बाप को भले गाली दो, पर मोदी-शाह के ख़िलाफ़ एक शब्द भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: महाराष्ट्र मंत्री

महाराष्ट्र भाजपा के पूर्व प्रमुख और उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बीते सप्ताह पुणे में हुए एक समारोह में कहा कि कोल्हापुर में बाप को गाली देना आम बात है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के ख़िलाफ़ एक भी अपशब्द बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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चंद्रकांत पाटिल. (फोटो साभार फेसबुक/@ChDadaPatil)

महाराष्ट्र भाजपा के पूर्व प्रमुख और उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बीते सप्ताह पुणे में हुए एक समारोह में कहा कि कोल्हापुर में बाप को गाली देना आम बात है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के ख़िलाफ़ एक भी अपशब्द बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

चंद्रकांत पाटिल. (फोटो साभार फेसबुक/@ChDadaPatil)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र भाजपा के पूर्व प्रमुख और उच्च शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बीते सप्ताह एक समारोह में कहा कि ‘बाप को गाली देना स्वीकार है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के विरुद्ध एक शब्द भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पाटिल पुणे में हुए एक समारोह में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, ‘ बाप को गाली देना कोल्हापुर में आम बात है… लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित भाई शाह के खिलाफ एक भी अपशब्द बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’

उनके इस बयान के बाद विपक्ष ने इसकी आलोचना की. एनसीपी विधायक रोहित पवार ने पाटिल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे अपने नेताओं की बड़ाई कर सकते हैं लेकिन उन्हें कोल्हापुर और महाराष्ट्र की संस्कृति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. पवार ने कहा, ‘नेताओं को अपने नेताओं की तारीफ करते समय सतर्क रहना चाहिए. मां-बाप को गाली देना स्वीकार्य नहीं है.’

वहीं, शिवसेना प्रवक्ता मनीषा कायंदे ने पाटिल पर तंज़ करते हुए कहा कि ‘मां-बाप को गाली देना भाजपा का हिंदुत्व है.’

पाटिल का इस तरह के विवादित बयान देना नया नहीं है. बीते मई महीने में चंद्रकांत पाटिल ने ओबीसी आरक्षण देने की मांग को लेकर किए जा रहे एक प्रदर्शन के दौरान एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले को निशाना बनाते हुए कहा था कि ‘वे राजनीति में क्यों हैं, घर जाकर बस खाना बनाइए.

उस समय इस बयान पर एनसीपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. पाटिल की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए एनसीपी की महिला शाखा की प्रदेश अध्यक्ष विद्या चव्हाण ने पाटिल का नाम लिए बिना कहा कि एक व्यक्ति जिसने एक महिला विधायक का टिकट काटकर उनकी सीट से खुद चुनाव लड़ा, वह एक ऐसी सांसद का अपमान कर रहा हैं, जिन्हें दो बार (अच्छे प्रदर्शन के लिए) संसद रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

एनसीपी नेता ने यह भी कहा था  कि ‘उन्हें (पाटिल को) रोटी बनाना सीखना चाहिए, ताकि वह घर पर अपनी पत्नी की मदद कर सकें.’

सुप्रिया सुले के पति सदानंद सुले ने भी पाटिल की टिप्पणी की आलोचना की थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘यह भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हैं जो सुप्रिया के बारे में बोल रहे हैं. मैंने हमेशा कहा है कि वे (भाजपा) नारी द्वेषी हैं और जब भी मौका लगता है कि महिलाओं को नीचा दिखाते हैं.’