हिंदू संघर्ष समिति ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम एक ज्ञापन जारी किया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री ने 2017 में वादा किया था कि पवित्र शहर गुड़गांव में मांस विक्रय के लिए नवीनतम लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे, क्योंकि यह शीतला माता मंदिर का घर है. समिति ने मांग की है कि नए लाइसेंस मांगने वाले सभी 126 आवेदनों को रद्द कर दिया जाए.
गुड़गांव: हरियाणा के गुड़गांव शहर में एक हिदू संगठन ने शुक्रवार को मांग की कि शहर में मांस की नई दुकानें खोलने के लिए नगर निगम द्वारा नए लाइसेंस जारी नहीं किए जाने चाहिए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, हिंदू संघर्ष समिति ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को संबोधित करते हुए जारी किए ज्ञापन में मांग की है कि नगर निगम अधिकारियों को ऐसा कोई भी लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को रद्द कर देना चाहिए.
ज्ञापन में दावा किया गया है कि खट्टर ने खुद वादा किया था कि ‘पवित्र’ शहर गुड़गांव में मांस विक्रय के लिए नवीनतम लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे, क्योंकि यह शीतला माता मंदिर का घर है. समिति ने मांग की है कि नए लाइसेंस मांगने वाले सभी 126 आवेदनों को रद्द कर दिया जाए.
समिति ने स्थानीय निकाय एजेंसी द्वारा लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की स्थिति में विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है.
मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए अपने ज्ञापन में समिति ने कहा, ‘अक्टूबर 2017 में आपने वादा किया था कि शीतला माता मंदिर और गुरु द्रोणाचार्य के सम्मान में मांस विक्रय के लिए नए लाइसेंस जारी नहीं किए जाएंगे. इसलिए हम चाहते हैं कि यह आवेदन प्रक्रिया रद्द कर दी जाए. इसके अतिरिक्त सभी मौजूदा मांस की दुकानें शीतला माता मंदिर की परिधि से 10 किलोमीटर बाहर भेजी जाएं और मौजूदा अवैध दुकानें बंद कर दी जाएं.’
गुड़गांव में 119 लाइसेंसधारी मांस की दुकानें हैं और 1,500 से ज्यादा गैर-पंजीकृत दुकानें हैं. नए लाइसेंस सालों से जारी नहीं किए गए हैं.
समिति ने कहा, ‘जब अन्य पवित्र शहरों के लिए मानदंड हैं तो गुड़गांव क्यों अलग रहे.’
शीतला माता मंदिर को हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोगों के लिए परम पूजनीय धर्म स्थल बताते हुए समिति ने मांग की कि इसके आसपास के क्षेत्र को मांस मुक्त होना चाहिए.
संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति के अध्यक्ष महावीर भारद्वाज ने कहा, ‘पंजीकृत वैध बिक्री के लिए एक अलग बाजार या क्षेत्र निर्धारित किया जाना चाहिए और अवैध दुकानों को बंद किया जाना चाहिए. इससे समझौता नहीं हो सकता है और मुख्यमंत्री ने खुद इसकी घोषणा की थी. हम इसे (लाइसेंस जारी करने को) स्वीकार नहीं करेंगे.’