पैगंबर पर टिप्पणी: झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत, इंटरनेट सेवा बंद

झारखंड पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात से राजधानी राजधानी में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित एवं शांतिपूर्ण है. हालांकि, एहतियाती तौर पर शहर के 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर निषेधाज्ञा लागू की गई है. निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर के ख़िलाफ़ टिप्पणी को लेकर उनकी गिरफ़्तारी की मांग पर शुक्रवार को देश भर के कई शहरों में प्रदर्शन हुए थे.

Ranchi: Miscreants throw stones on police during a protest over controversial remarks made by two now-suspended BJP leaders about Prophet Mohammad, in Ranchi, Friday, June 10, 2022. (PTI Photo)(PTI06 10 2022 000216B)

झारखंड पुलिस ने बताया कि शुक्रवार रात से राजधानी राजधानी में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित एवं शांतिपूर्ण है. हालांकि, एहतियाती तौर पर शहर के 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर निषेधाज्ञा लागू की गई है. निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर के ख़िलाफ़ टिप्पणी को लेकर उनकी गिरफ़्तारी की मांग पर शुक्रवार को देश भर के कई शहरों में प्रदर्शन हुए थे.

रांची में 10 जून 2022 को हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर पत्थर फेंकते प्रदर्शनकारी. (फोटो: पीटीआई)

रांची: पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणी को लेकर झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद भीड़ द्वारा की गई हिंसा तथा उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में घायल दो दर्जन लोगों में से देर रात दो लोगों की मौत हो गई.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिंसा में दो लोगों की मौत की खबर से पूरे शहर में तनाव व्याप्त हो गया, जिसके मद्देनजर रांची के 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है और पूरे रांची जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.

बीते शुक्रवार को रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा ने बताया था, ‘आज शहर के मेन रोड इलाके में जुमे की नमाज के बाद इकरा मस्जिद और आसपास के इलाकों से भारी संख्या में जमा उपद्रवियों ने पथराव किया और कुछ स्थानों पर गोलीबारी भी की. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और हवा में गोलियां चलायीं. स्थिति को नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा.’

उन्होंने बताया था, ‘सैकड़ों की संख्या में पथराव कर रहे उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा लेकिन इससे भी जब बात नहीं बनी तो पुलिस को हवा में गोलियां चलानी पड़ी.’

हिंसा में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र कुमार झा को गंभीर चोटें आई हैं. रांची मेन रोड और डेली मार्केट क्षेत्र सहित शहर के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू लागू है.

शहर में शुक्रवार की नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय द्वारा दो विरोध सभाएं आयोतित की गई थी. एक डोरंडा रासलादरबाबा के मजहर के पास और दूसरी इकरा मस्जिद के पास. पहली सभा जहां मजहर से राजेंद्र चौक तक जुलूस में बदली, वहीं दूसरी सभा एक मानव शृंखला थी.

डेली मार्केट इलाके की ओर बढ़ते हुए रतन टॉकीज और हिंदपीढ़ी क्षेत्र से लोग मानव शृंखला में शामिल हुए. बाजार के पास, जहां हनुमान मंदिर स्थित है, पथराव हुआ, जिसके परिणामस्वरूप पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई. हंगामे पर काबू पाने के लिए पुलिस ने पहले लाठीचार्ज किया और फिर फायरिंग की थी.

झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एवं महानिरीक्षक (कार्रवाई) एवी होमकर ने बताया कि शुक्रवार को हुई हिंसा और उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई में घायल दो लोगों की देर रात मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि दोनों मृतकों के शव का पोस्टमार्टम कर उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है.

होमकर के मुताबिक, ‘शुक्रवार रात से राजधानी में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित एवं शांतिपूर्ण है. हालांकि, एहतियाती तौर पर शहर के 12 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर निषेधाज्ञा का पालन कराया जा रहा है, ताकि हिंसा और उपद्रव से बचा जा सके.’

उन्होंने बताया कि रांची के हिंसाग्रस्त मेन रोड क्षेत्र में त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की दो कंपनियां तैनात की गई हैं, जबकि आसापास के संवेदनशील इलाकों में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए लगभग 3,000 सुरक्षाकर्मियों को भेजा गया है.

होमकर के अनुसार, आम लोगों में विश्वास पैदा करने के लिए शनिवार सुबह से दो बार त्वरित कार्रवाई बल एवं अन्य अर्धसैनिक बलों का मेन रोड और आसपास की गलियों में फ्लैग-मार्च निकाला गया.

इस बीच, राज्य के गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर अफवाहों पर नियंत्रण के लिए शुक्रवार शाम सात बजे से शनिवार सुबह छह बजे तक रांची में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी थीं, जिसे तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है.

होमकर ने बताया कि शुक्रवार की हिंसा में 11 पुलिसकर्मियों समेत दो दर्जन लोग घायल हुए थे, जिनमें से कुछ को गोलियां भी लगी थीं.

द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एसपी रांची (ग्रामीण) नौशाद आलम ने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों में से दो की मौत हो गई. अन्य घायलों को राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया है, उन्हें पथराव के साथ-साथ गोलियों के छर्रों के कारण चोटें आई हैं.’

गोली से घायल मृतकों की पहचान हिंदपीढ़ी इलाके के लेक रोड निवासी 22 वर्षीय मुदस्सिर उर्फ कैफी और लोअर बाजार तर्बला रोड के रहने वाले 24 साल के साहिल शामिल के रूप में हुई है.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शहर में तनाव की स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने भारी सुरक्षा के बीच दोनों मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था की है.

रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि शहर के सभी 12 थाना क्षेत्रों में निषेधाज्ञा बढ़ा दी गई है. उन्होंने सभी से अपील की कि वे आ‍वश्यक न होने पर घरों से बाहर न निकलें और शांति व्यवस्था बनाए रखें.

मालूम हो कि शुक्रवार को प्रशासन ने रांची के मेन रोड और उसके चारों तरफ 500 मीटर तक के दायरे में निषेधाज्ञा लागू कर पांच या उससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी थी.

रांची में हुई हिंसा की राज्यपाल रमेश बैस ने निंदा की. उन्होंने देर रात मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से बात कर उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए.

इस बीच, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार की हिंसा पर चिंता जताई. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी साजिश का हिस्सा न बनें और शांति व्यवस्था बनाए रखें.

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि उपद्रवियों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास ने रांची में हुई हिंसा को राज्य सरकार की विफलता करार दिया.

उन्होंने ट्वीट किया, ‘राजधानी रांची के मेन रोड में असामाजिक तत्वों द्वारा की गई तोड़फोड़ की कड़ी भर्त्सना करता हूं. सरकार वोट बैंक की राजनीति छोड़कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे, नहीं तो आने वाले दिनों में इस तरह की घटनाएं और बढ़ेंगी.’

वहीं, रांची के सांसद संजय सेठ ने आरोप लगाया कि गड़बड़ी होने के अंदेशे एवं उपद्रवियों की गतिविधियों की जानकारी होने के बावजूद राज्य सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की, जिसका परिणाम आम लोगों को भुगतना पड़ा.

सेठ ने कहा, ‘जिन उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है और संकट मोचन मंदिर पर हमला किया है, उनकी सूची बनाकर उनकी संपत्ति जब्त की जानी चाहिए और उस पर बुलडोजर चलाया जाना चाहिए.’

सेठ ने कहा कि यदि राज्य सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं करेगी तो दंगाइयों का मन बढ़ना तय है.

निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर के खिलाफ टिप्पणी को लेकर उनकी गिरफ्तारी की मांग पर शुक्रवार को देश भर के कई शहरों और कस्बों में विरोध प्रदर्शन हुए थे.

उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद और पश्चिम बंगाल के हावड़ा में भी विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था श्रीनगर में बंद के अलावा दिल्ली और मध्य प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे.

इलाहाबाद में भी स्थिति काफी बिगड़ गई थी. यहां पर प्रदर्शन​कारियों की पुलिस से झड़प हो गई थी. शहर के करेली और अटाला क्षेत्र में जुमे की नमाज के बाद समुदाय विशेष के लोगों ने नारेबाजी की, पुलिस पर पथराव किया और पीएसी के वाहन को आग लगाने का प्रयास किया जिसमें कुछ पुलिसकर्मियों को चोट आई थी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यूपी पुलिस ने जानकारी दी है कि विरोध प्रदर्शन में कुल 136 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें सहारनपुर से 45, इलाहाबाद से 37, आंबेडकरनगर से 23, हाथरस से 20, मुरादाबाद से सात और फिरोजाबाद से चार लोग शामिल हैं.

मालूम हो कि पैगंबर मोहम्मद को लेकर टिप्पणी के लिए भाजपा ने बीते पांच जून को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित और दिल्ली इकाई के प्रवक्ता नवीन जिंदल को निष्कासित कर दिया था. पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणियों का कई देशों ने विरोध किया है.

इससे पहले कतर, ईरान और कुवैत ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में भाजपा नेता की विवादित टिप्पणियों को लेकर बीते पांच जून को भारतीय राजदूतों को तलब किया था. खाड़ी क्षेत्र के महत्वपूर्ण देशों ने इन टिप्पणियों की निंदा करते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी.

इस बीच बीते नौ जून को दिल्ली पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रवक्ताओं- नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संत यति नरसिंहानंद समेत 31 लोगों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कथित तौर पर सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट तथा साझा करने के लिए एफआईआर (एफआईआर) दर्ज की हैं.

इन आरोपियों के सोशल मीडिया एकाउंट का विश्लेषण करने के बाद कथित तौर पर सार्वजनिक शांति भंग करने और लोगों को भड़काने वाले संदेश पोस्ट तथा साझा करने के संबंध में दो एफआईआर (एफआईआर) दर्ज की हैं.

पहली एफआईआर में आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है. जिनमें दिल्ली भाजपा इकाई के निष्कासित किए गए मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल, पत्रकार सबा नकवी, हिंदू महासभा की पदाधिकारी पूजा शकुन पांडे, राजस्थान से मौलाना मुफ्ती नदीम और पीस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता शादाब चौहान शामिल हैं.

एफआईआर में दर्ज अन्य नाम अब्दुर रहमान, गुलजार अंसारी और अनिल कुमार मीणा हैं.

दूसरी एफआईआर में भी समान धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा और अन्य सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)