गुजरात के बनासकांठा ज़िले का मामला. हिंदुत्ववादी संगठनों ने मामले में धर्मांतरण और लव जिहाद का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस ने इससे इनकार किया है. इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि पत्नी, बेटे और बेटी के इस्लाम धर्म अपनाने और उनसे अलग रहने से अवसाद में रहने के कारण हरेश सोलंकी नामक व्यक्ति ने आत्महत्या करने की कोशिश की है.
पालनपुर: गुजरात में एक हिंदू परिवार के तीन सदस्यों के कथित तौर पर इस्लाम धर्म अपनाने और इसके कारण परिवार के एक सदस्य के आत्महत्या का प्रयास करने के मामले के खिलाफ बनासकांठा (पालनपुर) जिले के दीसा शहर में शनिवार को हिंदू संगठनों द्वारा निकाली गई रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए.
हिंदुत्ववादी संगठनों ने इस मामले में धर्मांतरण और लव जिहाद का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस ने इन आरोपों से इनकार किया है.
पुलिस अधीक्षक अक्षय राज मकवाना ने संवाददाताओं से कहा, ‘शनिवार को दीसा शहर में आयोजित रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. रैली को पहले से निर्धारित मार्ग पर निकाला जाना था. यह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुई और कानून-व्यवस्था उचित तरह से बनी रही.’
कुछ प्रदर्शनकारियों के लाठीचार्ज में घायल होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘रैली में लोगों के एक समूह ने तय किए गए रास्ते से अलग रास्ता अपनाया. पुलिस ने भारी लाठीचार्ज या घायल किए बिना उन्हें इस बारे में समझाने की कोशिश की.’
मकवाना ने बताया, ‘आत्महत्या के लिए उकसाने और जबरन वसूली करने के पांच आरोपियों में से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि बाकी को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.’
28 अगस्त को पालनपुर (पूर्व) पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, हरेश सोलंकी, जिन्होंने जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी, ने कहा है कि वह अपनी पत्नी, बेटे और बेटी के इस्लाम धर्म अपनाने और उनके अलग रहने से अवसाद में थे.
अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, 28 अगस्त को एक व्यक्ति द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के बाद विरोध शुरू हो गया, जिसमें दावा किया गया था कि एक मुस्लिम व्यक्ति उनके भाई की पत्नी और दो बच्चों को बहला-फुसलाकर ले गया. इस घटना के बाद उनके भाई ने आत्महत्या करने का प्रयास किया.
रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले की जांच में पाया गया कि अभी भी इस बात का कोई सबूत नहीं है कि हिंदू महिला ने आरोपी मुस्लिम व्यक्ति से शादी की है या परिवार ने अपना धर्म बदल लिया है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राजेश सोलंकी द्वारा एजाज शेख, उनके पिता मुस्तफा शेख, चाचा आलम और सत्तार शेख तथा चचेरे भाई सोहेल शेख के खिलाफ पालनपुर (पूर्व) थाने में उनके भाई हरेश सोलंकी को आत्महत्या के लिए उकसाने के लिए दर्ज कराई गई एफआईआई के संबंध में एजाज शेख को गिरफ्तार किया गया है.
अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि हरेश सोलंकी की पत्नी, बेटी और बेटा की, जब पुलिस ने तलाश की तो वे अपने आवास पर नहीं मिले.
एसपी मकवाना ने कहा कि तीनों का अभी तक पता नहीं चला है. विशेष रूप से गुजरात हाईकोर्ट द्वारा बीते जून महीने में दायर पत्नी के बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करने के बाद परिवार अपने गांव से बाहर चला गया था. याचिका में पति हरेश सोलंकी से अलग होने और अपना घर छोड़ने की मांग की गई थी.
पति-पत्नी के बीच कुछ विवाद था. मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि महिला और उनके बच्चे वयस्क होने के कारण सोलंकी का घर छोड़ने के लिए स्वतंत्र हैं.
पुलिस को तीनों व्यक्तियों के विवाह या धर्म परिवर्तन का कोई सबूत नहीं मिला है. बनासकांठा कलेक्टर आनंद पटेल इस संबंध में टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, शेख परिवार के पांच सदस्यों के खिलाफ धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 384 (जबरन वसूली) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया था.
शेख परिवार पर आरोप है कि उसने सोलंकी को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए कथित तौर पर इस्लाम धर्म अपनाने या फिर 25 लाख रुपये देने के लिए मजबूर किया था.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू संगठनों का आरोप है कि बीते दिनों डीसा तहसील के मालगढ़ गांव में लव जिहाद के कारण ही एक लड़की के पिता ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की.
लड़की के चाचा ने आरोप लगाया है कि उनकी भतीजी को पड़ोस में रहने वाले एजाज शेख ने प्रेम में फंसाकर घर से भगाकर ले गया और उसका धर्म भी बदलवा दिया.
आरोप है कि लड़की की मां बेटी को तलाशते हुए वहां पहुंचीं तो उन्हें भी कैद कर लिया गया. इसके बाद एजाज के परिवार वालों ने मां-बेटी की रिहाई के बदले 25 लाख रुपये की मांग की. इससे परेशान होकर लड़की के पिता ने जहर खा लिया. उनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
हिंदू संगठनों की मांग है कि पुलिस इस मामले में सख्त कार्रवाई करे. पुलिस ने इस मामले में एजाज, उनके भाई और माता-पिता को हिरासत में लिया है.
रिपोर्ट के अनुसार, डीसा शहर में शनिवार को 11 हिंदू संगठनों ने इस कथित लव जिहाद के खिलाफ रैली निकाली, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए. जैसे ही रैली हीरा बाजार पहुंची तो भीड़ बेकाबू हो गई. उसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. इसमें कुछ लोगों को चोटें आई हैं. इलाके में तनाव को देखते हुए शहर में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
रैली के बाद डीसा के बीजेपी विधायक शक्तिकांत पंड्या ने कहा कि मुस्लिम लड़के, हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर मतांतरण की ओर न ले जाएं, वरना उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)