त्रिपुरा: हिंदुत्व समूह द्वारा क़ब्रिस्तान में मंदिर बनाने से अगरतला के बाहरी इलाके में तनाव

जानकारी के अनुसार, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के बाहरी इलाके नंदन नगर के एक क़ब्रिस्तान में कथित तौर पर हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों ने पहले तो बुलडोज़र चलाकर ज़मीन साफ़ की और फिर बांस का अस्थायी ढांचा खड़ा करके उसमें शिवलिंग स्थापित कर दिया और आसपास संगठन के बैनर-झंडे व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें लगा दीं. प्रशासन ने बाद में इस ढांचे को हटा दिया.

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The makeshift 'temple' that was put up by members of the Hindu Yuva Vahini before administration dismantled it. Photos: By arrangement

जानकारी के अनुसार, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला के बाहरी इलाके नंदन नगर के एक क़ब्रिस्तान में कथित तौर पर हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों ने पहले तो बुलडोज़र चलाकर ज़मीन साफ़ की और फिर बांस का अस्थायी ढांचा खड़ा करके उसमें शिवलिंग स्थापित कर दिया और आसपास संगठन के बैनर-झंडे व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें लगा दीं. प्रशासन ने बाद में इस ढांचे को हटा दिया.

हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों द्वारा कब्रिस्तान में स्थापित अस्थायी मंदिर, जिसे बाद में प्रशासन ने हटा दिया. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

अगरतला: त्रिपुरा की राजधानी अगरतला शहर के बाहरी इलाके नंदन नगर क्षेत्र में तब तनाव की स्थिति बन गई, जब मुस्लिम रहवासियों ने दावा किया कि बीते ​4 जुलाई की सुबह एक हिंदुत्ववादी समूह के सदस्यों ने बुलडोजर लाकर एक कब्रिस्तान के कुछ हिस्सों को साफ कर क्षेत्र में एक अस्थायी मंदिर स्थापित कर दिया.

विरोधस्वरूप मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने बीते 5 जुलाई को एक प्रमुख मार्ग पर जाम लगा दिया.

हिदू युवा वाहिनी के सदस्यों ने कथित तौर पर कब्रिस्तान में एक बांस के मंदिर का ढांचा खड़ा करके उसमें शिवलिंग स्थापित कर दिया था.

अस्थायी मंदिर के चारों ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों के साथ संगठन के बैनर और झंडे लगा दिए गए थे. यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह वही संगठन है, जिसकी स्थापना योगी आदित्यनाथ ने की थी.

त्रिपुरा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने द वायर को बताया कि प्रशासन ने मंदिर के उस ढांचे को हटा दिया है. साथ ही स्थानीय प्रशासन ने इलाके में और उसके आसपास आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 144 भी लगा दी है.

आदेश में लिखा है, ‘सांप्रदायिक विद्वेष के कारण थांडा कालीबाड़ी क्षेत्र के पास नंदन नगर में तनाव बढ़ने और शांति भंग होने की आशंका के संबंध में न्यू कैपिटल कॉम्प्लेक्स के उप-मंडल पुलिस अधिकारी से एक रिपोर्ट प्राप्त हुई है. ऐसी आशंका है कि आगे कानून और व्यवस्था बिगड़ने की हर संभावना है.’

बीते पांच जुलाई को हुए मुस्लिम समुदाय के विरोध प्रदर्शन में शामिल नूर इस्लाम ने पत्रकारों से बात करते हुए आरोप लगाया कि हिंदू युवा वाहिनी की छत्रछाया में क्षेत्र में सक्रिय भूमाफिया 2019 से कब्रिस्तान पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं.

अगरतला के पास मुस्लिम रहवासी 5 जुलाई को विरोध प्रदर्शन करते हुए. (फोटो: स्पेशल अरेंजमेंट)

नूर इस्लाम ने बताया, ‘हम कई बार मामले से प्रशासन को अवगत करा चुके हैं, यहां तक कि इसके संबंध में राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रतन लाल नाथ के पास भी गए. कब्रिस्तान के सीमांकन का प्रशासन से आश्वासन मिलने के बावजूद भी कुछ नहीं हुआ है.’

नूर ने आगे कहा, ‘हम मांग करते हैं कि प्रशासन शांति बनाए रखने और मंदिर को खाली कराने के लिए कदम उठाए.’

प्रदर्शनकारी मुसलमानों ने यह भी दावा किया कि वे लंबे समय से कब्रिस्तान का इस्तेमाल कर रहे हैं.

वहीं, हिंदू युवा वाहिनी के समर्थकों ने दावा किया है कि जमीन ‘मूल रूप से हिंदुओं की थी’ और 1964 में इसकी ‘अदला-बदली’ की गई थी.

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