दोनों राज्यों के बीच चल रहे सीमा विवाद के समाधान की बातचीत के बीच मिज़ोरम के अधिकारी ने बताया कि असम पुलिस ने दो अक्टूबर को झोफई इलाके में दो झोंपड़ियां बनाईं. यह वही जगह है, जहां 2018 में हुई एक झड़प में 60 लोग घायल हो गए थे.
आइजोल: मिजोरम पुलिस ने आरोप लगाया है कि असम पुलिसकर्मियों ने विवादित झोफई इलाके में दो झोपड़ियों का निर्माण किया.
दोनों राज्यों के बीच सीमा मुद्दे का सौहार्द्रपूर्ण समाधान तलाशने के लिए हो रही बातचीत के बीच यह आरोप लगाया गया है.
कोलासिब के पुलिस अधीक्षक वनलालफाका रालते ने फोन पर बताया कि असम पुलिस ने दो अक्टूबर को झोफई इलाके में दो झोंपड़ियां बनायीं. जिन स्थान पर ये झोपड़ियां बनायी गयी हैं वह मिजोरम के पहले मुख्यमंत्री सी छुंगा के धान के खेत के बिल्कुल सामने हैं. वहीं 2018 में झड़प हुई थी.
बताया जा रहा है कि असम पुलिस ने सोमवार को झोंपड़ियां हटा लीं. हालांकि, असम में प्राधिकारियों से इस पर टिप्पणी नहीं मिल सकी है.
इलाके में झोंपड़ियों के निर्माण से पैदा हुआ तनाव उन्हें हटाने के बाद खत्म हो गया. यह इलाका असम के हैलाकांडी जिले से सटा हुआ है.
पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को दावा किया कि मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा और गृह मंत्री लालचमलियाना ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शर्मा से बात की थी जिसके बाद असम पुलिस ने दोनों झोपड़ियां हटा लीं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने बताया कि असम के बराक घाटी जिले के कचुरथल में प्रस्तावित निर्माण कार्य के लिए रविवार को मजदूरों के लिए दो झोपड़ियां बनाए गए थे.
उन्होंने कहा, ‘मिजोरम के कुछ अधिकारियों ने मजदूरों के लिए बनाए गए झोपड़ियों पर आपत्ति जताई. हमने अपने वरिष्ठों से सलाह-मशविरा किया, जिन्होंने शांति के लिए ढांचों को तोड़ने का सुझाव दिया.’
उन्होंने कहा, ‘असम की ओर के दोनों झोपड़ियां सोमवार को ध्वस्त कर दिया गया और मिजोरम के अधिकारियों को इस कदम के बारे में सूचित कर दिया गया है.’
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जिस स्थान पर अस्थायी ढांचे का निर्माण किया गया वह विवादित सीमा क्षेत्र में आता है और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री स्तर पर बातचीत चल रही है.
रालते ने बताया कि असम के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह इलाके का सर्वेक्षण किया था.
रालते ने यह भी बताया कि कोलासिब के उपायुक्त और उन्होंने हैलाकांडी में अपने समकक्षों से फोन पर बात की थी और उन्हें बताया था कि यह इलाका विवादित क्षेत्र है जहां दोनों राज्य की सरकारों ने यथास्थिति बनाए रखने पर सहमति जतायी थी.
उन्होंने बताया कि असम के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम था कि यह इलाका विवादित है.
गौरतलब है कि मार्च 2018 में मिजोरम के मिज़ो ज़िरलाई पाल (एमजेडपी) के पदाधिकारियों ने इलाके में लकड़ी के विश्राम गृह का निर्माण करने का प्रयास किया था तो हिंसा भड़क उठी थी. असम पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कथित तौर पर लाठीचार्ज किया था और गोलियां चलाईं थी जिसमें मिजोरम के सात पत्रकारों सहित 60 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
इस साल सितंबर में दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सीमा मुद्दे को लेकर मुलाकात की थी और मंत्री स्तरीय वार्ता जारी रखने पर सहमति जताई थी. अगले दौर की मंत्री स्तरीय वार्ता इसी महीने गुवाहाटी में होनी है.
मिजोरम के तीन जिले – आइजोल, कोलासिब और मामित – असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं.
दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद पुराना है और इससे निपटने के लिए 1995 के बाद से कई वार्ताएं हुई, लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ.
साल 2020 में अक्टूबर-नवंबर में असम-मिजोरम सीमा पर तब कई दिन तक तनाव रहा था, जब असम के कछार जिले और मिजोरम के कोलासिब जिले के लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे तथा कई कच्चे मकान जला दिए गए थे.
फरवरी 2021 की शुरुआत में असम-मिजोरम सीमा पर विवादित क्षेत्र में दोनों राज्यों के लोगों के बीच हुई झड़पों में कई लोग घायल हो गए थे.
हिंसा और आगजनी की घटना नौ फरवरी की रात रामनाथपुर थानांतर्गत कचूरथोल में हुई थी. कल्तीचेरा के विधायक सुजामुद्दीन लश्कर ने दावा किया कि था कि पड़ोसी राज्य के शरारती तत्वों के हमले में लगभग 30 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और लगभग 50 मकान आगजनी में नष्ट हो गए.
दोनों पूर्वोत्तर राज्यों के पुलिस बलों के बीच जुलाई 2021 में एक हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें असम के छह पुलिसकर्मियों सहित सात लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक अन्य घायल हो गए थे.
इसके बाद 17 अगस्त 2021 को हैलाकांडी जिले की सीमा से लगे विवादित ऐतलांग इलाके में गोलीबारी हुई थी, जिसमें मिजोरम का एक व्यक्ति घायल हो गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)