मध्य प्रदेश: थाने में छात्र की बेरहमी से पिटाई का आरोप, मानवाधिकार आयोग ने जवाब मांगा

मामला इंदौर के विजयनगर थाने का है. एमकॉम के एक छात्र का आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मी डीज़ल की अवैध बिक्री के संदेह में उन्हें थाने ले गए और थाना प्रभारी के कक्ष में प्लास्टिक के पाइप से घंटों तक पीटा. छात्र के पिता का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने बेटे को छोड़ने के बदले उनसे 50 हज़ार रुपये मांगे और बाद में तीस हज़ार रुपये लेकर छोड़ा.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

मामला इंदौर के विजयनगर थाने का है. एमकॉम के एक छात्र का आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मी डीज़ल की अवैध बिक्री के संदेह में उन्हें थाने ले गए और थाना प्रभारी के कक्ष में प्लास्टिक के पाइप से घंटों तक पीटा. छात्र के पिता का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने बेटे को छोड़ने के बदले उनसे 50 हज़ार रुपये मांगे और बाद में तीस हज़ार रुपये लेकर छोड़ा.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

इंदौर: इंदौर में महाविद्यालय के 26 वर्षीय छात्र को थाने में कथित तौर पर बर्बरता से पीटे जाने की घटना का मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने मंगलवार को संज्ञान लिया.

आयोग ने इस मामले में शहर के पुलिस आयुक्त से तीन हफ्ते के भीतर जवाब तलब किया. आयोग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.

अधिकारी के मुताबिक एमकॉम अंतिम वर्ष के छात्र मोहित देवलिया (26) का आरोप है कि कुछ पुलिसकर्मी डीजल की अवैध बिक्री के संदेह में उन्हें रविवार को विजय नगर थाने ले गए और थाना प्रभारी के कक्ष में प्लास्टिक के पाइप से घंटों तक पीटते रहे.

अमर उजाला के मुताबिक, विजय नगर में मोहित ट्रैवल्स नामक एजेंसी है. उसकी दुकान के बाहर डिब्बों में डीजल भरा था. मोहित को परिवार के साथ बाहर जाना था इसलिए यह डीजल रखा हुआ था, इसी बीच संबंधित बीट के पुलिस जवान पहुंचे और दुकान में तलाशी ली. वहां से 25 लीटर जब्त किया.

छात्र के पिता विनोद देवलिया ने आरोप लगाया कि पुलिसकर्मियों ने उनके बेटे को थाने से छोड़ने के बदले उनसे 50,000 रुपये मांगे और बाद में उसे 30,000 रुपये लेकर छोड़ दिया गया.

इस घटना को लेकर कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं जिनमें पीड़ित छात्र अपनी कमर के निचले हिस्से पर गहरी चोटों के निशान दिखाता नजर आ रहा है.

इस बीच, पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सम्पत उपाध्याय ने बताया कि छात्र तथा उसके पिता के आरोपों की जांच की जा रही है और जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कदम उठाए जाएंगे.

अमर उजाला के मुताबिक, थाना प्रभारी रविंद्र गुर्जर ने सारे आरोप गलत बताते हुए कहा है कि थाने में मारपीट जैसी कोई घटना नहीं हुई है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)