राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के ख़िलाफ़ शिक्षकों का संगठन बड़े प्रदर्शन की तैयारी में

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन ने ऐलान किया है कि वे 16 से 18 नवंबर के बीच नई दिल्ली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के कार्यालय के सामने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अपनी मांगों के समाधान को लेकर प्रदर्शन करेंगे.

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(फोटो साभार: https://www.ugc.ac.in/)

ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन ने ऐलान किया है कि वे 16 से 18 नवंबर के बीच नई दिल्ली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के कार्यालय के सामने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में अपनी मांगों के समाधान को लेकर प्रदर्शन करेंगे.

(फोटो साभार: https://www.ugc.ac.in/)

नई दिल्ली: ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन (एआईएफयूसीटीओ) ने 16 से 18 नवंबर तक नई दिल्ली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के कार्यालय के सामने एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है.

द हिंदू के मुताबिक, फेडरेशन ने केंद्र सरकार और यूजीसी के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर देश भर के शिक्षकों के ज्वलंत मुद्दों को लेकर बातचीत की मांग की थी, जिनमें उनके आरक्षण का मुद्दा भी शामिल है.

फेडरेशन के महासचिव अरुण कुमार ने कहा कि फेडरेशन ने पुरानी पेंशन योजना की तत्काल बहाली, सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाकर 65 करने, सीएएस, एम.फिल और पीएचडी के पाठ्यक्रमों की तारीख 31 दिसंबर तक बढ़ाने की मांग की थी. साथ ही, वेतन वृद्धि और एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति के लिए पीएचडी की अनिवार्यता खत्म करने पर भी जोर दिया था.

कुमार ने आरोप लगाया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय लोकतांत्रिक संवाद करने के बजाय अवैज्ञानिक, अलोकतांत्रिक और बहिष्कर योग्य एनईपी 2020 लागू करने की दिशा में आगे बढ़ा.

गौरतलब है कि जब से केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की है, तब से वह गाहे-बगाहे किसी न किसी विवाद में रही है और व्यापक पैमाने पर इसके विरोध में आवाजें भी बुलंद हुई हैं.

वहीं, शिक्षकों का फेडरेशन एनईपी के सामने आने के बाद से ही लगातार इसके विरोध में बना हुआ है.

2020 में कोविड महामारी की पाबंदियों के बीच भी फेडरेशन ने एनईपी के खिलाफ एक वेब रैली का आयोजन किया था. वहीं, अगस्त माह में भी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन का ऐलान किया था.