पंजाब: अकाल तख़्त जत्थेदार ने केंद्र की ‘ज़ेड’ श्रेणी सुरक्षा लेने से इनकार किया

अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ‘ज़ेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किए जाने की पेशकश ठुकराते हुए कहा कि इससे सिख धर्म के प्रसार के लिए लोगों के साथ उनकी मुलाकात में बाधा आएगी. पंजाब में बीते 29 मई को गायक सिद्धू मूसेवाला की अज्ञात बदमाशों ने गोलीमार हत्या कर दी थी. यह घटना गायक को मिली सुरक्षा पंजाब सरकार द्वारा वापस लेने के एक दिन बाद हुई थी.

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अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह (बाएं से तीसरे) अमृतसर में बिना पंजाब पुलिस की सुरक्षा के. (फोटो: पीटीआई)

अकाल तख़्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ‘ज़ेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किए जाने की पेशकश ठुकराते हुए कहा कि इससे सिख धर्म के प्रसार के लिए लोगों के साथ उनकी मुलाकात में बाधा आएगी. पंजाब में बीते 29 मई को गायक सिद्धू मूसेवाला की अज्ञात बदमाशों ने गोलीमार हत्या कर दी थी. यह घटना गायक को मिली सुरक्षा पंजाब सरकार द्वारा वापस लेने के एक दिन बाद हुई थी.

अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह (बाएं से तीसरे). (फोटो: पीटीआई)

चंडीगढ़: अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान किए जाने की पेशकश को ठुकरा दिया. सिंह ने कहा कि इससे सिख धर्म के प्रसार के लिए लोगों के साथ उनकी मुलाकात में बाधा आएगी.

हालांकि, उन्होंने सुरक्षा की पेशकश के लिए सरकार का आभार जताया. जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा, ‘मैं केंद्र की भावनाओं का सम्मान करता हूं.’

इससे पहले दिन में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की थी. सिख धर्मगुरु को देश की दूसरी सर्वोच्च श्रेणी की सुरक्षा देने का निर्णय बढ़ते खतरे की धारणा को देखते हुए लिया गया.

सिंह ने कहा कि उन्हें केंद्र के इस फैसले के बारे में मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली. सिंह ने कहा कि अकाल तख्त का जत्थेदार होने के नाते उनका कार्य सिख धर्म का प्रचार-प्रसार है, जिसके लिए उन्हें देश-विदेश की यात्रा करनी होती है.

उन्होंने कहा कि अपने कर्तव्य का निर्वहन के लिए उन्हें तमाम लोगों से मुलाकात करनी होती है और कई बार किसी अन्य व्यक्ति के घर पर ठहरना भी पड़ता है. जत्थेदार सिंह ने कहा, ‘ऐसे में मेरे लिए जेड श्रेणी की सुरक्षा के साथ यात्रा करना संभव नहीं है.’

‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा के तहत लगभग 16-20 सशस्त्र सीआरपीएफ कमांडो 24 घंटे तैनात रहते हैं.

इससे पहले दिन में दिल्ली में गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था, ‘अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है. सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) के कमांडो उनकी सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे.’

मालूम हो कि पंजाब के मनसा जिले में बीते 29 मई को मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की अज्ञात बदमाशों ने गोली मार हत्या कर दी थी. यह घटना गायक को मिली सुरक्षा पंजाब सरकार द्वारा वापस लेने के एक दिन बाद हुई थी.

अकाल तख्त सिखों की सर्वोच्च संस्था है और जत्थेदार इसके प्रमुख होते हैं.

अकाल तख्त जत्थेदार हरप्रीत सिंह, गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसेवाला सहित उन 424 लोगों में से एक थे, जिनकी सुरक्षा पंजाब में नवगठित आम आदमी पार्टी सरकार ने बीते 28 मई को हटा दी थी. हालांकि बाद में उनकी सुरक्षा बहाल कर दी गई, लेकिन जत्थेदार ने फिर से राज्य सरकार की सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया.

सुरक्षा हटाए जाने से पहले पंजाब सरकार ने समुदाय के नेता की सुरक्षा के लिए छह कर्मचारियों- बठिंडा पुलिस और इंडिया रिजर्व बटालियन से तीन-तीन जवानों को तैनात किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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