भारतीय फिल्म उद्योग में तबस्सुम ने अपने करिअर की शुरुआत एक बाल कलाकार के तौर पर की थी. उन्हें ‘बेबी तबस्सुम’ के रूप में जाना जाता था. फिल्मों के बाद उन्होंने ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ की एंकरिंग का काम संभाला, जो भारतीय टेलीविजन का पहला ‘टॉक शो’ था. उन्होंने 1972 से 1993 तक इस शो को किया और इस दौरान तमाम बड़े सितारों का साक्षात्कार लिया था.
मुंबई: बाल कलाकार के रूप में शुरुआत करने के बाद दूरदर्शन के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ के मेजबान के तौर पर ख्याति हासिल करने वाली मशहूर अभिनेत्री तबस्सुम का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है. वह 78 वर्ष की थीं. उनके बेटे होशांग गोविल ने शनिवार को यह जानकारी दी.
होशांग ने बताया, ‘कुछ दिन पहले उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वह पेट की समस्याओं (गेस्ट्रो) से पीड़ित थी और हम वहां जांच के लिए गए थे. उन्हें रात 8:40 बजे और रात 8:42 बजे दो बार दिल का दौरा पड़ा. उनका शुक्रवार की रात निधन हो गया.’
परिवार ने बताया कि उनकी याद में सोमवार शाम मुंबई में एक प्रार्थना सभा होगी.
वर्ष 1944 में मुंबई में अयोध्यानाथ सचदेव और असगरी बेगम के घर जन्मीं तबस्सुम ने अपने करिअर की शुरुआत 1947 की फिल्म ‘नरगिस’ से एक बाल कलाकार के रूप में की थी.
एक बाल कलाकार के रूप में तबस्सुम को ‘बेबी तबस्सुम’ के रूप में जाना जाता था और उन्होंने 1940 के दशक के अंत में मेरा सुहाग (1947), मंझधार (1947) और बड़ी बहन (1949) जैसी फिल्मों में अभिनय किया था.
तबस्सुम ने 1950 के दशक में ‘सरगम’, ‘संग्राम’, ‘दीदार’ और ‘बैजू बावरा’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया था. 1952 में आई फिल्म ‘बैजू बावरा’ में उन्होंने मीना कुमारी के बचपन की भूमिका निभाई थी.
पृथ्वीराज कपूर, दिलीप कुमार और मधुबाला अभिनीत 1960 के ऐतिहासिक महाकाव्य ‘मुगल-ए-आजम’ में भी उनकी एक छोटी भूमिका थी.
बाद में एक वयस्क के रूप में तबस्सुम को चमेली की शादी (1986), नाचे मयूरी (1986), सुर संगम (1985), जुआरी (1971) जैसी फिल्मों में देखा गया था.
कुछ और फिल्मों के बाद तबस्सुम ने ‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ की एंकरिंग का काम संभाला, जो भारतीय टेलीविजन का पहला ‘टॉक शो’ था.
Veteran actor #TABASSUM, best known for child roles and Bollywood talk show passed away today. She started her career as child actor Baby Tabassum in 1947. She also hosted the popular #Doordarshan celebrity talk show Phool Khile Hain Gulshan Gulshan from 1972 to 1993.
Tributes. pic.twitter.com/06kn1AWA7b
— Dayanand Kamble (@dayakamPR) November 19, 2022
उन्होंने 1972 से 1993 तक इस शो को किया था और इस दौरान उन्होंने भारतीय फिल्म उद्योग के कई बड़े सितारों का साक्षात्कार लिया.
‘फूल खिले हैं गुलशन गुलशन’ के मेजबान के रूप में अपने समय के दौरान तबस्सुम ने कुछ फिल्मों में काम करना जारी रखा. उन्होंने 1985 की फिल्म ‘तुम पर हम कुर्बान’ के साथ निर्देशन की शुरुआत की थी.
उनकी आखिरी फिल्म 1990 में राजेश खन्ना और गोविंदा अभिनीत ‘स्वर्ग’ थी, जिसमें उन्होंने मेहमान भूमिका निभाई थी.
तबस्सुम 2000 के दशक में राजश्री प्रोडक्शन के धारावाहिक ‘प्यार के दो नाम: एक राधा, एक श्याम’ में दिखाई दीं. वह हिंदी पत्रिका ‘गृहलक्ष्मी’ की संपादक भी रह चुकी थीं.
बदलती दुनिया को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपने बेटे होशांग के साथ ‘तबस्सुम टॉकीज’ नामक अपने यूट्यूब चैनल की शुरुआत की.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, 2021 में तबस्सुम ने कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद 10 दिन अस्पताल में बिताए थे. उस समय उनके बेटे ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि दिग्गज अभिनेत्री को अल्जाइमर का पता चला है.
तबस्सुम के परिवार में उनके पति विजय गोविल और बेटा होशांग हैं. विजय गोविल टीवी कलाकार अरुण गोविल के बड़े भाई हैं. ईटाइम्स से बातचीत में अरुण गोविल ने कहा, ‘यह बहुत दुखद है. मैं ज्यादा नहीं बोल पाऊंगा. परमात्मा उनकी आत्मा को शांति दें.’
अभिनेता जावेद जाफरी ने ट्वीट कर कहा, ‘टॉक शो की अग्रदूत. एक आश्चर्यजनक रूप से बहुमुखी और विद्वान महिला जो अपने आखिरी दिनों तक सक्रिय रहीं. मेरे पिता (अभिनेता जगदीप) की एक करीबी दोस्त, दोनों बाल कलाकारों के रूप में एक साथ अपना करिअर शुरू किया. हमारी सबसे प्यारी तबस्सुम आंटी का स्वर्गवास हो गया. ईश्वर उनकी आत्मा पर शांति प्रदान करें.’
The pioneer of talk shows. An amazingly versatile and erudite lady who was active till the very end. A close friend of my father who started their careers together as child actors, our dearest Tabassum aunty passed on to her heavenly abode.
May God have mercy on her soul 🤲🏽 pic.twitter.com/bCyQF8me7d— Jaaved Jaaferi (@jaavedjaaferi) November 19, 2022
अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना ने अपने इंस्टाग्राम पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया.
उन्होंने लिखा था, ‘वह वास्तव में एक किंवदंती थीं. एक बच्चे के रूप में मैं तबस्सुम जी को फूल खिले हैं गुलशन गुलशन के शानदार मेजबान के रूप में देखा करती थी. मुझे उनके इस शो के मेहमान याद नहीं, बस वह याद हैं. उनकी आवाज़ और कान के पीछे उनका गुलाब लगाना याद है. ये सभी धुंधली यादें सर्दियों की सुबह की तरह मेरे चारों ओर लिपटी हुई हैं. उन्हें शांति मिले.’
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(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)