झारखंड एयरपोर्ट विवाद: भाजपा सांसद पर एफ़आईआर, उन्होंने अफ़सरों पर राजद्रोह का केस किया

आरोप है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, भाजपा नेता मनोज तिवारी, दुबे के दो बेटे समेत नौ लोगों ने बीते 31 अगस्त की शाम झारखंड के देवघर हवाई अड्डे से दिल्ली आने के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल परिसर में घुसकर जबरन चार्टर्ड विमान उड़ाने की अनुमति ले ली थी, जबकि वहां सूर्यास्त के बाद उड़ान भरने पर पाबंदी है. इन नौ लोगों पर झारखंड में केस दर्ज कराया गया था.

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे. (फोटो साभार: फेसबुक)

आरोप है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, भाजपा नेता मनोज तिवारी, दुबे के दो बेटे समेत नौ लोगों ने बीते 31 अगस्त की शाम झारखंड के देवघर हवाई अड्डे से दिल्ली आने के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल परिसर में घुसकर जबरन चार्टर्ड विमान उड़ाने की अनुमति ले ली थी, जबकि वहां सूर्यास्त के बाद उड़ान भरने पर पाबंदी है. इन नौ लोगों पर झारखंड में केस दर्ज कराया गया था.

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली/रांची: झारखंड पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे, मनोज तिवारी, दुबे के दो बेटों और अन्य के खिलाफ शुक्रवार (2 सितंबर) को एक एफआईआर दर्ज की थी. इसमें उन पर आरोप लगाया गया था कि देवघर हवाई अड्डे के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से 31 अगस्त को उन्होंने जबरन उड़ान भरने की अनुमति ली, जबकि हवाई अड्डा रात्रिकालीन संचालन के लिए अभी तैयार नहीं है.

इस एफआईआर के अगले ही दिन शनिवार (3 सितंबर) को दिल्ली पुलिस ने भी दुबे की शिकायत पर एक एफआईआर दर्ज की है.

 

इसमें देवघर हवाई अड्डे के प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसकर राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के लिए देवघर उपायुक्त और झारखंड पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ राजद्रोह के आरोप लगाए गए हैं.

अधिकारियों ने यह जानकारी दी है कि देवघर उपायुक्त और झारखंड पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों एवं सरकारी गोपनीयता कानून के तहत ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज की गई है.

 

इससे पहले दुबे और भाजपा के नेता एवं सांसद मनोज तिवारी समेत नौ लोगों के खिलाफ एक अन्य एफआईआर दर्ज की गई थी. उनके खिलाफ अपनी ‘चार्टर्ड उड़ान’ को 31 अगस्त को निर्धारित समय के बाद उड़ान भरने की अनुमति देने के लिए एटीसी अधिकारियों को कथित तौर पर मजबूर करने के कारण यह एफआईआर दर्ज की गई थी.

जबकि नॉर्थ एवेन्यू पुलिस थाने में दर्ज की गई दिल्ली पुलिस की ‘जीरो एफआईआर’ के अनुसार, दुबे ने कहा है कि 31 अगस्त को वह और मनोज तिवारी दिल्ली के लिए एक उड़ान पकड़ने के लिए देवघर हवाई अड्डे पहुंचे थे.

दुबे ने एफआईआर में आरोप लगाया है, ‘लगभग 5 बजकर 25 मिनट पर हवाई अड्डे पर चेक-इन करने के बाद मैंने हवाई अड्डे के निदेशक से मिलने और विमानों की ‘रात में उड़ान भरने या उतरने की सुविधा को लेकर’ झारखंड हाईकोर्ट में चल रहे मामले के बारे में जानकारी लेने का फैसला किया. मुझे झारखंड पुलिस अधिकारियों ने रोक दिया और उन्होंने मेरे दो बेटों को अपशब्द भी कहे.’

इसमें कहा गया है, ‘उन्होंने मुझे जान से मारने की धमकी भी दी और देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देश पर ऐसा किया.’

विवाद की शुरुआत

गौरतलब है कि भाजपा नेता निशिकांत दुबे और मनोज तिवारी तिवारी उस छात्रा के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए दुमका गए थे, जिसे आग के हवाले कर दिया गया था और जब वे दिल्ली वापस जा रहे थे, तब यह विवाद हुआ.

जिसके बाद देवघर हवाई अड्डे के सुरक्षा प्रभारी सुमन आनंद ने एक सितंबर को कुंडा थाने में दुबे, उनके दो बेटों, सांसद तिवारी, देवघर हवाई अड्डे के निदेशक संदीप ढींगरा और अन्य के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी.

शिकायत में कहा गया कि सभी नौ लोगों ने देवगढ़ हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) कक्ष में प्रवेश कर विमान के उड़ान भरने के लिए जबरन अनुमति लेकर सुरक्षा मानकों का कथित उल्लंघन किया.

एफआईआर में यह आरोप लगाया गया कि हवाई अड्डे पर रात में विमान के उड़ान भरने और उतरने की सुविधा नहीं होने के बावजूद एटीसी से जबरन अनुमति ली गई थी.

अधिकारियों ने बताया कि सभी नौ लोगों के खिलाफ विमान अधिनियम के अलावा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

भाजपा सांसद और देवघर उपायुक्त के बीच ट्विटर पर बहस

झारखंड में दर्ज इस एफआईआर के कारण दुबे और देवघर के उपायुक्त के बीच ट्विटर पर शनिवार को तीखी बहस भी हुई.

दुबे ने उपायुक्त पर एटीसी कक्ष में प्रवेश करने और सीसीटीवी फुटेज देखने का आरोप लगाया.

दुबे ने एक ट्वीट में कहा, यह एक अपराधी का अंदाज है, जो जबरदस्ती बिना अनुमति के सुरक्षा घेरा तोड़कर घुसता है. आप (उपायुक्त भजंत्री) एयरपोर्ट के अंदर किस हैसियत से गए? आपको देखने की इजाजत किसने दी? मुख्यमंत्री की चमचागिरी करिए व मस्त रहिए.’

उन्होंने आगे कहा, ‘यात्रियों मैं था, मेरे भाई मनोज तिवारी, कपिल मिश्रा, नीलकांत बक्शी और मेरे दोनों बेटे थे. किस यात्री की सुरक्षा को खतरा था, इसको स्टॉकहोम सिंड्रोम का शिकार कहते हैं.’

उपायुक्त के एक अन्य ट्वीट को कोट करते हुए दुबे ने कहा, ‘मैंने हवाई अड्डे के अधिकारियों से आवश्यक अनुमति ली थी. हवाईअड्डा सलाहकार समिति के अध्यक्ष के रूप में मुझे निरीक्षण करने का अधिकार है. मैं हाईकोर्ट में नाइट लैंडिंग सुविधाओं में आपकी देरी के लिए एक केस लड़ रहा हूं. आप कोर्ट की अवमानना कर रहे हैं.’

इस ट्वीट में उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने निशिकांत दुबे से पूछा था, ‘माननीय सांसद महोदय कुछ सवाल हैं. आपको एटीसी कक्ष में प्रवेश करने के लिए किसने अधिकृत किया? आपके दो बच्चों को एटीसी कक्ष में प्रवेश करने के लिए किसने अधिकृत किया? आपके समर्थकों को एटीसी बिल्डिंग में प्रवेश करने के लिए किसने अधिकृत किया?’

इसके जवाब में उपायुक्त ने ट्वीट किया, ‘निदेशक मंडल में एक सदस्य के रूप में मुझे अध्यक्ष के रूप में आपकी दुबे नियुक्ति के बारे में ऐसा कोई संदेश नहीं मिला है. क्या यह आपको और आपके बच्चों को एटीसी कक्ष में प्रवेश करने की अनुमति देता है?’

एक अन्य ट्वीट में दुबे ने कहा, ‘जो एयरपोर्ट का संचालन एयरपोर्ट अथारिटी कर रही है, उसी के डायरेक्टर संदीप धींगरा के उपर केस है. मैंने तो सीसीटीवी मांगा है, जिसमें देवघर उपायुक्त धींगरा जी को धमका रहा है. क्या केंद्र सरकार के प्रतिष्ठान को मारपीट गाली-गलौज करने का ठेका हेमंत सोरेन जी ने दिया है.’

इसके जवाब में, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी भजंत्री ने ट्विटर पर कहा, ‘माननीय सांसद महोदय, मैंने वैध प्रवेश पास लेकर हवाई अड्डा टर्मिनल में प्रवेश किया था. उपायुक्त देवघर हवाई अड्डा के निदेशक मंडल के सदस्य भी होते हैं.’

उपायुक्त मंजूनाथ ने एक ट्वीट में पूछा है, ‘माननीय सांसद महोदय, नाइट लैंडिंग का मामला विचाराधीन है. इस पर टिप्पणी करना पसंद नहीं करेंगे, लेकिन जब नाइट लैंडिंग सुविधा/आईएफआर नहीं है और हर दूसरे दिन इतनी उड़ानें रद्द हो रही हैं तो आपका चार्टर्ड विमान 18ः17 घंटे पर कैसे उड़ गया जब सूर्यास्त का समय 18ः03 घंटे था.’

भजंत्री ने उल्टा दुबे से पूछा, ‘आपको एप्रोन, एटीसी टॉवर में घुसने की अनुमति किसने दी? आपने सभी नियमों का उल्लंघन किया है. दयनीय.’

इस पर दुबे ने अनुमति लेने संबंधी दावा किया.

एटीसी परिसर में प्रवेश का नियम

बता दें कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) परिसर में प्रवेश करने के लिए एक व्यक्ति को हवाई अड्डा प्रवेश परमिट (एईपी) लेना होता है, जो हवाई अड्डे की प्रभारी सुरक्षा एजेंसी की सहमति से हवाईअड्डा संचालक द्वारा जारी किया जाता है.

बड़े हवाई अड्डों पर सीआईएसएफ सुरक्षा जिम्मेदारियों को संभालता है, देवघर जैसे छोटे हवाई अड्डों पर राज्य पुलिस सुरक्षा भूमिका में होती है. देवघर हवाई अड्डे के सुरक्षा प्रभारी डीएसपी सुमन आनंद हैं. उन्होंने ही दुबे के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.

यहां तक कि एईपी के लिए भी एक व्यक्ति को एटीसी परिसर में प्रवेश करने के लिए पूर्वानुमति लेनी होती है. नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) द्वारा जारी किए गए एईपी आवेदन-पत्र में, ऐसे 13 क्षेत्र हैं जिनमें एक व्यक्ति प्रवेश कर सकता है.

इनमें अराइवल हॉल, डिपार्चर हॉल, टर्मिनल बिल्डिंग, सिक्योरिटी होल्ड एरिया, एप्रोन एरिया, एटीसी बिल्डिंग, एटीसी टॉवर और कार्गो टर्मिनल बिल्डिंग शामिल होते हैं.

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अक्टूबर 2007 के एक आदेश के अनुसार, सांसदों के पहचान पत्र के आधार पर एक संसद सदस्य को टर्मिनल भवन और आगंतुक (विजिटर्स) गैलरी में जाने की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन इसमें यह जिक्र नहीं है कि क्या सांसदों को एटीसी परिसर में प्रवेश की अनुमति है.

बहरहाल, भजंत्री ने दो सितंबर को कैबिनेट-समन्वय (नागरिक उड्डयन), झारखंड के प्रमुख सचिव को लिखे पत्र में दावा किया कि 31 अगस्त को सूर्यास्त का समय 18:03 बजे था, जबकि चार्टर्ड उड़ान (दुबे की) ने 18:17 बजे उड़ान भरी, जबकि देवघर हवाईअड्डे पर उड़ान सेवाएं 17:30 बजे तक ही संचालित की जानी थीं.

बहरहाल, इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने ‘जीरो एफआईआर’ को जांच के लिए देवघर में कुंडा पुलिस थाने भेजा है.

एफआईआर में कहा गया है, ‘देवघर हवाई अड्डा सलाहकार समिति के अध्यक्ष निशिकांत दुबे ने नॉर्थ एवेन्यू पुलिस थाने में (3 सितंबर, सुबह 11:34 बजे) आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह), 353 (लोक सेवक को कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला), 448 (बिना अनुमति के घुसना), 201 (सबूत मिटाने), 506 (आपराधिक धमकी), 120बी (आपराधिक साजिश) और आधिकारिक गोपनीयत अधिनियम के तहत एक शिकायत दर्ज कराई है.’

इस पर टिप्पणी करते हुए उपायुक्त भजंत्री ने कहा कि यह (एफआईआर) बेतुकी है और इसमें सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने के बाद की 100 फीसदी मनगढ़ंत कहानी है.

उन्होंने कहा, ‘सक्षम प्राधिकरण के द्वारा जांच के दौरान, सब काला और सफेद खुल कर सामने आ जाएगा.’

सांसद दुबे के आरोप 

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दुबे ने एफआईआर में कहा है कि उन्हें 31 अगस्त को दिल्ली की यात्रा करनी थी और सुरक्षा जांच के बाद वे 31 अगस्त शाम 5:25 बजे चार्टर्ड फ्लाइट में सवार हुए थे.

दुबे का कहना है कि चूंकि रात में हवाई अड्डे पर लैडिंग सुविधाओं की कमी को लेकर एक मामला झारखंड हाईकोर्ट में लंबित है और उनके पास पर्याप्त समय नहीं था, इसलिए वे नंगे पैर ही मामले पर चर्चा करने के लिए हवाई अड्डे के निदेशक के कार्यालय में चले गए.

दुबे के हवाले से दिल्ली पुलिस की एफआईआर में कहा गया है, ‘जब मैं जा रहा था तो झारखंड पुलिस व (राज्य सरकार के) कर्मचारियों ने मुझे रोका और मेरे दो बेटों को गाली दी, जो मेरी चप्पल लेकर मेरे पास आ रहे थे. मुझे जान से मारने की धमकी दी.’

एफआईआर के अनुसार, ‘उन्होंने देवघर उपायुक्त के कहने पर मेरे काम में बाधा डाली, जिसके बारे में मुझे अगले दिन पता लगा कि वह (उपायुक्त) देवघर हवाई अड्डे के सुरक्षित डीआरडीओ-प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसे थे, जहां केवल प्रधानमंत्री कार्यालय की अनुमति के बाद ही जा सकते हैं.’

इस बीच, विवाद को लेकर नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि पूरी जांच के बाद ही इस मामले की वास्तविकता पता चलेगी और इसे मीडिया से साझा किया जाएगा.

देवघर हवाई अड्डे से जुड़े विवाद को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर सिंधिया ने इंदौर में संवाददाताओं से कहा, ‘इस मामले में जब पूर्ण रूप से तहकीकात होगी, तभी इसकी वास्तविकता सामने आएगी और इसे आपके (मीडिया) समक्ष रखा जाएगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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