रंगमंच, टेलीविजन और फिल्मों में अभिनय करने वाले विक्रम गोखले ने कई मराठी और हिंदी फिल्मों में अपनी पहचान बनाई थी. उनकी परदादी दुर्गाबाई कामत भारतीय सिनेमा की पहली महिला अभिनेत्री थीं, जबकि दादी कमलाबाई गोखले भारतीय सिनेमा की पहली महिला बाल कलाकार थीं.
पुणे: दिग्गज अभिनेता विक्रम गोखले का शनिवार को पुणे के एक अस्पताल में विभिन्न अंगों के काम बंद कर देने के बाद निधन हो गया. अस्पताल के अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
गोखले 77 साल के थे और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के बाद बीते 5 नवंबर को उन्हें शहर के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
अभिनेता के एक पारिवारिक मित्र ने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को शहर के बालगंधर्व सभागार में रखा जाएगा और उनका अंतिम संस्कार शाम को वैकुंठ श्मशान घाट में किया जाएगा.
शनिवार को उनकी बेटी ने कहा, ‘यह पुष्टि की जाती है कि विक्रम गोखले का आज दोपहर निधन हो गया. हम इस कठिन समय में आप सभी को आपकी शुभकामनाओं, समर्थन और प्रार्थनाओं के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं.’
शनिवार सुबह अस्पताल ने एक बयान जारी कर कहा था कि अभिनेता का स्वास्थ्य थोड़ा बिगड़ गया हैं, उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है.
रंगमंच, टेलीविजन और फिल्मों में अभिनय करने वाले गोखले ने कई मराठी और हिंदी फिल्मों में अपनी पहचान बनाई.
मराठी रंगमंच मंच से अपने करिअर की शुरुआत करने के बाद वह सलीम लंगड़े पे मत रो (1986), अमिताभ बच्चन अभिनीत अग्निपथ (1990), खुदा गवाह (1992), आंदोलन (1995), हम दिल दे चुके सनम (1999), हे राम (2000), किसनाः द वारियर पोयट (2005), भूल भुलैया (2007), दे दना दन (2009), नटसम्राट (2015), अय्यारी (2018) और मिशन मंगल (2019) सहित हिंदी की तमाम फिल्मों में काम किया था.
हिंदी फिल्म निकम्मा रिलीज़ हुई थी, जिसमें वह शिल्पा शेट्टी और अभिमन्यु शिवदासानी के साथ नजर आए थे. साल 2021 में उनकी आखिरी मराठी फिल्म ‘गोदावरी’ रिलीज हुई थी. जिसमें वह नीना कुलकर्णी और जितेंद्र जोशी के साथ काम किया था.
उनकी मराठी फिल्मों में बाला गौ काशी अंगार (1977), कलात नकलत (1991), लपंडव (1993), वजीर (1994), मुक्ता (1994), अनुमति (2013), नटसम्राट (2015) और एबी अणि सीडी (2020) शामिल हैं. गोखले द्वारा मराठी भाषा में निर्देशित पहली फिल्म ‘आघात’ थी.
गोखले ने 2013 में मराठी फिल्म ‘अनुमति’ के लिए 60वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार जीता था. इस फिल्म में उन्होंने एक ऐसे असहाय व्यक्ति की भूमिका निभाई थी जिसकी पत्नी ‘कोमा’ में चली जाती हैं.
गोखले के परिवार में उनकी पत्नी वृषाली गोखले और दो बेटियां हैं.
विक्रम गोखले का जन्म 14 नवंबर 1945 को पुणे (तत्कालीन बॉम्बे प्रेसीडेंसी) में हुआ था. वह तीसरी पीढ़ी के कलाकार थे. उनकी परदादी दुर्गाबाई कामत भारतीय सिनेमा की पहली महिला अभिनेत्री थीं, जबकि दादी कमलाबाई गोखले (उस समय कमलाबाई कामत) भारतीय सिनेमा की पहली महिला बाल कलाकार थीं.
उनके पिता चंद्रकांत गोखले एक अनुभवी मराठी फिल्म और रंगमंच कलाकार थे. उन्होंने 70 से अधिक मराठी और हिंदी फिल्मों में अभिनय किया था.
विक्रम गोखले ने बड़े से लेकर छोटे पर्दे व रंगमंच पर अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया
अभिनेता विक्रम गोखले ने अभिनय के अपने लंबे सफर में मराठी से लेकर हिंदी फिल्मों और रंगमंच तथा छोटे पर्दे यानी टीवी तक पर अदाकारी का लोहा मनवाया है. उन्होंने वक्त के साथ अपने अभिनय को ढाला और अलग-अलग मंचों पर विविध भूमिकाएं कीं.
अपने अभिनय करियर के अलावा, गोखले पिछले साल तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत का समर्थन किया था. रनौत ने यह कहकर विवादों में आ गई थी कि भारत को असली आजादी 2014 में मिली थी और 1947 में भारत को ‘भीख’ मिली थी.
उन्होंने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना के बीच फिर से गठबंधन की वकालत की थी. ये दोनों दल 2019 के राज्य विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री के पद को लेकर अलग हो गए थे.
गोखले का संवाद व्यक्त करने का बेहतरीन अंदाज था. उन्होंने शुरुआत में मराठी थियेटर में अभिनेता के तौर पर का काम किया और कई नाटक किए.
गोखले के लगभग 50 साल के करिअर में अमिताभ बच्चन की खास भूमिका है. उन्होंने 1971 में बच्चन अभिनीत फिल्म ‘परवाना’ से बॉलीवुड में अपने सफर का आगाज किया.
इसके 19 साल बाद 1990 में उन्होंने ‘अग्निपथ’ में फिर से बच्चन के साथ काम किया. फिल्म में गोखले ने पुलिस अधिकारी एमएस गायटोंडे का किरदार निभाया और यह भूमिका उनकी सबसे यादगार भूमिकाओं में से एक है.
इसके बाद उन्होंने खुदा गवाह (1992) और एबी अणि सीडी (2020) में बच्चन के साथ काम किया.
अभिनेता को अक्सर ऐसी भूमिकाएं निभाते देखा गया जिसका एक रुतबा होता था.
टेलीविजन में उनका करिअर भी दशकों का है. उन्होंने यादगार टीवी धारावाहिक ‘उड़ान’ में अभिनय किया, जो 1989 से 1990 तक दूरदर्शन पर प्रसारित हुआ. इसके अलावा उन्होंने ‘घर आजा परदेसी’, ‘अल्पविराम’, ‘जाना ना दिल से दूर’, ‘संजीवनी’, ‘इंद्रधनुष’, ‘विरुद्ध’, ‘जीवन साथी’ और ‘मेरा नाम करेगी रोशन’ जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में भी नजर आ चुके थे.
साल 2020 में वह उन्हें सोनी लिव की सीरीज ‘अवरोध: द सीज विदिन’ में भी दिखे थे.
अभिनेता ने 2016 में गले की बीमारी के कारण थियेटर से संन्यास लेने की घोषणा की थी, लेकिन फिल्मों में काम करना जारी रखा.
उनके निधन पर अभिनेता अक्षय कुमार, मनोज बाजपेयी और रवीना टंडन समेत भारतीय सिनेमा के कई कलाकारों ने शोक व्यक्त किया है.
अक्षय कुमार ने गोखले के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि जब उन्होंने ‘भूल भुलैया’ और ‘मिशन मंगल’ जैसी फिल्मों में उनके साथ काम किया तो उन्होंने गोखले से बहुत कुछ सीखा.
वहीं मनोज बाजपेयी ने कहा कि भारतीय सिनेमा ने एक रत्न खो दिया है और उनके परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदनाएं कीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)