असम के नागांव ज़िले का मामला. नाटक में दिखाया गया था कि भगवान शिव और पार्वती के किरदार दोपहिया वाहन की सवारी कर रहे हैं, जब पेट्रोल ख़त्म हो जाता है और शिव बढ़ती कीमतों के कारण पेट्रोल का ख़र्च वहन करने में असमर्थ होते हैं. विश्व हिंदू परिषद और भारतीय जनता युवा मोर्चा व अन्य की शिकायतों के आधार पर शिव बने सामाजिक कार्यकर्ता बिरिंची बोरा को गिरफ़्तार कर लिया गया था.
गुवाहाटी: असम के नागांव जिले में महंगाई और बढ़ती कीमतों को लेकर एक नुक्कड़ नाटक में भगवान शिव का वेश रखने पर एक 38 वर्षीय व्यक्ति को शनिवार को कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने बताया कि उसे रविवार को छोड़ दिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) व अन्य समूहों की शिकायतों के आधार पर नागांव स्थित नोनोई गांव के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता बिरिंची बोरा को हिरासत में लिया गया था.
इसके बाद, नागांव सरदार पुलिस थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई और बोरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जान-बूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) और अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
Nagaon, Assam | Man who played Lord Shiva in nukkad natak arrested for allegedly hurting religious sentiments
An accused who dressed up as Lord Shiva arrested, will be presented in court. 2 others, suspected to be involved are yet to be nabbed: Manoj Rajvanshi, Sadar PS Incharge pic.twitter.com/DMQXjPX3MP
— ANI (@ANI) July 10, 2022
नागांव की पुलिस अधीक्षक (एसपी) लीना डोले ने कहा कि बोरा ने रात पुलिस थाने में बिताई, लेकिन रविवार को उन्हें नोटिस देकर रिहा कर दिया गया. उन्हें बाद में थाने में प्रस्तुत होने के लिए कहा गया है.
बोरा के नाटक का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि भगवान शिव और पार्वती दोपहिया वाहन की सवारी कर रहे हैं, जब पेट्रोल खत्म हो जाता है और भगवान शिव बढ़ती कीमतों के कारण पेट्रोल का खर्च वहन करने में असमर्थ होते हैं.
पुलिस हिरासत से घर वापस आ चुके बोरा ने कहा कि उनके नुक्कड़ नाटक का मुख्य उद्देश्य बढ़ती कीमतों पर प्रकाश डालना था.
उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘किसी की आस्था को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था. मैंने भगवान शिव का चित्रण वर्तमान परिस्थितियों से तुलना करते हुए सिर्फ यह बताने के लिए किया कि कीमतें इतनी ज्यादा हैं कि अगर भगवान भी धरती पर होते तो वे भी तनाव में आ जाते.’
उन्होंने आगे कहा कि असमिया नाटकों में देवताओं को मानव रूप में चित्रित किया जाना असामान्य नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अब स्थिति ऐसी है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को दबा दिया गया है और आप मौजूदा सरकार के खिलाफ कुछ भी नहीं बोल सकते हैं.’
घटना के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि वर्तमान मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक ‘ईशनिंदा’ नहीं है.
I agree with you @NavroopSingh_ that
Nukad Natak on current issues is not blasphemous. Dressing up is not a crime unless offensive material is said.
Appropriate order has been issued to @nagaonpolice https://t.co/Fivh7KMX5L— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 10, 2022
उन्होंने ट्वीट किया, ‘वर्तमान मुद्दों पर नुक्कड़ नाटक ईशनिंदा नहीं है. जब तक कुछ आपत्तिजनक न कहा जाए, तब तक (भगवान की तरह) वेशभूषा धारण करना अपराध नहीं है. नागांव पुलिस को उचित आदेश जारी कर दिए गए हैं.’
इस बीच, शिकायतकर्ता भाजयुमो के अनुरोम बोरा ने कहा, ‘अगर कोई कीमतों में वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है, हमें उससे दिक्कत नहीं है. विरोध व्यक्त करने के लिए भगवान का इस्तेमाल करना गलत है.’