लोग लगातार जांच एजेंसियों, सत्ता और पुलिस के डर के साए में जी रहे हैं: कपिल सिब्बल

पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि धर्म पूरी दुनिया, ख़ासतौर पर भारत में एक हथियार बन गया है. आज भारत में नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने में शामिल लोग एक खास विचारधारा का हिस्सा हैं. पुलिस उनके ख़िलाफ़ कुछ भी करने को तैयार नहीं है क्योंकि वे सभी सहयोगी हैं.

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कपिल सिब्बल. (फोटो: द वायर)

पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि धर्म पूरी दुनिया, ख़ासतौर पर भारत में एक हथियार बन गया है. आज भारत में नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने में शामिल लोग एक खास विचारधारा का हिस्सा हैं. पुलिस उनके ख़िलाफ़ कुछ भी करने को तैयार नहीं है क्योंकि वे सभी सहयोगी हैं.

कपिल सिब्बल. (फोटो: द वायर)

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व नेता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को केंद्र पर परोक्ष हमला करते हुए आरोप लगाया कि लोग जांच एजेंसियों, सत्ता और पुलिस के डर के साए में जी रहे हैं.

पूर्व कैबिनेट मंत्री ‘रूपा पब्लिकेशन’ द्वारा प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘रिफ्लेक्शंस: इन राइम एंड रिदम’ के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उन्होंने इस अवसर पर लेखक सुहैल सेठ से बात करते हुए कहा कि आजकल देश में सत्ता की हवस देखने को मिल रही है और जांच एजेंसियां, संस्थाएं और पुलिस सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं.

इस दौरान देश की न्यायपालिका के साथ समस्याओं पर सिब्बल ने कहा कि अदालत में ज्यादातर मुकदमे कॉरपोरेट्स के बीच के होते हैं. उन्होंने कहा, ‘गरीब आदमी इंसाफ के लिए कहां जाएगा? उनके पास कोर्ट केस लड़ने के लिए पैसे नहीं हैं. पूर्वोत्तर और दक्षिण के लोग कैसे पहुंचेंगे सुप्रीम कोर्ट? उनके पास साधन नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पारिवारिक विवाद हैं. इनका समाधान कौन करेगा? व्यवस्था को पूरी तरह बदलना होगा, हमें इसके लिए नियमों और विचारों की जरूरत है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘पुलिस, नेताओं और स्थानीय माफिया के साथ मिलीभगत कर रही है. सच हमेशा छुपा रहता है. यदि जांच सही नहीं है, तो जज शायद आपको फैसला न दे सके. बाकी चीजों की तुलना में आपराधिक न्याय प्रणाली बहुत खराब है. वास्तविक दोषियों को छोड़ दिया जाता है जबकि निर्दोष लोगों को फंसाया जाता है.’

सिब्बल ने कहा कि धर्म पूरी दुनिया में, खासतौर पर भारत में एक हथियार बन गया है. उन्होंने कहा, ‘यह पूरी दुनिया में हो रहा है. लेस्टर में जो घटना हुई वह पूरी तरह से असहिष्णुता थी. हम सभी जानते हैं कि वहां क्या हुआ था. अब वहां भी ये चीजें पहुंच गई हैं. असली समस्या यह है कि आज भारत में नफ़रत फैलाने वाले भाषण देने में जो शामिल हैं, वे एक खास विचारधारा का हिस्सा हैं. पुलिस कुछ भी करने को तैयार नहीं है क्योंकि वे सभी सहयोगी हैं.’

उन्होंने जोड़ा, ‘उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों पर मुकदमा नहीं चलाया जाता है और इसलिए वे उसी तरह का एक और भाषण देने के लिए प्रोत्साहित होते हैं. ऐसे में पूरी न्याय प्रणाली दूषित होती है. लोग लगातार दहशत में जी रहे हैं. हमें ईडी, सीबीआई, सरकार, पुलिस- सबका डर है. हमें अब किसी पर भरोसा नहीं है.’

एकजुट विपक्ष को लेकर पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा कि सभी दल मौजूदा सरकार से लड़ना चाहते हैं, लेकिन अब भी इसके लिए ढांचा मौजूद नहीं है. उन्होंने  कहा,’इन पार्टियों के बीच आपस में कोई  चर्चा नहीं हो रही है. वे निश्चित रूप से वर्तमान शासन का विरोध करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अपने-अपने राज्यों में ही ऐसा कर रहे हैं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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