अग्निपथ योजना के बारे में फ़र्ज़ी ख़बर फैलाने के आरोपी 35 वॉट्सऐप समूहों पर प्रतिबंध लगाया गया

सरकार ऐसी सोशल मीडिया गतिविधियों पर नज़र रख रही हैं, जिसका उद्देश्य ग़लत सूचना और अफ़वाह फैलाकर ‘अग्निपथ’ विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के लिए भीड़ को जुटाना है. केंद्र ने दशकों पुरानी भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना की घोषणा की है, जिसके तहत भर्ती सिर्फ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.

(फोटो: रॉयटर्स)

सरकार ऐसी सोशल मीडिया गतिविधियों पर नज़र रख रही हैं, जिसका उद्देश्य ग़लत सूचना और अफ़वाह फैलाकर ‘अग्निपथ’ विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के लिए भीड़ को जुटाना है. केंद्र ने दशकों पुरानी भर्ती प्रक्रिया में बदलाव करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती संबंधी अग्निपथ योजना की घोषणा की है, जिसके तहत भर्ती सिर्फ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.

(फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के बारे में कथित तौर पर फर्जी खबरें फैलाने वाले 35 वॉट्सऐप समूहों पर रविवार को सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

कुछ दिन पहले इस योजना की घोषणा के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में इसके खिलाफ हिंसक विरोध के बीच यह कदम उठाया गया है.

सरकारी अधिकारियों ने कहा कि ‘अग्निपथ’ योजना के बारे में कथित रूप से फर्जी खबरें फैलाने के लिए सरकार द्वारा 35 वॉट्सऐप समूहों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

हालांकि, इन समूहों के बारे में या उनके ‘एडमिनिस्ट्रेटर’ के खिलाफ कोई कार्रवाई शुरू की गई है या नहीं, इसकी तत्काल जानकारी नहीं मिल सकी है.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अफवाह फैलाने और हिंसक विरोध को भड़काने या आयोजित करने के आरोप में कम से कम 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

इस बीच, सरकार ऐसी सोशल मीडिया गतिविधियों पर नजर रख रही हैं, जिसका उद्देश्य गलत सूचना और अफवाह फैलाकर ‘अग्निपथ’ विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के लिए भीड़ को जुटाना है.

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, तेलंगाना जैसे राज्यों में विरोध प्रदर्शनों के आयोजन में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म विशेषकर वॉट्सऐप का इस्तेमाल किए जाने की खबरों के बीच यह कार्रवाई हुई है, जिसमें ट्रेन की बोगियों को आग लगाने की घटनाएं देखी गई हैं.

17 जून से बिहार सरकार ने रविवार तक 12 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करते हुए कहा था कि जनता को भड़काने और जान-माल को नुकसान पहुंचाने के इरादे से अफवाहें फैलाने के लिए आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करने के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है.

पटना में जिला प्रशासन ने यह भी कहा कि गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों के मोबाइल फोन से एकत्र की गई जानकारी कोचिंग सेंटरों की भूमिका की ओर इशारा करती है.

तेलंगाना पुलिस ने आंध्र प्रदेश में पलनाडु जिले के नरसरावपेट शहर में एक कोचिंग संस्थान के मालिक को कथित तौर पर अग्निपथ योजना के विरोध में युवाओं को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया है.

हिरासत में लिए गए कोचिंग संस्थान के मालिक अवुला सुब्बाराव पर हकीमपेट आर्मी सोल्जर्स नाम से एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाने का आरोप है, जिसमें सेना के सैकड़ों उम्मीदवार शामिल थे. इस ग्रुप पर उन्होंने कथित तौर पर सभी सदस्यों को संदेश भेजकर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए कहा था.

व्यापक प्रदर्शन के बावजूद अग्निपथ भर्ती योजना वापस लेने से इनकार करते हुए सेना, नौसेना और वायुसेना ने नई नीति के तहत भर्ती के लिए रविवार को विस्तृत कार्यक्रम प्रस्तुत किया और इस बात पर जोर दिया कि सशस्त्र बलों में उम्र संबंधी प्रोफाइल को घटाने के लिए इसे लागू किया जा रहा है.

तोड़फोड़ और आगजनी के मुद्दे पर देश के सैन्य नेतृत्व ने कहा कि हिंसक विरोध प्रदर्शन करने वालों को भर्ती नहीं किया जाएगा. नई भर्ती योजना के लिए आवेदकों को इस प्रतिज्ञा के साथ एक शपथ-पत्र देना होगा कि उन्होंने किसी भी आगजनी या आंदोलन में भाग नहीं लिया है. शपथ पत्र का सत्यापन पुलिस करेगी.

मालूम हो कि केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती संबंधी अग्निपथ नामक योजना की बीते 14 जून को घोषणा की थी, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती सिर्फ चार साल की कम अवधि के लिए संविदा आधार पर की जाएगी.

योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे. योजना के तहत 17.5 साल से 21 साल तक के युवाओं को चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा और उनमें से 25 फीसदी सैनिकों को अगले 15 और साल के लिए सेना में रखा जाएगा.

हालांकि बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को बढ़ाकर 23 साल कर दिया. इस नई योजना के तहत भर्ती रंगरूटों को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा.

मालूम हो कि अग्निपथ योजना के तहत रोजगार के पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे. हर महीने 9,000 रुपये सरकार के एक कोष में जाएंगे, जिसमें सरकार भी अपनी ओर से समान राशि डालेगी.

इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा. प्रत्येक ‘अग्निवीर’ को ‘सेवा निधि पैकेज’ के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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