नाबालिग मुस्लिम लड़की के विवाह कर सकने के विषय पर विचार किए जाने की ज़रूरत: सुप्रीम कोर्ट

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें एक नाबालिग मुस्लिम लड़की के अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी कर सकने की बात कही गई थी. आयोग का कहना है कि बाल विवाह पर इसके संभावित प्रभाव और पॉक्सो प्रावधानों को देखते हुए यह एक 'गंभीर मुद्दा' है.

/
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें एक नाबालिग मुस्लिम लड़की के अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी कर सकने की बात कही गई थी. आयोग का कहना है कि बाल विवाह पर इसके संभावित प्रभाव और पॉक्सो प्रावधानों को देखते हुए यह एक ‘गंभीर मुद्दा’ है.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की उस याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया, जिसमें एक नाबालिग मुस्लिम लड़की के अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी कर सकने संबंधी पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि वह जांचेगा कि देश में बाल विवाह पर प्रतिबंध को देखते हुए क्या 16 साल की मुस्लिम लड़की अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ शादी करने में सक्षम है.

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस अभय एस. ओका की पीठ ने इस बारे नोटिस जारी किया तथा वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव को अदालत की सहायता के लिए विषय में न्याय मित्र (एमिकस क्यूरी) नियुक्त किया.

पीठ ने कहा, ‘इस विषय पर विचार किए जाने की जरूरत है.’

इससे पहले एनसीपीसीआर की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि बाल विवाह पर इसके संभावित प्रभाव और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो) के प्रावधानों को देखते हुए ‘यह एक ‘गंभीर मुद्दा’ है और हाईकोर्ट के फैसले में किए गए अवलोकन पर रोक लगाने की मांग की.

शीर्ष न्यायालय ने कहा कि वह मुद्दे पर विचार करेगा और विषय की सुनवाई को सात नवंबर के लिए निर्धारित कर दिया.

उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश की पीठ ने 13 जून को पठानकोट के एक मुस्लिम दंपति- 21 साल के पुरुष और 16 वर्षीय युवती- की याचिका पर आदेश जारी किया था. दंपति ने अपने परिजनों से खतरा होने की बात कहते हुए सुरक्षा की मांगके साथ अदालत का रुख किया था.

उच्च न्यायालय ने कहा था कि मामले में विचारार्थ मुद्दे विवाह की वैधता के बारे में नहीं हैं, बल्कि याचिकाकर्ताओं के जीवन और स्वतंत्रता के खतरे की आशंका को लेकर उनके द्वारा जताई गई आशंका से जुड़ा हुए हैं.

इसने पठानकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को याचिकाकर्ताओं के प्रतिनिधित्व पर फैसला करने और कानून के मुताबिक आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.

उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘अदालत इस तथ्य के प्रति अपनी आंखें नहीं मूंद सकती कि याचिकाकर्ताओं की आशंकाओं को दूर करने की जरूरत है. महज इसलिए कि याचिकाकर्ताओं ने अपने-अपने परिवार के सदस्यों की मर्जी के बगैर विवाह किया, उन्हें संविधान में प्रदत्त मूल अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता.’

याचिकाकर्ताओं ने अपने वकील के माध्यम से तर्क दिया कि मुस्लिम कानूनों में प्यूबर्टी (प्रजनन के लिए शारीरिक तौर पर परिपक्व होना) (Puberty) और बालिग होना एक समान हैं और यह माना जाता है कि 15 वर्ष की आयु में कोई भी बालिग हो जाता है. उन्होंने यह दलील भी दी थी कि एक मुस्लिम लड़का या मुस्लिम लड़की, जो प्यूबर्टी की अवस्था में आ चुके हैं, वे अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति से शादी करने के लिए स्वतंत्र है और उनके अभिभावक को भी हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है.

इसके बाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पर्सनल लॉ का हवाला देते हुए आदेश में कहा था, ‘कानून स्पष्ट है कि एक मुस्लिम लड़की की शादी मुस्लिम पर्सनल लॉ द्वारा निर्धारित होती है. सर दिनशाह फरदुनजी मुल्ला की किताब ‘प्रिंसिपल्स ऑफ मोहम्मडन लॉ’ के अनुच्छेद 195 के अनुसार, याचिकाकर्ता संख्या 2 (युवती) की उम्र 16 वर्ष से अधिक है, वह अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ शादी करने के लिए सक्षम हैं. याचिकाकर्ता नंबर 1 (पुरुष) की उम्र 21 वर्ष से अधिक बताई गई है. इस प्रकार, दोनों याचिकाकर्ता मुस्लिम पर्सनल लॉ द्वारा दी गई विवाह योग्य उम्र के हैं…’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq