उदयपुर हत्या: संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता ने कहा- हम सभी धर्मों का सम्मान करने का आह्वान करते हैं

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने उदयपुर में एक शख़्स की नृशंस हत्या के बाद राजस्थान में उपजे सांप्रदायिक तनाव के बीच यह टिप्पणी की. वहीं, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घृणा संबंधी अपराधों के लिए ज़िम्मेदार लोगों को कोई छूट नहीं मिले.

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Udaipur: Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot meets family members of tailor Kanhaiya Lal, who was killed by two men allegedly over his social media post, at his residence in Udaipur, Thursday, June 30, 2022. (PTI Photo)

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने उदयपुर में एक शख़्स की नृशंस हत्या के बाद राजस्थान में उपजे सांप्रदायिक तनाव के बीच यह टिप्पणी की. वहीं, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घृणा संबंधी अपराधों के लिए ज़िम्मेदार लोगों को कोई छूट नहीं मिले.

गुरुवार 30 जून को राजस्थान के मुख्यंमंत्री अशोक गहलोत मृतक कन्हैया लाल के परिजनों से उनके आवास पर मिले. (फोटो: पीटीआई)

संयुक्त राष्ट्र/नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सभी धर्मों का सम्मान करने और यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया है कि विभिन्न समुदाय दुनियाभर में सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण माहौल में रह सकें. उनके प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने उदयपुर में एक दर्जी की नृशंस हत्या के बाद राजस्थान में पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के बीच यह टिप्पणी की.

दुजारिक से यह पूछा गया था कि क्या संयुक्त राष्ट्र प्रमुख कन्हैया लाल की हत्या के बाद भारत में धार्मिक तनाव ‘फिर से बढ़ने’ पर कोई टिप्पणी करेंगे.

दुजारिक ने बुधवार को नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमें बहुत उम्मीद है… हम सभी धर्मों का सम्मान करने और दुनियाभर में यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि विभिन्न समुदाय सौहार्दपूर्ण और शांतिपूर्ण माहौल में रह सकें.’

गौरतलब है कि उदयपुर में मंगलवार को दो लोगों ने कथित तौर पर धारदार हथियार से एक दर्जी की हत्या कर दी थी और उसका वीडियो सार्वजनिक करते हुए कहा कि वे ‘इस्लाम के अपमान’ का बदला ले रहे हैं.

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी से संबंधित एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘हम अभिव्यक्ति के मौलिक अधिकार में यकीन रखते हैं. हम पत्रकारों को अपने आप को अभिव्यक्त करने के मौलिक अधिकार में यकीन रखते हैं और हम लोगों द्वारा अन्य समुदायों और धर्मों का सम्मान किए जाने की मूलभूत आवश्यकता में भी यकीन रखते हैं.’

फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट ‘ऑल्ट न्यूज़’ के सह-संस्थापक और पत्रकार ज़ुबैर को 2018 में ट्वीट के जरिये धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में सोमवार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. उन्हें इसी शाम मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से उन्हें एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया, जिसे बाद में चार दिन के लिए बढ़ा दिया गया.

गौरतलब है कि जिस ट्ववीट को ‘धार्मिक भावनाओं को भड़काने’ वाला बताने का दावा करते हुए दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद ज़ुबैर को गिरफ़्तार किया है, वह साल 1983 में आई मशहूर निर्देशक हृषिकेश मुखर्जी की कॉमेडी फिल्म ‘किसी से न कहना’ का एक दृश्य है, जिसमें ‘हनीमून होटल’ की मात्राओं में फेरबदल करते हुए इसे ‘हनुमान होटल’ लिखा गया था.

सरकार सुनिश्चित करे कि घृणा संबंधी अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों को कोई छूट नहीं मिले: एमनेस्टी

राजस्थान के उदयपुर में एक दर्जी की नृशंस हत्या की निंदा करते हुए एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घृणा संबंधी अपराधों के लिए जिम्मेदार लोगों को कोई छूट नहीं मिले तथा लोगों को किसी भी हमले से बचाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए.

राजस्थान के उदयपुर में दो व्यक्तियों ने एक दर्जी की कथित रूप से गला काटकर हत्या कर दी और सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि उन्होंने ‘इस्लाम के अपमान’ का बदला लेने के लिए ऐसा किया.

एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के बोर्ड के अध्यक्ष आकार पटेल ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल कन्हैया लाल की नृशंस हत्या की कड़ी निंदा करता है.

उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारियों को हत्या की त्वरित, गहन, स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रभावी जांच सुनिश्चित करनी चाहिए तथा मौत की सजा का सहारा लिए संदिग्ध लोगों को निष्पक्ष सुनवाई के दायरे में लाना चाहिए.

पटेल ने एक बयान में कहा कि भारतीय अधिकारियों को पीड़ित तथा उनके परिवारों के लिए न्याय तक पहुंच और प्रभावी निदान सुनिश्चित करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यह घटना भेदभाव और सुनियोजित हिंसा से सभी की रक्षा और जिम्मेदार लोगों को तुरंत न्याय के दायरे में लाने के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों को बनाए रखने में भारतीय अधिकारियों की विफलता को रेखांकित करती है.

उन्होंने कहा, ‘सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घृणा संबंधी अपराधों के जिम्मेदार लोगों को कोई रियायत नहीं मिले और प्रतिशोध में किए जाने वाले हमलों सहित किसी भी हमले से लोगों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए.’

पटेल ने कहा कि भारतीय अधिकारियों को हिंसा के कारण और हिंसा की स्थिति नहीं बनने देना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘उन्हें देश में हर किसी के मानवाधिकारों का सम्मान करने, उनकी रक्षा करने, बढ़ावा देने और उन्हें पूरा करने के लिए अपने मानवाधिकार दायित्वों को पूरा करना चाहिए. अधिकारियों को अब कार्रवाई करनी चाहिए.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)