गया है. हालांकि, हमें इस पूरी घटना का गहरा खेद है.’

संपर्क करने पर विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष अमन मित्तल ने बताया कि संबंधित सहायक प्रोफेसर को शनिवार को बर्खास्त कर दिया गया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)