प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को कथित तौर पर जांच में सहयोग नहीं करने पर गिरफ़्तार किया गया है. पार्थ चटर्जी के बाद भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल के स्कूलों में शिक्षण और गै़र-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित कथित घोटाले में गिरफ़्तार होने वाले दूसरे टीएमसी विधायक हैं.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितताओं के मामले में मंगलवार तड़के तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि माणिक से रातभर पूछताछ करने के बाद उन्हें तड़के गिरफ्तार किया गया.
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष भट्टाचार्य को कथित तौर पर जांच में सहयोग नहीं करने पर गिरफ्तार किया गया है.
एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘भट्टाचार्य को पूछताछ के दौरान जांचकर्ताओं के साथ सहयोग न करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. उनसे पूछताछ सोमवार दोपहर को शुरू की गई थी. उन्होंने जांचकर्ताओं को गुमराह करने की कोशिश भी की.’
माणिक भट्टाचार्य नादिया जिले के पलाशिपारा के विधायक हैं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भट्टाचार्य को मामले की जांच कर रहे केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा गिरफ्तार किए जाने से संरक्षण प्रदान किया था.
ईडी इस कथित घोटाले में पैसे के लेन-देन की जांच कर रही है, जबकि सीबीआई भर्ती में की गई कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) कथित भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के नेता पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को बीते जुलाई महीने में गिरफ्तार किया था.
प्रवर्तन निदेशालय ने घोटाले में कथित रूप से अर्पिता मुखर्जी से जुड़े कई परिसरों पर छापेमारी की थी. जांच एजेंसी ने घोटाले में छापेमारी के दौरान करीब 50 करोड़ रुपये की नकदी, विदेशी मुद्रा, आभूषण और सोने के बिस्कुट बरामद करने का दावा किया है.
पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस सरकार में 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री थे. चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया और तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया.
पार्थ चटर्जी के बाद भट्टाचार्य पश्चिम बंगाल के स्कूलों में शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित कथित घोटाले में गिरफ्तार होने वाले दूसरे टीएमसी विधायक हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ईडी पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा की गई भर्तियों में कथित मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रहा है.
भट्टाचार्य को बीते जून में कलकत्ता हाईकोर्ट द्वारा राज्य प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था. वह काफी समय से ईडी के निशाने पर थे. सीबीआई ने भी उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कई रिट याचिकाओं पर हाल ही में सीबीआई को समूह ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों, कक्षा 11वीं-12वीं के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया था.
माणिक भट्टाचार्य जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष हैं.
बीते 20 जून को जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने भट्टाचार्य को राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित या सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 269 शिक्षकों की नियुक्ति में की गई अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के पद से हटाने का आदेश दिया था.
गौरतलब है कि पिछले महीने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर बंग विश्वविद्यालय (एनबीयू) के कुलपति सुबीरेश भट्टाचार्य को पश्चिम बंगाल में 2016 में सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया था.
आरोप है कि आयोग के तत्कालीन सलाहकार एसपी सिन्हा ने अन्य लोगों के साथ मिलकर 2016 में आयोग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय चयन परीक्षा में कक्षा नौवीं और 10वीं के लिए सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में अयोग्य, गैर-सूचीबद्ध और निचली रैंक वाले उम्मीदवारों को अनुचित लाभ दिया था.
सीबीआई ने 15 सितंबर को पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली को स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाला मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था.
इस साल अगस्त में सीबीआई ने शांति प्रसाद सिन्हा और अशोक साहा को गिरफ्तार किया था, जो स्कूल सेवा आयोग द्वारा भर्ती की निगरानी करने वाली पांच सदस्यीय समिति का हिस्सा थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)