ब्रिटेन की महारानी एलिज़ाबेथ द्वितीय का निधन

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के साथ ब्रिटेन के इतिहास में किसी शासक के सबसे लंबे समय तक किए गए शासन का अंत हो गया है. उन्होंने ब्रिटेन पर 70 साल तक शासन किया. 73 साल की उम्र में प्रिंस चार्ल्स अगले महाराज बन गए हैं. उन्हें ‘किंग चार्ल्स थर्ड’ के नाम से जाना जाएगा. राजगद्दी पर बैठने वाले चार्ल्स सबसे अधिक उम्र के राजा होंगे.

/
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय. (फोटो: रॉयटर्स)

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के साथ ब्रिटेन के इतिहास में किसी शासक के सबसे लंबे समय तक किए गए शासन का अंत हो गया है. उन्होंने ब्रिटेन पर 70 साल तक शासन किया. 73 साल की उम्र में प्रिंस चार्ल्स अगले महाराज बन गए हैं. उन्हें ‘किंग चार्ल्स थर्ड’ के नाम से जाना जाएगा. राजगद्दी पर बैठने वाले चार्ल्स सबसे अधिक उम्र के राजा होंगे.

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय (जन्म: 21 अप्रैल 1926 – निधन: 8 सितंबर 2022). (फोटो: रॉयटर्स)

लंदन/वॉशिंगटन: ब्रिटेन में सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का बृहस्पतिवार को स्कॉटलैंड के बालमोरल कैसल में निधन हो गया. वह 96 वर्ष की थीं. महारानी ने 70 साल तक शासन किया.

उनके निधन के साथ ही ब्रिटेन के इतिहास में किसी शासक के सबसे लंबे समय तक किए गए शासन का अंत हो गया है. बृहस्पतिवार को सुबह उनके स्वास्थ्य के बारे में चिंताएं बढ़ने के बाद उनका परिवार एबरडीनशायर में उनके स्कॉटिश इस्टेट में इकट्ठा होने लगा.

वेल्स के पूर्व राजकुमार चार्ल्स (73 वर्ष) अब ब्रिटेन के नए सम्राट हैं. नए राजा को आधिकारिक तौर पर किंग चार्ल्स तृतीय के रूप में जाना जाएगा. इसकी आधिकारिक पुष्टि हो गई है.

बकिंघम पैलेस ने बीते बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा, ‘महारानी का आज (बृहस्पतिवार) दोपहर बालमोरल में निधन हो गया. द किंग एंड द क्वीन कंसोर्ट (चार्ल्स एंड कैमिला) आज शाम बालमोरल में रहेंगे और कल (शुक्रवार) लंदन लौटेंगे.’

शाही परिवार द्वारा जारी एक बयान में नए सम्राट चार्ल्स ने कहा, ‘मेरी प्यारी मां, महामहिम महारानी का निधन, मेरे और मेरे परिवार के सभी सदस्यों के लिए गहरे दुख का क्षण है. मुझे पता है कि उनके जाने के दुख को देश और राष्ट्रमंडल तथा दुनिया भर के अनगिनत लोगों द्वारा गहराई से महसूस किया जाएगा.’

चार्ल्स ने कहा, ‘हम महारानी और प्यारी मां के निधन पर बेहद शोक संतप्त हैं.’

ब्रिटेन की नवनियुक्त प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने महारानी के निधन की खबर पर कहा, ‘हम सभी गहरी पीड़ा में हैं. देश और दुनिया के लिए यह एक बड़ा झटका है.’

उन्होंने महारानी को ‘एक चट्टान बताया, जिस पर आधुनिक ब्रिटेन बनाया गया’. उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन आज महान देश है वो उनकी वजह से है.’

उन्होंने कहा कि महारानी उनके साथ-साथ कई ब्रितानियों के लिए एक व्यक्तिगत प्रेरणा थीं. ट्रस ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर एक बयान में कहा, ‘कर्तव्य के प्रति उनका समर्पण हम सभी के लिए एक उदाहरण है.’

महारानी 1952 में गद्दी पर बैठी थीं और वह अभूतपूर्व सामाजिक परिवर्तन की गवाह रहीं.

उनके निधन के बाद उनके सबसे बड़े बेटे और उत्तराधिकारी चार्ल्स ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड सहित 14 राष्ट्रमंडल क्षेत्रों के प्रमुख के रूप में उनके अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे.

डॉक्टरों द्वारा महारानी को चिकित्सकीय देखरेख में रखने के बाद चार्ल्स और महारानी के करीबी परिवार के सदस्य एबरडीन के पास बालमोरल पहुंचे.

महारानी की बेटी राजकुमारी ऐनी पहले से ही स्कॉटिश महल में उनके साथ थीं और उनके अन्य बच्चे – प्रिंस एंड्रयू और प्रिंस एडवर्ड – बाद में उनके साथ शामिल हुए. एक परमार्थ कार्यक्रम के लिए लंदन में मौजूद प्रिंस हैरी और मेगन (ड्यूक एंड डचेस ऑफ ससेक्स) भी महारानी के ग्रीष्मकालीन निवास पर पहुंचे.

विलियम की पत्नी केट (डचेस ऑफ कैम्ब्रिज) विंडसर में हैं, क्योंकि उनके बच्चों – प्रिंस जॉर्ज, प्रिंसेस चार्लोट और प्रिंस लुइस का बृहस्पतिवार को वहां एक नए स्कूल में पहला दिन था.

आगामी दिनों में क्या होगा, इसके बारे में कोई आधिकारिक विवरण जारी नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान है कि महारानी का पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा, जैसा कि एक सम्राट की निधन के बाद परंपरा रही है. यह भी उम्मीद है कि जनता के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर को रखा जाए. किंग चार्ल्स तृतीय आने वाले दिनों में अंतिम योजनाओं पर हस्ताक्षर करेंगे.

96 वर्षीय महारानी उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित थीं और उन्होंने इस सप्ताह की शुरुआत में स्कॉटलैंड में नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस की नियुक्ति सहित अपनी यात्रा में कटौती की थी.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल महारानी के पति का निधन हो गया था. पिछले साल के अंत से बकिंघम पैलेस ने बताया था कि वह ‘एपिसोडिक मोबिलिटी प्रॉब्लम’ से पीड़ित थे. इसके बाद महारानी को अपने लगभग सभी सार्वजनिक कार्यक्रमों से पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा था.

उन्होंने अपनी अंतिम आधिकारिक ड्यूटी बीते छह सितंबर को निभाई, जब उन्होंने लिज ट्रस को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री नियुक्त किया, उनके शासनकाल की 15वीं नियुक्ति थी.

ब्रिटिश समाचार वेबसाइट ‘बीबीसी’ के अनुसार, ब्रिटिश साम्राज्य के अंतिम वर्षों से सोशल मीडिया के युग में राजशाही का नेतृत्व करते हुए, वह दुनिया की सबसे अधिक मान्यता प्राप्त और सम्मानित शख्सियतों में से एक बन गई थीं.

दुनिया की सबसे उम्रदराज और सबसे लंबे समय तक देश की प्रमुख रहीं एलिजाबेथ द्वितीय छह फरवरी 1952 को अपने पिता किंग जॉर्ज षष्ठम के निधन के बाद महारानी बनीं. उस समय वह सिर्फ 25 साल की थीं. अगले वर्ष वेस्टमिंस्टर एबे में उनका राज्याभिषेक हुआ. उनका 70 वर्षों का शासन महारानी विक्टोरिया के शासन काल से सात वर्ष अधिक था.

राजगद्दी पर बैठने वाले चार्ल्स सबसे अधिक उम्र के राजा होंगे

अपनी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद 73 साल की उम्र में प्रिंस चार्ल्स देश के अगले महाराज बने हैं. ब्रिटिश राजशाही के अधिकारियों के मुताबिक, चार्ल्स ‘किंग चार्ल्स थर्ड’ (महाराज चार्ल्स तृतीय) के नाम से राजगद्दी संभालेंगे.

किंग चार्ल्स थर्ड और उनकी पत्नी ‘क्वीन कंसोर्ट’ कैमिला. (फोटो: रॉयटर्स)

हालांकि अभी तक चार्ल्स की ताजपोशी की तारीख तय नहीं हुई है. राजगद्दी पर बैठने वाले चार्ल्स सबसे अधिक उम्र के राजा होंगे. चार्ल्स ने ब्रिटिश राजशाही के आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

चार्ल्स पहले ऐसे शाही उत्तराधिकारी हैं, जिनकी शिक्षा घर में नहीं हुई है. साथ ही वह विश्वविद्यालय डिग्री पाने वाले और राजपरिवार और सामान्य जनता के बीच की कम होती दूरियों के दौर में मीडिया की पैनी नजरों के बीच जिंदगी गुजारने वाले भी पहले उत्तराधिकारी हैं.

बेहद लोकप्रिय प्रिंसेस डायना के साथ काफी विवादित तलाक के बाद वह काफी अलग-थलग भी पड़े. उन्होंने राज परिवार के सदस्यों को सार्वजनिक मामलों में हस्तक्षेप करने से रोकने वाले नियम की भी कई बार अनदेखी की. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और वास्तुकलाओं के संरक्षण जैसे मुद्दों पर खुलकर चर्चा की.

ब्रिटेन की महारानी बनीं कैमिला, लेकिन कोई अधिकार नहीं मिला

ब्रिटेन सात दशक से भी ज्यादा समय के बाद अब एक नई महिला को ‘महारानी’ कहकर बुलाएगा. चार्ल्स की पत्नी डचेज ऑफ कॉर्नवेल कैमिला अब ‘क्वीन कंसोर्ट’ की उपाधि से संबोधित की जाएंगी.

वर्षों के तर्क-वितर्क के बाद महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के कारण यह उपाधि तय हुई, वह भी उन्हीं दिनों तय कर ली गई थी, जब कैमिला और चार्ल्स एक-दूसरे के करीब आ रहे थे और उनका विवाह नहीं हुआ था.

हालांकि, हमेशा से यह तय था कि 75 वर्षीय कैमिला इस उपाधि को ग्रहण करेंगी, लेकिन उन्हें यह उपाधि किसी संप्रभुता वाले अधिकार के बिना दी जाएगी.

परंपरागत रूप से राजा की पत्नी ‘रानी’ होती हैं, लेकिन चार्ल्स के राजा बनने पर कैमिला की उपाधि क्या होगी, यह वर्षों से बड़ा ही उलझा हुआ प्रश्न रहा.

चार्ल्स की पूर्व पत्नी प्रिंसेस डायना की कार दुर्घटना में 1997 में हुई मौत के बाद लोगों के दिलों में बसा दुख और कैमिला के चार्ल्स की दूसरी पत्नी होने के कारण राजशाही में उनका ओहदा हमेशा से संवेदनशील मुद्दा रहा है.

राजमहल के अधिकारियों ने वर्षों तक कहा कि चार्ल्स के राजा बनने पर कैमिला को संभवत: परंपरागत ‘क्वीन कंसोर्ट’ की जगह ‘प्रिंसेस कंसोर्ट’ की उपाधि दी जाएगी.

शाही अधिकारियों की मानें तो हालांकि, ब्रिटेन की राजशाही के इतिहास में ‘प्रिंसेस कंसोर्ट’ की उपाधि का कोई उदाहरण नहीं है. इससे मिलती-जुलती उपाधि ‘प्रिंस कंसोर्ट’ सिर्फ एक बार महारानी विक्टोरिया के पति एल्बर्ट के लिए इस्तेमाल की गई थी.

लेकिन, जब महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने सार्वजनिक घोषणा की कि उनके पुत्र प्रिंस चार्ल्स के राजा बनने पर कैमिला को ‘क्वीन कंसोर्ट’ की उपाधि दी जाएगी तो यह चर्चा भी समाप्त हो गई.

बाइडन, गुतारेस सहित दुनिया भर के नेताओं ने शोक जताया

महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन पर बृहस्पतिवार को दुनिया भर के नेताओं ने शोक जताया और उन्हें ‘सहृदय’ महारानी बताते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने 1982 में महारानी के साथ अपनी पहली मुलाकात और 2021 में ब्रिटेन यात्रा के दौरान महारानी की मेजबानी को याद किया.

बाइडन ने कहा, ‘उन्होंने अपनी हाजिरजवाबी से हमें प्रभावित किया, दयालुता से हमारा दिल जीत लिया और खुले दिल से अपने अनुभव हमारे साथ बांटे. 9/11 के बाद हमारे सबसे बुरे वक्त में वह अमेरिका के साथ एकजुट होकर खड़ी रहीं, उन्होंने हमें याद दिलाया कि ‘तकलीफ वह कीमत है, जो हम प्यार के लिए चुकाते हैं.’

वहीं, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन से वह बहुत दुखी हैं. उन्होंने महारानी के परिवार, ब्रिटेन की सरकार, जनता के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं.

उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन की सबसे ज्यादा उम्र की और देश पर सबसे लंबा शासन करने वाली महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को दुनिया भर में उनके दया भाव, गरिमा और समर्पण के लिए जाना जाता है. दशकों की उनकी मौजूदगी को देखा जा सकता है, फिर चाहे पर अफ्रीका और एशिया से औपनिवेशिक शासन का खात्मा हो या फिर राष्ट्रमंडल देशों का विकास.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता की प्रतिमूर्ति रहीं और उनके साथ 2015 तथा 2018 में हुई यादगार मुलाकातों को याद किया.

मोदी ने कहा, ‘मैं उनकी गर्मजोशी और उदारता को कभी नहीं भूल सकता हूं. एक भेंट के दौरान उन्होंने मुझे वह रुमाल दिखाया, जो उनके विवाह के अवसर पर महात्मा गांधी ने उन्हें भेंट किया था. उनके इस व्यवहार को सदा पसंद करता हूं.’’

उन्होंने कहा, ‘महामहिम महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को हमारे समय की एक कद्दावर शख्सियत के रूप में सदैव याद रखा जाएगा. वह सार्वजनिक जीवन में गरिमा और शालीनता की प्रतिमूर्ति थीं. उनके निधन से दुखी हूं. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और ब्रिटेन के लोगों के साथ हैं.’

यहां तक ​​कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जिनके देश के ब्रिटेन के साथ संबंध यूक्रेन युद्ध के बाद से ठीक नहीं चल चल रहे हैं, ने अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए इसे अपूरणीय क्षति कहा है.

फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने श्रद्धांजलि देने हुए कहा कि महारानी ‘दयालु शासक’ थीं और ‘फ्रांस की मित्र थीं.’

मैक्रों ने कहा, ‘महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने ब्रिटिश राष्ट्र की निरंतरता और एकता को 70 साल से ज्यादा समय तक बनाए रखा. मैं उन्हें फ्रांस की मित्र, एक दयालु महारानी, जिन्होंने अपने देश और अपनी सदी पर अमिट छाप छोड़ी है, के रूप में याद करता हूं.’

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्ज ने महारानी को ‘लाखों लोगों के लिए आदर्श और प्रेरणा स्रोत बताया.’

उन्होंने दूसरे विश्वयुद्ध की त्रासदी के बाद ब्रिटेन और जर्मनी के बीच संबंधों को सुधारने में उनकी भूमिका की तारीफ की. उन्होंने कहा कि सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि उनकी हंसने-हंसाने की आदत को भी याद किया जाएगा.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडू ने कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ‘दुनिया में उनके सबसे पसंदीदा लोगों में से एक थीं.’

उन्होंने कहा, ‘वह हमेशा हम सभी के जीवन का हिस्सा थीं. कनाडा के लोगों के प्रति उनकी सेवा हमेशा हमारे देश के इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा रहेगा. मैं उन्हें बहुत याद करूंगा.’

संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि मुश्किल वक्त में महारानी का दृढ नेतृत्व दुनिया भर के लोगों के लिए स्थिरता और मुश्किलों का सामना करने की ताकत देने वाला बल बना.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq