बेंगलुरू में लोगों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री को भी ईमेल के ज़रिये शिकायतें भेजी थीं, जिसके बाद कर्नाटक परिवहन विभाग ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में यात्रियों से अतिरिक्त किराया वसूलने वाली कंपनियों और ड्राइवरों की पहचान के लिए अभियान चलाया.
बेंगलुरू: कर्नाटक परिवहन विभाग के अधिकारियों को बेंगलुरु में कैब संचालक कंपनियों, ओला-उबर व अन्य के ख़िलाफ़ अधिक किराया वसूलने को लेकर 292 शिकायतें प्राप्त हुई हैं.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यात्रियों से अत्यधिक किराया वसूलने संबंधी इन शिकायतों के चलते शुक्रवार को परिवहन विभाग ने ओला, उबर व अन्य संचालकों के खिलाफ एक अभियान चलाया.
परिवहन आयुक्त टीएचएम कुमार ने बताया कि अधिक किराया वसूलने को लेकर 292 मामले दर्ज किए गए हैं.
रिपोर्ट में बताया गया है कि यात्रियों ने इस मामले में अन्य सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ स्वयं मुख्यमंत्री को भी ईमेल के जरिये शिकायतें भेजी थीं. इसके बाद परिवहन विभाग ने शहर के विभिन्न इलाकों में ऐसे संचालकों और ड्राइवरों की पहचान के लिए अभियान चलाया.
आयुक्त ने कहा, ‘आम जनता शिकायत कर रही है कि ओला और उबर जैसे समूह अतिरिक्त किराया वसूल रहे हैं. अतीत में, राज्य सरकार ने किराए तय किए थे जो टैक्सी संचालकों पर लागू होते थे. उन्हें सरकार द्वारा निर्धारित स्लैब के अनुसार किराया तय करना होता है.’
A ~1 hour Uber to Bengaluru airport costs 60-130% the price of a ~1.5 hour flight to Mumbai 😐 pic.twitter.com/zl5kFaCuNa
— Rohin Dharmakumar (@r0h1n) September 12, 2022
शहर में टैक्सियों पर निर्भर यात्रियों की शिकायत है कि संचालकों द्वारा वसूले जाने वाले किराए में भारी वृद्धि हुई है.
एक रहवासी विद्या कुमारी ने द हिंदू से कहा, ‘महीनों से शहर में यात्रा करना बहुत महंगा हो गया है. इन ऐप पर तीन किलोमीटर तक का किराया 100 रुपये तक बताया जा रहा है. हवाई अड्डे या अन्य कहीं लंबी दूरी की यात्रा करना बहुत महंगा हो गया है.’
एक अन्य यात्री गुरुमूर्ति ने कहा, ‘बस स्टैंड या हवाई अड्डे से टैक्सी की सवारी बुक करना बहुत महंगा हो गया है. पिछले वर्षों की तुलना में प्रतीक्षा समय (वेटिंग टाइम) बहुत लंबा है. ऐसे कई उदाहरण हैं जब यात्रा के दौरान ड्राइवर एसी चालू नहीं करते हैं और टोल वाली सड़क पर जाए बिना ही वे अवैध रूप से टोल शुल्क ले लेते हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इन ऐप के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपने अनुभव साझा किए हैं.
संयुक्त आयुक्त केटी हलास्वामी ने कहा कि अतिरिक्त किराया वसूलने के पहले अपराध पर ड्राइवर पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाता है.
उन्होंने कहा, ‘हम टैक्सी समूहों को उनका जवाब मांगने के लिए नोटिस भी भेजेंगे. उनके जवाब के आधार पर विभाग आगे की कार्रवाई करेगा.’
An 15 minutes drive to Bengaluru coxtwon area Ola auto shows 60% more than an a meter fare usually it cost only 45rs to 50rs but ola is dammmmmm
*?$*" cheating 105 rs for 2kms ride where the hell out nation is going on @bhash #olacabs #ola #india #startupindia #riteshagarwal pic.twitter.com/IpitfLtH06— John Franklin🥰 (@John_frank_2) September 16, 2022
दूसरी तरफ, ड्राइवरों का कहना है कि किराया बढ़ने के बावजूद उनकी कमाई उतनी ही है.
एक ड्राइवर कृष्ण कुमार ने कहा, ‘महामारी के बाद वित्तीय कठिनाइयों के कारण हजारों ड्राइवरों ने ऋण का भुगतान करने में विफल रहने के बाद अपने वाहन गंवा दिए. इससे सड़कों पर चलने वाली टैक्सियों की संख्या में कमी देखी गई है. हालांकि, कंपनियों ने किराया बढ़ा दिया है लेकिन हमें कोई फायदा नहीं हुआ है. प्रत्येक यात्रा के लिए 30 फीसदी से अधिक कमीशन लिया जाता है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम ईंधन खर्च, गाड़ी के रखरखाव और जीवनयापन के अन्य खर्चे पूरे करने की भी स्थिति में नहीं हैं. इसके साथ ही, विभाग ने अवैध रूप से बाइक टैक्सियों को संचालित करने की अनुमति दे दी है. इसका शहर के टैक्सी और ऑटो चालकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.’