बीएचयू फीस वृद्धि: छात्रों की मांगों पर विचार करने के लिए विश्वविद्यालय ने समिति का गठन किया

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 से प्रस्तावित फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई बीते दो हफ्तों से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

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कुलपति आवास के बाहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रदर्शन. (फोटो साभार: ट्विटर/@abvp_bhu)

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 से प्रस्तावित फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ छात्र संगठन एबीवीपी और एनएसयूआई बीते दो हफ्तों से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

कुलपति आवास के बाहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का प्रदर्शन. (फोटो साभार: ट्विटर/@abvp_bhu)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में प्रस्तावित फीस वृद्धि के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) द्वारा शुरू किए गए विरोध प्रदर्शन के दो सप्ताह से अधिक समय बाद प्रशासन ने छात्रों की ओर से उठाए गए मुद्दों को देखने के लिए एक समिति का गठन किया है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, समिति की अध्यक्षता कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर यशवंत सिंह करेंगे.

हालांकि, एबीवीपी और एनएसयूआई ने कहा है कि वे विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे. एबीवीपी ने कहा है कि समिति का गठन छात्रों को गुमराह करने के लिए किया गया है.

मंगलवार को जारी एक बयान में विश्वविद्यालय ने कहा, ‘बनारस हिंदू विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 से कुछ कार्यक्रमों में प्रस्तावित शुल्क संरचना के संबंध में कुछ छात्रों द्वारा उनके अभ्यावेदन के माध्यम से उठाए गए मुद्दों को देखने के लिए एक समिति का गठन किया है.’

आगे कहा गया, ‘विश्वविद्यालय ने बार-बार कहा है कि बीएचयू के वर्तमान छात्रों के लिए कोई संशोधन लागू नहीं किया गया है और अपनी पढ़ाई का कोर्स पूरा होने तक वे मौजूदा शुल्क का भुगतान ही करना जारी रखेंगे. नया शुल्क केवल शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रवेश लेने वाले उम्मीदवारों के लिए लागू होगा.’

बयान में कहा गया है, ‘हालांकि, कुछ छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से संपर्क किया और प्रस्तावित शुल्क संरचना और छात्रावास शुल्क के संबंध में अपनी बात रखी. कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने इन मुद्दों को देखने के लिए एक समिति गठित की है.’

एबीवीपी की बीएचयू इकाई के कैंपस सचिव पुनीत मिश्रा ने कहा कि एबीवीपी बंद दरवाजों के पीछे समिति के साथ कोई चर्चा नहीं करना चाहती है.

मिश्रा ने कहा, ‘समिति का गठन छात्रों को गुमराह करने के लिए किया गया है. समिति का मतलब क्या है? उनका कहना है कि वे बातचीत करेंगे. हमने शुल्क वृद्धि के संबंध में सारा विवरण पहले ही दे दिया है. अब क्या पूछना है? छात्रों पर अलग-अलग तरीकों से दबाव बनाने के लिए समिति बनाई गई है. अगर वे हमसे बात करना चाहते हैं, तो उन्हें धरना स्थल पर आना चाहिए.’

एनएसयूआई के बीएचयू इकाई के अध्यक्ष राणा रोहित ने कहा कि संगठन का विरोध फिलहाल रोक दिया गया है, लेकिन त्योहारी सीजन के बाद जैसे ही छात्र कैंपस में लौटेंगे, फिर से विरोध शुरू करेंगे.

रोहित ने कहा, ‘छात्रों के वापस आने के बाद हम प्रदर्शन फिर से शुरू करेंगे और यह पहले से अधिक तेज होगा.’

विश्वविद्यालय द्वारा गठित समिति के बारे में बात करते हुए रोहित ने कहा, ‘बीएचयू प्रशासन पहले से ही स्नातक छात्रों से संशोधित और बढ़ी हुई फीस ले रहा है, इसके बाद यह समिति गठित की गई है. वे रिपोर्ट कब सौंपेंगे? फीस वृद्धि के खिलाफ आंदोलन तेज होने के डर से समिति का गठन किया गया है.’

इससे पहले अक्टूबर में बीएचयू ने कहा था कि प्रस्तावित शुल्क वृद्धि से विश्वविद्यालय में अध्ययन करने वाले मौजूदा छात्रों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और शैक्षणिक सत्र 2019-20 शुरू होने से पहले ही इस नाममात्र वृद्धि को लागू करने का निर्णय लिया गया था.

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