गुजरात: अवैध रेत खनन के आरोपी के हमले में आरटीआई कार्यकर्ता घायल, बेटे की मौत

घटना कच्छ ज़िले की है. सूचना का अधिकार कार्यकर्ता रमेश बलिया ने नवल सिंह जडेजा नामक व्यक्ति के ख़िलाफ़ अवैध रेत खनन की शिकायत दर्ज कराई थी, जिससे नाराज़ जडेजा ने अपनी एसयूवी कार से स्कूटर पर जा रहे रमेश और उनके बेटे को कुचल दिया.

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(इलस्ट्रेशन: द वायर)

घटना कच्छ ज़िले की है. सूचना का अधिकार कार्यकर्ता रमेश बलिया ने नवल सिंह जडेजा नामक व्यक्ति के ख़िलाफ़ अवैध रेत खनन की शिकायत दर्ज कराई थी, जिससे नाराज़ जडेजा ने अपनी एसयूवी कार से स्कूटर पर जा रहे रमेश और उनके बेटे को कुचल दिया.

(इलस्ट्रेशन: द वायर)

भुज: गुजरात के कच्छ जिले में अवैध रेत खनन के आरोपी एक व्यक्ति ने अपनी एसयूवी कार से एक आरटीआई कार्यकर्ता के स्कूटर को टक्कर मार दी. इस हमले में आरटीआई कार्यकर्ता बुरी तरह घायल हो गए, जबकि उनके 24 वर्षीय बेटे की मौत हो गई.

पुलिस ने बताया कि यह घटना तीन अक्टूबर की है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

उन्होंने बताया कि लखपत तहसील के मेघपार गांव के रहने वाले सूचना का अधिकार (आरटीआई) कार्यकर्ता रमेश बलिया ने नवल सिंह जडेजा के खिलाफ अवैध रेत खनन की शिकायत दर्ज कराई थी.

पुलिस के मुताबिक, तीन अक्टूबर को शाम करीब साढ़े छह बजे जब बलिया और उनका बेटा नरेंद्र दयापार गांव से घर लौट रहे थे तो जडेजा ने एसयूवी कार से उन्हें पीछे से टक्कर मार दी और उन्हें कुचलकर फरार हो गया.

नारा थाने के निरीक्षक एसए माहेश्वरी ने बताया कि नरेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि रमेश बलिया को अस्पताल में भर्ती कराया गया.

रमेश बलिया स्थानीय दलित नेता भी हैं. माहेश्वरी ने बताया कि जडेजा के खिलाफ हत्या और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

उन्होंने बताया कि स्थानीय पुलिस की अपराध शाखा ने घटना के एक दिन बाद जडेजा को गिरफ्तार कर लिया.

निरीक्षक ने कहा कि जडेजा अवैध रेत खनन के खिलाफ शिकायत करने के चलते बलिया से रंजिश रखता है.

कच्छ (पश्चिम) के पुलिस अधीक्षक सौरभ सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आरटीआई कार्यकर्ता रमेश अवैध खनन का आरोप लगाते हुए पुलिस और खनन विभाग में शिकायत दर्ज कराते रहे हैं. उन्होंने करीब एक साल पहले इसी आरोपी (जडेजा) के खिलाफ अवैध रेत और मिट्टी के खनन के बारे में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. जवाब में, हमने आरोपी द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहनों को जब्त कर लिया था और मामले को खनन विभाग को स्थानांतरित कर दिया था.

इस बीच, दलित समुदाय के कई सदस्य भुज अस्पताल में जमा हो गए और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए नरेंद्र के शव को लेने से इनकार कर दिया.

सिंह ने बताया कि जब हमारी स्थानीय अपराध शाखा ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, तो उसके बाद नरेंद्र के परिवार ने उनके पार्थिव शरीर को स्वीकार कर लिया.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)