ह्यूमन राइट्स एंड रिलिजियस फ्रीडम ने जर्नलिज़्म अवार्ड्स-2022 के लिए सांप्रदायिकता और देश में बढ़ रही नफ़रत को द वायर पर अपनी रिपोर्ट्स में दर्ज करने के लिए पत्रकारों- अलीशान जाफरी, इस्मत आरा, नाओमी बार्टन, कौशिक राज और शेहलात मकनून वानी को विभिन्न श्रेणियों में शॉर्टलिस्ट किया है.
नई दिल्ली: सांप्रदायिकता और नफरती भाषण (हेट स्पीच) को लेकर की गईं रिपोर्ट्स को लेकर द वायर के पत्रकारों, उनकी रिपोर्ट्स, साथ ही द वायर द्वारा प्रकाशित स्वतंत्र पत्रकारों की रिपोर्ट्स को 6 जून को ह्यूमन राइट्स एंड रिलिजियस फ्रीडम (एचआरआरएफ) जर्नलिज्म अवार्ड्स-2022 के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, पुरस्कारों की पांच श्रेणियों- ‘बेस्ट टेक्स्ट रिपोर्टिंग’, ‘बेस्ट फोटो स्टोरी’, ‘बेस्ट वीडियो स्टोरी’, ‘एचआरआरएफ यंग जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर’ और ‘एचआरआरएफ बेस्ट मीडिया ऑर्गनाइजेशन’ में शॉर्टलिस्ट की घोषणा की गई है.
भारत भर से विभिन्न श्रेणियों में आए 100 से अधिक आवेदनों में से उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया गया. विजेताओं की घोषणा 19 जून रविवार को होगी.
‘एचआरआरएफ यंग जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर’ श्रेणी में चुने गए पांच पत्रकार हैं:
– अलीशान जाफरी एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो अक्सर द वायर के लिए लिखते हैं. जाफरी भारत में सांप्रदायिकता और लगातार हिंदुत्व कार्यकर्ताओं और नेताओं, जिन्होंने 2020 के दिल्ली दंगों में प्रमुख भूमिका निभाई थी, पर रिपोर्ट करते रहे हैं. उन्होंने नफरत के ऑनलाइन प्रसार को करीब से देखा है और ‘लैंड जिहाद‘ व ‘रेहड़ी जिहाद‘ पर रिपोर्ट्स लिखी हैं.
– अब स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर काम करने वाली इस्मत आरा ने भी द वायर के लिए सांप्रदायिकता और नफरत के निहितार्थों पर विस्तार से रिपोर्ट की है. उन्होंने उत्तर प्रदेश में मुस्लिम नाबालिग किशोर पर थोपे गए ‘लव जिहाद’ के दावों के परिणाम और दिल्ली के जामिया नगर में एक मंदिर द्वारा किए अतिक्रमण पर लोगों की प्रतिक्रिया जानने जैसे सूक्ष्म विषयों पर काम किया है.
– नाओमी क्लैरेट बार्टन, जो द वायर में ऑडियंस एंगेजमेंट एडिटर के बतौर कार्यरत हैं, ने घृणा अपराधों और सत्तारूढ़ पार्टी के राजनेताओं के ध्रुवीकरण वाले भाषणों पर रिपोर्ट की है.
– शॉर्टलिस्ट हुई एक पत्रकार स्क्रोल डॉट इन में काम करने वालीं ऐश्वर्या एस. अय्यर हैं. उन्होंने अपनी रिपोर्ट्स में बताया है कि कैसे हिंदुत्ववादी कार्यकर्ताओं भारत के बाल संरक्षण निकाय को हाईजैक कर लिया है. उनकी एक और रिपोर्ट बताती है कि किस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ-भारतीय जनता पार्टी से जुड़े दिल्ली दंगों के आरोपी नगर प्रशासन में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
‘सर्वश्रेष्ठ टेक्स्ट रिपोर्टिंग’ श्रेणी में द वायर के लिए स्वतंत्र पत्रकार कौशिक राज द्वारा द कश्मीर फाइल्स स्क्रीनिंग के दौरान मुस्लिम विरोधी नारे लगाने वालों पर रिपोर्ट को चुना गया है.
उन्होंने उस किशोर पर भी एक रिपोर्ट लिखी थी जिसने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के खिलाफ मार्च निकाल रहे जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर गोलियां चलाई थीं.
उनकी एक अन्य रिपोर्ट में उन्होंने मध्य प्रदेश में हिंदू पुजारी द्वारा मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ पुलिस की मौजूदगी में सामूहिक यौन हिंसा की धमकी देने का मामला उठाया गया था. ये सभी रिपोर्ट द वायर पर प्रकाशित हुई थीं, जिनमें अलीशान जाफरी ने भी सहयोग किया था.
‘बेस्ट वीडियो स्टोरी’ श्रेणी में शेहलात मकनून वानी को द वायर के लिए की गई दिल्ली 2020: द रियल कॉन्सपिरेसी नाम की इन्वेस्टिगेशन के लिए चुना गया है.