जम्मू कश्मीर: ‘ऋग्वेद में मांसाहार खाने की बात लिखी है’ कहने पर सरकारी अधिकारी निलंबित

राजौरी ज़िले में सहायक आयुक्त स्तर के एक अधिकारी ने सहकर्मियों के साथ खाना खाते हुए पूछा था कि जब ऋग्वेद में मांसाहार की अनुमति दी गई है तो वो इससे असहमत क्यों हैं. इसे लेकर एक सहकर्मी ने उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई. ज़िला प्रशासन का कहना है कि इस बयान से क़ानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती थी.

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(फोटो साभार: travelkhana.com)

राजौरी ज़िले में सहायक आयुक्त स्तर के एक अधिकारी ने सहकर्मियों के साथ खाना खाते हुए पूछा था कि जब ऋग्वेद में मांसाहार की अनुमति दी गई है तो वो इससे असहमत क्यों हैं. इसे लेकर एक सहकर्मी ने उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई. ज़िला प्रशासन का कहना है कि इस बयान से क़ानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती थी.

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जम्मू/नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में एक सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारी को इसलिए निलंबित कर दिया गया कि उन्होंने कहा कि ‘ऋग्वेद में मांसाहार खाने की अनुमति दी गई है.’ सूबे के प्रशासन के अनुसार, उनकी इस टिप्पणी से कानून और व्यवस्था की समस्याएं खड़ी हो सकती हैं.

द टेलीग्राफ के अनुसार, राजौरी के जिलाधिकारी विकास कुंडल ने मंगलवार रात सहायक आयुक्त (पंचायत) अब्दुल राशिद कोहली के खिलाफ ‘धर्म विशेष पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने’ के लिए कार्रवाई का आदेश दिया.

अख़बार के मुताबिक, कुंडल द्वारा जारी निलंबन आदेश में लिखा था, ‘इस कार्यालय को शिकायत मिली है कि सहायक आयुक्त पंचायत ने एक धर्म विशेष के बारे में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की हैं.’

साथ ही आदेश में कहा गया था कि अधिकारी का आचरण न केवल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है, बल्कि दूसरे समुदाय की धार्मिक भावनाओं को भी आहत करता है और जिले में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा कर सकता था.

जिलाधिकारी ने कहा कि अतिरिक्त जिला विकास आयुक्त पवन परिहार की अध्यक्षता वाली समिति मामले की जांच करेगी और 15 दिनों में रिपोर्ट देगी.

अख़बार के अनुसार, उनके एक अधीनस्थ अधिकारी ने उनके खिलाफ शिकायत की थी. एक भाजपा नेता ने भी उनकी टिप्पणी को लेकर कार्रवाई की मांग की है.

द टेलीग्राफ से बात करते हुए कोहली ने बताया कि वे राजौरी में अपने चार कनिष्ठ कर्मचारियों- जिनमें दो हिंदू थे, दो मुस्लिम, के साथ एक रेस्त्रां में खाना खाने गए थे, जब मांसाहार की बात हुई.

उन्होंने बताया, ‘मैंने इंटरनेट पर पढ़ा था कि ऋग्वेद में मांसाहार खाने की अनुमति दी हुई है तो वे दोनों (हिंदू सहकर्मी) इस बात से असहमत क्यों हैं. बात खत्म हो गई, हम सब शांति से अपने-अपने काम से चले गए. मुझे एहसास नहीं हुआ कि उनमें से एक मेरी बात से आहत हो गए हैं. अगर उन्होंने कहा होता, मैं उनसे माफी मांग लेता. मेरा इरादा उन्हें ठेस पहुंचाने का नहीं था, न ही मैंने उन्हें मांसाहार खाने को कहा था. शाम को मुझे मालूम हुआ कि वो मेरे खिलाफ शिकायत दर्ज करने जा रहे हैं.’

भाजपा के महासचिव विबोध गुप्ता का कहना है कि उन्होंने अपने हिंदू सहकर्मियों से पूछा था कि वे मांसाहार ऑर्डर क्यों नहीं करते.

उन्होंने इस अख़बार से कहा, ‘हमने उनका निलंबन नहीं बर्खास्तगी चाहिए. हम चाहते हैं पुलिस आईपीसी की धारा 153 के तहत मामला दर्ज करे जिससे जिस समुदाय के खिलाफ उन्होंने टिप्पणी की है, उसे लगे कि कोई कार्रवाई हुई.’