एक ख़बर के प्रकाशन पर एक उग्रवादी संगठन द्वारा जारी फ़रमानों और धमकियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते हुए मणिपुर में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थानों ने सोमवार से काम बंद कर दिया है.
नई दिल्ली: मणिपुर में प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थानों ने एक खबर के प्रकाशन पर एक उग्रवादी संगठन द्वारा जारी किए गए फरमानों और उसके बाद की धमकियों की निंदा करते हुए सोमवार शाम से काम बंद कर दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, इस घटना को गंभीरता से लेते हुए एडिटर्स गिल्ड मणिपुर (ईजीएम), ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन (एएमडब्ल्यूजेयू), और मणिपुर हिल्स जर्नलिस्ट्स यूनियन (एमएचजेयू) ने इंफाल में मंगलवार को मणिपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों की एक आपातकालीन जनरल मीटिंग बुलाई.
पत्रकारों ने उग्रवादियों के फरमानों और धमकियों के विरोध में बुधवार को धरना प्रदर्शन का फैसला किया. इसके बाद मामले को लेकर नागरिक समाज संगठनों (सीएसओ) और महिला समूहों के साथ बैठक की गई.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, बुधवार को पत्रकारों का धरना सुबह नौ बजे शुरू हुआ और दोपहर दो बजे तक चला. पत्रकारों ने ‘प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान करें’ और ‘प्रेस के अधिकारों का उल्लंघन न करें’ लिखी तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया.
बाद में पत्रकारों, नागरिक निकायों और महिला समूहों की एक संयुक्त बैठक मणिपुर प्रेस क्लब में बुलाई गई और मौजूदा स्थिति पर विचार-विमर्श किया गया.
बैठक में सर्वसम्मति से 2021 में ईजीएम और एएमडब्ल्यूजेयू द्वारा लिए गए निर्णय को बरकरार रखने का संकल्प लिया गया कि मीडिया आउटलेट किसी समूह या संगठन के भीतर परस्पर विरोधी बयान प्रकाशित करने से परहेज करेंगे.
सभा ने सभी वर्गों से मीडिया बिरादरी द्वारा अपनाई गई स्थानीय आदर्श आचार संहिता का सम्मान करने का भी आग्रह किया ताकि संघर्षग्रस्त राज्य में अपने कर्तव्यों का सुचारू रूप से निर्वहन किया जा सके. मीडिया हाउस गुरुवार को काम फिर से शुरू करेंगे.
यह दूसरी बार है जब मणिपुर में मीडिया घरानों को उक्त संगठन के दबाव के बाद काम बंद करना पड़ा है. नवंबर 2021 में मणिपुर के पत्रकारों ने भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था.
जानकारी के अनुसार, मौजूदा स्थिति संगठन के भीतर एक आंतरिक संकट के चलते उपजी थी.