एक साक्षात्कार में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता शीला दीक्षित ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को थोड़ा और वक़्त दिया जाना चाहिए.
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद की दावेदार रहीं और दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने एक साक्षात्कार में कहा है कि राहुल गांधी अभी परिपक्व नहीं हुए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष को अभी और वक़्त दिया जाना चाहिए.
टाइम्स आॅफ इंडिया को दिए एक साक्षात्कार में शीला दीक्षित से यह सवाल पूछा गया था कि राहुल गांधी के लगातार प्रचार के बाद भी कांग्रेस क्यों सिमटती जा रही है, इसके जवाब में शीला दीक्षित ने यह बात कही.
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम बदलाव के दौर से गुजर रहे हैं. पीढ़ी में बदलाव के साथ-साथ पिछले कई सालों में राजनीति भी बदल गई है. राजनीति की भाषा भी काफी बदल चुकी है. मसलन आप प्रधानमंत्री से ऐसी भाषा की उम्मीद नहीं रख सकते जो उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में कही है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘कांग्रेस खुद को बदलते वक्त के हिसाब से बदल रही है. आप याद रखिए कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अभी परिपक्व नहीं हुए हैं, उनकी उम्र अभी उन्हें परिपक्व नहीं होने दे रही है. उन्हें समय दीजिए. राहुल जी अकेले नेता हैं जिन्होंने किसानों के हित की बात की है.’
राहुल गांधी को और कितना समय चाहिए ? जब यह सवाल शीला दीक्षित से पूछा गया तो उनका जवाब था, ‘उन्होंने काफी कुछ सीखा है. वे अभी तक प्रधानमंत्री इसलिए नहीं बने क्योंकि अभी ऐसा मौका आना बाकी है लेकिन वो मेहनत कर रहे हैं. वो लोगों से मिल रहे हैं और उन्हें पता है कि किसी से अपनी बात कैसे कहनी चाहिए. मुझे लगता है वो जो भी करते हैं वो स्वाभाविक है लेकिन अगर किसी को ऐसा नहीं लगता तो आने वक्त वाले में उन्हें भी ऐसा लगेगा.’
जब शीला दीक्षित से पूछा गया कि वह सपा और कांग्रेस गठबंधन के लिए प्रचार नहीं कर रही हैं, तो इस पर उनका जवाब था, ‘यह कहना ग़लत होगा कि मैं चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं ले रही हूं. पार्टी ने मुझे जो काम दिया है वह मैं कर रही हूं. मुझे कानपुर और बनारस जाना था लेकिन ख़राब तबीयत के चलते नहीं जा पायी. अब मैं ठीक हूं, जल्द ही बनारस जाऊंगी.’
गौरतलब है कि सपा से गठबंधन से पहले शीला उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार थीं लेकिन गठबंधन की संभावना को देखते हुए उन्होंने कहा था कि अखिलेश यादव इस पद के लिए मुझसे कहीं बेहतर प्रत्याशी हैं और वह अखिलेश के लिए रास्ता छोड़ देने में खुशी महसूस करेंगी.