त्रिपुरा में पार्टी के मामलों की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से चर्चा के लिए बिप्लब कुमार देब बीते 12 मई को राजधानी दिल्ली पहुंचे थे. इस्तीफ़े के बाद उन्होंने कहा कि पार्टी सबसे ऊपर है. पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री दोनों के रूप में त्रिपुरा की बेहतरी के लिए काम करने की कोशिश की.
अगरतला/नई दिल्ली: त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल एसएन आर्या को सौंप दिया हैं. देब ने यह घोषणा राजधानी अगरतला स्थित राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात के बाद की.
उनकी जगह माणिक साहा त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री होंगे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि साहा को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है.
देब ने ट्वीट किया, ‘डॉ. माणिक साहा जी को विधायक दल का नेता चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं. मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विजन और नेतृत्व में त्रिपुरा समृद्ध होगा.’
Congratulations and best wishes to @DrManikSaha2 ji on being elected as the legislature party leader.
I believe under PM Shri @narendramodi Ji's vision and leadership Tripura will prosper. pic.twitter.com/s0VF1FznWW
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) May 14, 2022
देब बीते शुक्रवार को दिल्ली में थे. त्रिपुरा में पार्टी के मामलों की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से चर्चा के लिए देब बृहस्पतिवार को वहां पहुंचे थे.
कयास लगाए जा रहे थे कि त्रिपुरा की भाजपा इकाई में आपसी खींचतान चल रही है.
राज्य में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
बिप्लब कुमार देब ने 2018 में पहली बार त्रिपुरा विधानसभा चुनाव लड़ा था और 9,549 मतों के अंतर से अगरतला के बनमालीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे. इसके बाद वह त्रिपुरा में भाजपा के पहले कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में चुने गए थे.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘पार्टी सबसे ऊपर है. मुझे पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष होने का प्रभार दिया था. मैंने पार्टी प्रमुख और मुख्यमंत्री दोनों के रूप में त्रिपुरा की बेहतरी के लिए काम करने की कोशिश की. मुझे जो भी जिम्मेदारी दी गई, मैंने त्रिपुरा के लोगों के लिए न्याय करने की कोशिश की है.’
बिप्लब कुमार देब ने कहा कि भाजपा 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए ‘जिम्मेदार कार्यकर्ताओं’ को पार्टी में लाने की योजना बना रही है.
उन्होंने कहा, ‘पार्टी संगठन जिम्मेदार कार्यकर्ताओं को पार्टी में लाने की कोशिश कर रहा है. पार्टी संगठन होगा तभी सरकार रहेगी. अगर (भाजपा) सरकार को लंबे समय तक रहना है, मेरे जैसे कार्यकर्ताओं को पार्टी में काम करना चाहिए, इससे पार्टी को फायदा होगा.’
अपने अगले कार्यभार के बारे में पूछे जाने पर देब ने कहा कि वह किसी भी क्षमता में काम करने के लिए तैयार हैं, चाहे वह मुख्यमंत्री हो या ‘पन्ना प्रमुख’ (मतदाता सूची के एक पृष्ठ के प्रभारी व्यक्ति).
यह कदम कई लोगों के लिए एक आश्चर्य के रूप में सामने आया है, यहां तक कि उनके मंत्रिमंडल के मंत्रियों ने भी स्वीकार किया कि उनके पास ऐसा कोई पूर्व संकेत नहीं था कि वह ऐसा करेंगे.
देब के मंत्रिमंडल में एक मंत्री ने कहा, ‘हम हैरान हैं. मुझे नहीं पता कि उन्हें किस बात ने प्रेरित किया, लेकिन जाहिर तौर पर उनकी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से चर्चा हुई थी. पार्टी की कुछ योजनाएं हो सकती हैं और हमें विश्वास है कि यह पार्टी के लिए अच्छा होगा.’
रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने पहले पार्टी सहयोगियों के विरोधों के बावजूद देब पर विश्वास जताया था. अगरतला में पार्टी के राष्ट्रीय पर्यवेक्षक विनोद सोनकर की यात्रा के दौरान ‘बिप्लब हटाओ, त्रिपुरा बचाओ’ के नारे लगाए गए थे और अन्य मुद्दों के अलावा चीजों को संभालने के उनके तरीके के बारे में शिकायत करने के लिए भाजपा विधायक दिल्ली दौरे पर गए थे.
कथित तौर पर मुख्यमंत्री के साथ विवाद के कारण कैबिनेट में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रहे सुदीप रॉय बर्मन को उनके पद से हटा दिया गया था. रॉय बर्मन ने अंतत: एक अन्य विधायक आशीष कुमार साहा के साथ भाजपा छोड़ दी और इस साल जनवरी में कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)