यूपी: शिक्षक ने स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य कर्मचारियों पर जाति आधारित भेदभाव का आरोप लगाया

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का मामला है. सिटी इंटर कॉलेज में संस्कृत पढ़ाने वाले दलित शिक्षक ने आरोप लगाया है कि विद्यालय में क्षत्रिय शिक्षकों ने गुट बना रखा है, जो आए दिन उन्हें यह कह कर प्रताड़ित करते हैं. उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें कक्षाओं में पढ़ाने के लिए नहीं जाने देते तथा उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी नहीं करने देते.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का मामला है. सिटी इंटर कॉलेज में संस्कृत पढ़ाने वाले दलित शिक्षक ने आरोप लगाया है कि स्कूल में क्षत्रिय शिक्षकों ने गुट बना रखा है, जो आए दिन उन्हें प्रताड़ित करते हैं.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में संस्कृत पढ़ाने वाले अनुसूचित जाति के एक शिक्षक ने अपने स्कूल के प्रिंसिपल और अन्य कर्मचारियों पर जाति आधारित भेदभाव का आरोप लगाया है.

शिक्षक ने जिला प्रशासन से भी इसकी शिकायत की है.

जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, सिटी इंटर कॉलेज में संस्कृत के शिक्षक अभय कोरी ने स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एससी गौतम समेत कई शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

अभय कोरी का आरोप है कि स्कूल में क्षत्रिय शिक्षकों ने गुट बना रखा है, जो आए दिन उन्हें यह कहकर प्रताड़ित करते हैं कि तुम अनुसूचित जाति से आते हो ऐसे में हमारे साथ काम नहीं कर सकते.

कोरी का आरोप है कि स्कूल में ही सभी ने मिलकर उनकी चोटी काट दी और उनसे मारपीट भी की, जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस एवं जिलाधिकारी आदर्श सिंह से भी की थी. लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है.

कोरी ने आरोप लगाया कि शिक्षक उनके खिलाफ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें कक्षाओं में पढ़ाने के लिए नहीं जाने देते तथा उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी नहीं करने देते.

स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एससी गौतम ने कुमार के सभी आरोपों को गलत और निराधार बताया है और दावा किया, ‘अभय कोरी को छात्राओं से गलत हरकतें करने और उन्हें पीटने के आरोप में प्रबंधन ने निलंबित कर दिया था. हालांकि अब उन्हें पद पर बहाल कर लिया गया है, लेकिन जांच अभी जारी है. इसी वजह से उनकी उपस्थिति दूसरे रजिस्टर पर दर्ज कराई जाती है और आदेश के मुताबिक उन्हें शिक्षण कार्य से भी दूर किया गया है.’

जिला स्कूल निरीक्षक ओपी त्रिपाठी ने कहा, ‘शिक्षक को बहाल किया जा चुका है. उन्होंने स्कूल के शिक्षकों पर कई आरोप लगाए हैं. स्कूल प्रशासन से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी गई है और इसके आधार पर आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.’

मालूम हो कि देश के स्कूलों में दलितों के साथ भेदभाव की खबरें अक्सर सुनाई देती हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के स्कूल के ए‍क शिक्षक द्वारा मोटरसाइकिल पर हाथ रखने को लेकर एक दलित छात्र की पिटाई की गई थी. बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया था.

31 अगस्त 2022 को उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक पंचायत के दौरान ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि द्वारा एक दलित महिला और उनके नाबालिग बच्चे के साथ कथित रूप से मारपीट किए जाने के मामले में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.

पुलिस ने बताया था कि जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के कल्लापुर सरायहर्रा गांव के निवासी दलित व्यक्ति हनुमान की बेटी ने पिछली 16 अगस्त को गांव के ही स्वजातीय युवक विनेश कुमार से दोनों परिवारों की सहमति से कोर्ट मैरिज की थी. इसी बात को लेकर यह पंचायत बुलाई गई थी.

अगस्त 2022 में ही उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के छपार थाना क्षेत्र में ग्राम प्रधान और पूर्व ग्राम प्रधान द्वारा एक दलित युवक की कथित रूप से चप्पल से पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी ग्राम प्रधान को गिरफ्तार कर लिया था.

आरोप है कि जिले के ताजपुर गांव में दलित युवक द्वारा वॉट्सऐप ग्रुप में टिप्पणी किए जाने को लेकर ग्राम प्रधान ने उन्हें चप्पल से पीटा और जान से मारने की धमकी दी थी.

इसी तरह राजस्थान में जालोर जिले के एक निजी स्कूल में कथित तौर पर एक शिक्षक ने पेयजल का मटका छूने पर नौ वर्षीय एक दलित बच्चे को बीते 20 जुलाई को बुरी तरह से पीट दिया था, जिसके बाद बीते 13 अगस्त को उसकी अस्पताल में मौत हो गई थी.

इसके बाद राजस्थान बाड़मेर शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में बीते 24 अगस्त को एक सरकारी स्कूल में एक शिक्षक द्वारा सवालों का जवाब नहीं देने पर सातवीं कक्षा के एक दलित छात्र की कथित रूप से पिटाई करने का मामला सामने आया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)