यूपी के गोरखपुर के मियां बाज़ार, मुफ़्तीपुर, अलीनगर, तुर्कमानपुर, रसूलपुर, हुमायूंपुर उत्तरी, घोसीपुरवा, दाउदपुर, क़ाज़ीपुर खुर्द, चक्सा हुसैन जैसे वॉर्ड के नाम बदल दिए गए हैं. अब इलाहीबाग को बंधु सिंह नगर, इस्माइलपुर को साहबगंज और ज़ाफ़रा बाज़ार को आत्माराम नगर के नाम से जाना जाएगा.
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में नगर निगम ने एक मसौदा परिसीमन आदेश में लगभग एक दर्जन वॉर्ड के ‘मुस्लिम’ नाम बदल दिए हैं.
नाम बदलना परिसीमन अभ्यास का हिस्सा था, जिसके तहत गोरखपुर में वॉर्ड की कुल संख्या 80 हो गई है.
In Gorakhpur, wards get new 'historical' names pic.twitter.com/XsEiE63XE2
— Government of UP (@UPGovt) September 5, 2022
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जिन वॉर्डों के नाम बदले गए हैं उनमें हुमायूंपुर (उत्तर) शामिल है, जिसे अब हनुमंत नगर कहा जाएगा, इसी तरह तुर्कमानपुर को शहीद अशफाकउल्लाह नगर के नाम से जाना जाएगा, जबकि रसूलपुर का नाम बदलकर महाराणा प्रताप नगर और दाउदपुर को अब रघुपति सहाय फिराक नगर कहा जाएगा.
जाफरा बाजार को आत्मा राम नगर, इस्माइलपुर को साहबगंज, मिया बाजार को माया बाजार, काजीपुर खुर्द को जगन्नाथपुर, अलीनगर को आर्य नगर, चक्सा हुसैन को संत झूले लाल नगर और मुफ्तीपुर को घंटा घर के नाम से जाना जाएगा. इसी तरह भेरियागढ़ का नाम अब विष्णुपुरम, मोहद्दीपुर का सरदार भगत सिंह नगर, हंसुपुर का श्रीराम चौक, रुस्तमपुर का चंद्रशेखर आजाद चौक और इलाहीबाग का बंधु सिंह नगर कर दिया गया है.
गोरखपुर के महापौर सीताराम जायसवाल ने कहा कि नए नाम गर्व की भावना पैदा करते हैं.
उन्होंने कहा कि शहीद अशफाकउल्ला खान, शिव सिंह छेत्री हमारे लिए सम्मान के प्रतीक हैं. बाबा गंभीरनाथ, बाबा राघवदास, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय ने हमें संस्कृति और आध्यात्मिकता की विरासत दी और वॉर्ड का नाम ऐसे लोगों के नाम पर रखा गया है.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए गोरखपुर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर दुर्गेश मिश्रा ने कहा, ‘नामों को जगहों के ऐतिहासिक महत्त्व को ध्यान में रखते हुए बदला गया है. नए नाम किसी न किसी तरह से उन जगहों का प्रतिनिधित्व करते हैं. वॉर्ड का नाम उन लोगों के नाम पर रखा गया है जो उस जगह से जुड़े थे या उन्होंने वहां के लिए कोई योगदान दिया था.’
Alinagar becomes "Arya Nagar", Miyan Bazar becomes "Maya Bazar" in UP's Gorakhpur. Change in the name of wards before #localbodypolls in UP. pic.twitter.com/aSg4GLCKfI
— Prashant Srivastava (@Prashantps100) September 5, 2022
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि वॉर्ड के परिसीमन की अधिसूचना जारी कर दी गई है और आपत्तियों के निस्तारण के बाद परिसीमन को मंजूरी दी जाएगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के नेता और इस्माइलपुर के पार्षद शहाब अंसारी ने आरोप लगाया कि नाम बदलना ध्रुवीकरण का एक प्रयास है.
अंसारी ने कहा कि पार्टी इस संबंध में बैठक करेगी और एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मुलाकात कर नाम बदलने पर आपत्ति जताएगा.
कांग्रेस नेता तलत अजीज ने नाम बदलने की कवायद को पैसे की बर्बादी करार दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं यह समझने में विफल हूं कि सरकार इसके माध्यम से क्या हासिल करेगी.’
गोरखपुर नगर निगम ने परिसीमन पर एक सप्ताह के भीतर आपत्तियां आमंत्रित की हैं. कुल 24 वॉर्ड के नाम बदले गए हैं. गोरखपुर में पहले 70 वॉर्ड थे, जो अब 80 हो गए हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार एक वॉर्ड की आबादी लगभग 11,000 है.
मालूम हो कि 2017 में योगी आदित्यनाथ के पहली बार उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद से राज्य के विभिन्न शहर और क्षेत्रों के ‘मुस्लिम लगने वाले’ नामों में ऐसे कई संशोधन किए जा चुके हैं.
अक्टूबर, 2018 में राज्य कैबिनेट द्वारा अनुमोदित एक प्रस्ताव के माध्यम से इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया गया था. ठीक दो हफ्ते बाद आदित्यनाथ ने घोषणा की कि फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया जाएगा.
अक्टूबर 2021 में उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया था कि भारत सरकार ने फैजाबाद रेलवे जंक्शन का नाम अयोध्या कैंट करने के निर्णय पर सहमति दे दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है.
अक्टूबर, 2018 में ही मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर आरएसएस के विचारक दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखा गया था. वर्ष 1968 में उपाध्याय मुगलसराय स्टेशन के पास संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए थे.
इसी तरह राजधानी लखनऊ में हजरतगंज चौराहे का नाम बदलकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर ‘अटल चौक’ कर दिया गया था.
इस साल की शुरुआत में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले दिसंबर 2021 में योगी सरकार ने झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर वीरांगना लक्ष्मीबाई कर दिया था.
यह प्रक्रिया सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही जारी नहीं है, बल्कि भाजपा शासित अन्य राज्यों में भी स्थानों के ‘मुस्लिम लगने वाले नाम’ या ‘मुगल काल’ के नाम को बदलने का प्रयास किया गया है.
नवंबर 2021 में भाजपा शासित मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पुनर्विकसित हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका लोकार्पण किया था.
इस साल अप्रैल में आप शासित दिल्ली सरकार के अधिकारियों के जोर देकर यह कहने के बावजूद कि नाम परिवर्तन का कोई आधिकारिक आधार नहीं है, दिल्ली में भाजपा नेताओं ने एक समारोह के दौरान मुहम्मदपुर का नाम बदलकर माधवपुरम कर दिया था.
इसके बाद दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा था, जिसमें मुगल काल से संबंधित नामों वाले 40 गांवों की पहचान की गई थी और अनुरोध किया गया था कि वह उन्हें बदल दें.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)